/financial-express-hindi/media/media_files/2025/07/02/ltcg-calculator-by-using-cost-inflation-index-freepik-2025-07-02-19-20-26.jpg)
LTCG Benefit Calculator : कॉस्ट इंफ्लेशन इंडेक्स की मदद से पुराने एसेट्स की मौजूदा लागत निकाली जा सकती है. (Image : Freepik)
LTCG Benefit Calculator : अगर आपने कभी कोई घर, प्लॉट, गोल्ड या कोई और संपत्ति खरीदी है और कई साल बाद बेचने का मन बना रहे हैं, तो उससे होने वाले मुनाफे पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) टैक्स देना पड़ता है. अगर आपके एसेट के दाम लंबे अरसे में कई गुना बढ़ गए हैं, तो पुरानी लागत की तुलना में मुनाफा बहुत अधिक हो सकता है. तो क्या उस मुनाफे पर आपको भारी टैक्स भी चुकाना पड़ेगा? आपके लिए राहत की बात ये है कि इनकम टैक्स के नियमों में ऐसे हालात के लिए कॉस्ट इंफ्लेशन इंडेक्स (CII) का इंतजाम किया गया है. इस इंडेक्स की मदद से आप बरसों पुराने एसेट की मौजूदा लागत निकाल सकते हैं.
इसका फायदा ये है कि जब आप पुराने एसेट को बेचेंगे तो आपका मुनाफा उसके खरीद मूल्य के आधार पर नहीं बल्कि कॉस्ट इंफ्लेशन इंडेक्स के आधार पर निकाली गई मौजूदा लागत के आधार पर कैलकुलेट किया जाएगा. इससे आपका मुनाफा (Long Term Capital Gains) ) कम बनेगा और टैक्स देनदारी घट जाएगी. इस बात को आगे हम एक उदाहरण की मदद से भी समझेंगे. लेकिन पहले कॉस्ट इंफ्लेशन इंडेक्स (CII) को ठीक से समझ लेते हैं.
क्या होता है कॉस्ट इंफ्लेशन इंडेक्स (CII)
कॉस्ट इंफ्लेशन इंडेक्स एक सरकारी आंकड़ा है, जो आयकर विभाग (Income Tax Department) द्वारा हर साल जारी किया जाता है. इसका इस्तेमाल यह कैलकुलेट करने के लिए किया जाता है कि अगर आप बरसों पहले खरीदी गई किसी संपत्ति की बेचने जा रहे हैं, तो मौजूदा लागत क्या है. इससे यह पता चलता है कि उस एसेट को बेचने से मिली रकम का कितना हिस्सा महंगाई के पेट में चला गया और आपको असल में कितना मुनाफा हुआ. महंगाई से जुड़े इस कैलकुलेशन (Inflation Calculation) के आधार पर आपको सिर्फ असली मुनाफे पर ही LTCG टैक्स देना पड़ता है.
मौजूदा वित्त वर्ष के लिए कितना है CII
आयकर विभाग ने मौजूदा वित्त वर्ष (2025-26) के लिए CII "376" घोषित किया है. इसका मतलब यह है कि अगर आप इस साल कोई पुरानी संपत्ति बेचते हैं, तो आपकी खरीद लागत को इंडेक्स करने के लिए इस आंकड़े का इस्तेमाल किया जाएगा. इससे आपका टैक्सेबल प्रॉफिट कम हो जाएगा और आपको कम टैक्स भरना पड़ेगा. वित्त वर्ष 2001-02 से अब तक साल-दर-साल सरकार ने CII के जो आंकड़े घोषित किए हैं, उनकी जानकारी के लिए आप यहां क्लिक कर सकते हैं.
किन संपत्तियों पर मिलेगा CII का फायदा
जुलाई 2024 के बाद बदले गए नए नियमों के तहत अब ज़्यादातर संपत्तियों पर इस इंडेक्सेशन का फायदा नहीं मिलेगा. लेकिन रिहायशी घर (residential house property) पर ये फायदा अब भी उपलब्ध है, बशर्ते प्रॉपर्टी 22 जुलाई 2024 से पहले खरीदी गई हो और 23 जुलाई 2024 या उसके बाद बेची जा रही हो. ऐसे मामलों में आप पुराने और नए टैक्स नियमों में से किसी एक को चुन सकते हैं.
पुराने नियम के तहत आपको 20% टैक्स देना होगा लेकिन CII पर आधारित इंडेक्सेशन का फायदा मिलेगा. जबकि नए नियम में टैक्स की दर तो 12.5% होगी, लेकिन इंडेक्सेशन बेनिफिट नहीं मिलेगा. अगर आपने घर बरसों पहले खरीदा था और उसकी कीमत में काफी इजाफा हो चुका है, तो आमतौर पर CII का इस्तेमाल करना ज़्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है.
Also read : Gold Outlook : सोने में तेजी का दौर थमने के संकेत? मोतीलाल ओसवाल ने क्या दी सलाह, ब्रोकरेज रिपोर्ट की 5 बड़ी बातें
उदाहरण से समझें कैलकुलेशन
कॉस्ट इंफ्लेशन इंडेक्स के आधार पर एडजस्टेड लागत निकालने का फॉर्मूला है :
Indexed Cost = (CII of sale year / CII of purchase year) × Actual purchase price
यानी
इंडेक्सेशन के बाद लागत = ( बिक्री वाले साल का CII / खरीद वाले साल का CII) × खरीद की मूल कीमत
अब मान लीजिए आपने वित्त वर्ष 2013-14 के दौरान 60 लाख रुपये में एक घर खरीदा था. उस साल का CII था 220. अब आप वही घर वित्त वर्ष 2025-26 के दौरान बेच रहे हैं, जब CII है 376. तो आपकी खरीदी गई कीमत को महंगाई के अनुसार एडजस्ट करने का कैलकुलेशन इस तरह होगा:
(376 / 220) × 60 लाख रुपये = 1,02,54,545 रुपये (करीब 1.03 करोड़ रुपये)
अब अगर आपने उस घर को 1.5 करोड़ रुपये में बेचा, तो आपका लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन होगा:
1.5 करोड़ - 1.03 करोड़ = करीब 47 लाख रुपये.
अब आपको इस 47 लाख रुपये पर 20% की पुरानी दर से LTCG टैक्स देना होगा, जो करीब 9.4 लाख रुपये होगा. और अगर आप इस मुनाफे को भी नियमों का पालन करते हुए दो साल के अंदर एक नई हाउस प्रॉपर्टी खरीदने में निवेश कर देते हैं, तो इतना टैक्स देने से भी बच सकते हैं. वहीं अगर आपको CII का लाभ नहीं मिलता तो 60 लाख रुपये में खरीदा गया घर 1.5 करोड़ रुपये में बेचने पर आपका मुनाफा 90 लाख रुपये माना जाता और उस पर आपको 12.5% के हिसाब से करीब 11.25 लाख रुपये टैक्स देना पड़ता. इससे साफ है कि अगर आप कोई पुरानी संपत्ति बेचने की सोच रहे हैं, खासतौर पर घर, तो CII से आपको कानूनी तौर पर टैक्स देनदारी कम करने में काफी मदद मिल सकती है.