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वित्त मंत्रालय ने असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरने की डेडलाइन 15 सितंबर 2025 तय़ की है. (Image : Freepik)
Income Tax Return processing time latest update: इनकम टैक्स रिटर्न फाइल (ITR Filing) करने की डेडलाइन करीब आ रही है, लेकिन प्रोसेसिंग की धीमी रफ्तार को देखते हुए समय सीमा बढ़ाने की मांग तेज हो गई है. वित्त मंत्रालय ने असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए आईटीआई भरने की अंतिम तारीख 15 सितंबर 2025 तय की है.
30 अगस्त 2025 तक के लेटेस्ट डेटा के मुताबिक आयकर विभाग को असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए 4.18 करोड़ से ज्यादा (4,18,21,225) ITR फाइलिंग मिली है. इनमें से 3.96 करोड़ से अधिक इनकम टैक्स रिटर्न वेरिफाई किए जा चुके हैं, लेकिन अब तक सिर्फ 2.59 करोड़ ITRs ही प्रोसेस किए गए हैं. यानी, डेडलाइन खत्म होने में आज से सिर्फ 15 दिन बचे हैं और आधे से ज्यादा रिटर्न अभी तक प्रोसेस नहीं हुए हैं. इस बीच, चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और टैक्सपेयर्स लगातार समय सीमा बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.
आईटीआर फाइलिंग की डेडलाइन बढ़ाने की क्यों उठ रही है मांग?
चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि आयकर पोर्टल पर कई बार तकनीकी समस्याएं सामने आ रही हैं. इसके कारण लाखों टैक्सपेयर्स के रिटर्न की वेरिफिकेशन और प्रोसेसिंग अटकी हुई है. साथ ही, दस्तावेज़ अपलोड करने और वेरिफिकेशन के बाद रसीद जनरेट करने में भी देरी की शिकायतें हैं. इन्हीं कारणों से टैक्स पेशेवर मानते हैं कि सरकार को टैक्सपेयर्स को राहत देते हुए आईटीआर फाइलिंग की डेडलाइन बढ़ा देनी चाहिए.
आयकर विभाग के क्या कहते हैं आंकड़े?
30 अगस्त 2025 तक कुल ITR फाइलिंग: 4,18,21,225
वेरिफाई किए गए ITRs: 3,96,03,743
प्रोसेस किए गए ITRs: 2,59,77,545
इन आंकड़ों से साफ है कि रिटर्न प्रोसेसिंग अभी भी आधे रास्ते में अटकी हुई है.
डेडलाइन नहीं बढ़ाई गई तो क्या होगा?
अगर डेडलाइन बढ़ाई नहीं जाती और पोर्टल पर तकनीकी समस्याएं या डॉक्यूमेंट अपलोडिंग में दिक्कतें बनी रहती हैं, तो अगले 15 दिनों में करोड़ों टैक्सपेयर्स को मुश्किलों का सामना करना पड़ सकता है. इसके बावजूद टैक्सपेयर्स को आयकर विभाग के किसी नए विस्तार का इंतजार नहीं करना चाहिए, बल्कि वे अभी से तैयारी करें, जरूरी दस्तावेज़ इकट्ठा करें और जल्द से जल्द रिटर्न फाइल करें. लेट फाइलर्स को लेट फीस और ब्याज का सामना करना पड़ सकता है. साथ ही, रिटर्न समय पर प्रोसेस न होने के कारण रिफंड में भी देरी हो सकती है.
क्या सरकार डेडलाइन बढ़ाएगी?
बीते सालों में, जब टैक्सपेयर्स को असाधारण परिस्थितियों की वजह से परेशानी हुई, तो सरकार ने आयकर रिटर्न फाइलिंग की डेडलाइन बढ़ा दी थी. इस साल डेडलाइन पहले ही 46 दिन बढ़ा दी गई है, यानी 31 जुलाई से 15 सितंबर तक. अब यह देखना होगा कि वित्त मंत्रालय दूसरी बार डेडलाइन बढ़ाने की घोषणा करता है या नहीं. टैक्स विशेषज्ञों का मानना है कि वर्तमान प्रोसेसिंग की धीमी गति और टैक्सपेयर्स की मुश्किलों को देखते हुए सरकार को फिर से डेडलाइन बढ़ाने का विकल्प रखना पड़ सकता है.
15 सितंबर की डेडलाइन अब बस कुछ ही दिन दूर है, लेकिन लेटेस्ट प्रोसेसिंग आंकड़े चिंता बढ़ा रहे हैं. लाखों करदाता और चार्टर्ड अकाउंटेंट अब सरकार के अगले कदम पर नजर गड़ाए हुए हैं. अगले कुछ दिनों में यह साफ हो जाएगा कि सरकार टैक्सपेयर्स को राहत देते हुए डेडलाइन बढ़ाएगी या नहीं.