/financial-express-hindi/media/media_files/2025/07/03/income-tax-refund-delay-ay-2025-26-freepik-2025-07-03-11-02-38.jpg)
No refund on ITR AY 2025-26 until...: इस साल ITR रिफंड की प्रॉसेस आगे नहीं बढ़ रही है. क्या है इसकी वजह? (Image : Freepik)
No refund on ITR AY 2025-26 until...: इस साल आयकर रिटर्न भरने का काम जोरों पर है, लेकिन आयकर विभाग ने फिलहाल रिफंड जारी करने पर रोक लगा दी है. 75 लाख से ज्यादा आईटीआर फाइल हो चुके हैं और इनमें से 71 लाख से ज्यादा को ई-वेरिफाई भी किया जा चुका है, फिर भी रिफंड की प्रक्रिया आगे नहीं बढ़ रही है. ऐसा इसलिए क्योंकि विभाग पुराने रिटर्न और पेंडिंग असेसमेंट की गहन जांच कर रहा है, जिससे फर्जी रिफंड दावों पर रोक लगाई जा सके.
कब शुरू हुई थी फाइलिंग, क्या है ताजा स्टेटस
आयकर वर्ष 2025-26 के लिए ITR फाइलिंग की शुरुआत मई 2025 के आखिर में हुई थी, जो सामान्य शेड्यूल के मुकाबले करीब एक महीने देर से शुरू हुई. इसके बावजूद, बड़ी संख्या में करदाताओं ने समय रहते अपने रिटर्न दाखिल किए हैं.
अब तक का अपडेट कुछ इस प्रकार है:
अब तक 75 लाख से ज्यादा ITR फाइल हो चुके हैं
इनमें से 71.1 लाख से ज्यादा ई-वेरिफाई हो चुके हैं
लेकिन प्रोसेस किए गए ITR की संख्या अब विभाग की वेबसाइट पर दिखाई नहीं दे रही
रिफंड की प्रक्रिया तब तक नहीं होगी जब तक पुराने टैक्स रिकॉर्ड की जांच पूरी नहीं हो जाती
रिफंड में देरी क्यों हो रही है?
टैक्स एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस बार आयकर विभाग केवल उन्हीं करदाताओं को रिफंड देगा जिनके पुराने रिटर्न और असेसमेंट रिपोर्ट की पूरी तरह से जांच हो चुकी होगी. इसका मकसद फर्जी क्लेम को रोकना है.
सीए सुरेश सुराणा बताते हैं, “ये नया कदम विभाग की रणनीति का हिस्सा है ताकि नकली रिफंड क्लेम्स पर रोक लग सके. अधिकारियों को साफ निर्देश दिए गए हैं कि जिन करदाताओं की पिछली जांच या असेसमेंट क्लोज नहीं हुई है, उनके नए रिफंड रोके जाएं.”
ईमानदार टैक्सपेयर्स हो सकते हैं परेशान
इस बार रिफंड में हो रही देरी से उन ईमानदार टैक्सपेयर्स को दिक्कत हो सकती है जो हर साल समय पर ITR फाइल करते हैं और जिन पर कोई मामला लंबित नहीं होता.
एक वरिष्ठ टैक्स सलाहकार कहते हैं, “आयकर विभाग को एक पारदर्शी सिस्टम बनाना चाहिए, जिससे करदाता ये जान सकें कि उनका रिफंड क्यों अटका है और उसे प्रोसेस होने में कितने दिन लग सकते हैं. फिलहाल, संवाद की कमी की वजह से भ्रम की स्थिति बनी हुई है.”
टैक्सपेयर्स को क्या करना चाहिए?
टैक्स एक्सपर्ट्स का मानना है कि करदाताओं को घबराने की जरूरत नहीं है. अगर आपने सही तरीके से ITR फाइल किया है और सभी जानकारियां सही भरी हैं, तो भले ही थोड़ा समय लगे, लेकिन रिफंड मिलेगा जरूर.
सीए सुराणा सलाह देते हैं कि रिफंड स्टेटस को समय-समय पर चेक करते रहें. अगर पिछले सालों में आपको कोई असेसमेंट नोटिस मिला था, तो उसका स्टेटस भी जांचें.
डेडलाइन बढ़ाए जाने का सही इस्तेमाल करें
आयकर विभाग ने बीते महीने आयकर वर्ष 2025-26 के लिए रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 15 सितंबर 2025 कर दी है. पहले ये डेडलाइन 31 जुलाई थी. यानी नॉन-ऑडिट कैटेगरी के टैक्सपेयर्स को 46 दिन का अतिरिक्त समय मिला है.
इस अतिरिक्त समय का उपयोग करदाता दस्तावेज़ों की जांच और पुराने नोटिसों के समाधान के लिए कर सकते हैं ताकि रिफंड की प्रक्रिया में कोई अड़चन न आए.
थोड़ा इंतजार, लेकिन इंतजाम सही हो
आयकर विभाग की यह सख्ती फर्जी रिफंड क्लेम्स को रोकने के लिहाज से जरूरी है, लेकिन ईमानदार टैक्सपेयर्स को इस प्रक्रिया में बेवजह परेशानी न हो, इसका भी ध्यान रखा जाना चाहिए. रिफंड देरी की वजहों की स्पष्ट जानकारी और ट्रैकिंग सिस्टम से लोगों का भरोसा बना रहेगा.
अगर आपने सही जानकारी के साथ ITR भरा है, तो आपको घबराने की कोई जरूरत नहीं है. थोड़ा इंतजार जरूर करना होगा, लेकिन आपका रिफंड जरूर आएगा.