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बहुत सारे एक्सपर्ट्स ने आशंका जताई है कि नए टैक्स बिल में देर से ITR फाइल करने पर रिफंड क्लेम नहीं किया जा सकेगा. (Image : Financial Express)
Refund Under New Income Tax Bill 2025 : क्या नए इनकम टैक्स बिल के कानून बनने पर देर से रिटर्न फाइल करने वालों को रिफंड नहीं मिलेगा? ऐसी आशंकाएं नए इनकम टैक्स बिल 2025 को लोकसभा में पेश किए जाने के बाद से ही जाहिर की जा रही हैं. आम टैक्सपेयर्स ही नहीं, कई एक्सपर्ट्स ने भी सोशल मीडिया के जरिये यही ऐसी राय रखी थी कि नए टैक्स बिल में इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) देर से फाइल करने वाले टैक्सपेयर्स को कोई रिफंड नहीं देने का प्रावधान है. बहुत सारे लोग इसे टैक्सपेयर्स के लिए जरूर से ज्यादा सख्त प्रावधान बताते हुए इसमें संशोधन की मांग भी उठा रहे हैं. इस मसले पर इनकम टैक्स विभाग ने अपना पक्ष रखकर इस मसले को स्पष्ट करने की कोशिश की है. आइए जानते हैं कि क्या ये पूरा मामला.
इनकम टैक्स रिफंड पर क्यों उठा सवाल?
दरअसल यह मसला इनकम टैक्स बिल 2025 के क्लॉज 263(1)(a)(ix) की वजह से उठा, जिसमें कहा गया है कि अगर कोई टैक्सपेयर रिफंड क्लेम करना चाहता है, तो उसे तय समयसीमा के भीतर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना होगा. यह प्रावधान मौजूदा इनकम टैक्स एक्ट 1961 से काफी अलग है, जिसमें 31 दिसंबर तक बिलेटेड (देर से भरा गया) रिटर्न फाइल करने पर भी टैक्सपेयर्स रिफंड क्लेम कर सकते हैं.
इतना ही नहीं, नए इनकम टैक्स बिल के क्लॉज 433 में कहा गया है कि टैक्सपेयर केवल रिटर्न फाइल करते समय ही रिफंड क्लेम कर सकते हैं. इससे यह आशंका और बढ़ गई कि अगर किसी टैक्सपेयर ने तय समयसीमा के बाद ITR फाइल किया, तो वह टैक्स रिफंड क्लेम नहीं कर पाएगा, भले ही उसका टीडीएस (TDS) या टैक्स किसी वजह से ज्यादा कट गया हो.
क्या कहते हैं इनकम टैक्स रिफंड के मौजूदा नियम?
मौजूदा कानून यानी इनकम टैक्स एक्ट 1961 के तहत, अगर कोई टैक्सपेयर यह साबित कर देता है कि उसने जो टैक्स भरा है वह उसकी सही देनदारी से अधिक है, तो ज्यादा वसूली गई टैक्स की रकम रिफंड के रूप में वापस कर दी जाती है.
सेक्शन 237 के मुताबिक अगर किसी टैक्सपेयर ने ज्यादा टैक्स जमा कर दिया है, तो उसे वापस लेने का अधिकार है.
सेक्शन 139 के मुताबिक व्यक्तिगत टैक्सपेयर्स के लिए ITR फाइल करने की डेडलाइन 31 जुलाई है, लेकिन सेक्शन 139(4) के तहत बिलेटेड ITR 31 दिसंबर तक फाइल किया जा सकता है. और उस वक्त भी रिफंड का दावा किया जा सकता है.
सेक्शन 234(F) के तहत अगर कोई टैक्सपेयर देर से ITR फाइल करता है, तो उसे 5,000 रुपये का जुर्माना देना पड़ता है. अगर उसकी सालाना इनकम 5 लाख रुपये से कम है, तो यह जुर्माना घटकर 1,000 रुपये हो जाता है. लेकिन उसका रिफंड क्लेम करने का अधिकार खत्म नहींं होता.
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इनकम टैक्स रिफंड पर आयकर विभाग की सफाई
इनकम टैक्स रिफंड से जुड़ी आशंकाओं को दूर करने के लिए आयकर विभाग ने अपनी तरफ से सफाई दी है. इसमें विभाग ने साफ किया है कि नए टैक्स बिल के लागू होने पर भी इनकम टैक्स रिफंड के नियमों में कोई बदलाव नहीं होने वाला है. एक टैक्स एक्सपर्ट की तरफ से पूछे गए सवाल पर सोशल मीडिया के जरिये रिप्लाई करते हुए विभाग ने कहा कि नए इनकम टैक्स बिल के सेक्शन 263(1)(ix) में पहले से मौजूद प्रावधानों को ही जोड़ा गया है. सेक्शन 263 के तहत या सेक्शन 268(1) के नोटिस के जवाब में फाइल किए गए इनकम टैक्स रिटर्न को सेक्शन 270 के तहत प्रोसेस किया जाएगा और अगर कोई रिफंड बनता है तो वह सेक्शन 271(1)(e) के तहत जारी कर दिया जाएगा.
क्या नए नियमों में भी देर से ITR फाइल करने पर रिफंड मिलेगा?
इनकम टैक्स विभाग की तरफ से दिए जवाब का मतलब यही है कि नया इनकम टैक्स बिल लागू होने के बाद भी देर से फाइल किए गए ITR पर टैक्स रिफंड पाने की सुविधा पहले की तरह ही बनी रहेगी. यानी नया इनकम टैक्स बिल लागू होने के बाद भी अगर कोई टैक्सपेयर डेडलाइन यानी 31 जुलाई के बाद ITR फाइल करता है, तो भी वह टैक्स रिफंड क्लेम कर पाएगा. इनवैलिड रिटर्न (invalid return) में क्लेम किए गए रिफंड पर भी सेक्शन 239 के तहत रिलीफ मिल सकती है.