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ITR Filing: आयकर रिटर्न भरने की अंतिम तारीख क्या 31 जुलाई से आगे बढ़ाई जाएगी? (Image : Pixabay)
Will the ITR filing deadline be extended : इनकम टैक्स रिटर्न भरने की अंतिम तारीख बेहद करीब आ चुकी है. आईटीआर फाइल करने की मौजूदा डेडलाइन 31 जुलाई है. लेकिन आयकर रिटर्न भरने में बड़े पैमाने पर हो रही परेशानियों का हवाला देते हुए लोगों को और वक्त दिए जाने की डिमांड हो रही है. चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की शीर्ष संस्था इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) भी कुछ दिनों पहले आयकर विभाग को चिट्ठी लिखकर ऐसी कई समस्याओं की तरफ ध्यान खींचने की कोशिश कर चुकी है. ये समस्याएं आयकर रिटर्न की ई-फाइलिंग के अलावा फॉर्म 26AS, एनुअल इंफॉर्मेशन स्टेटमेंट (AIS) और टैक्सपेयर इंफॉर्मेशन समरी (TIS) जैसे दस्तावेजों से भी जुड़ी हैं. ऐसे में सबकी नजरें इस बात पर टिकी हैं कि क्या इनकम टैक्स रिटर्न भरने की डेडलाइन आगे बढ़ सकती है?
टैक्सपेयर्स को क्या हो रही हैं दिक्कतें?
1. जरूरी डॉक्युमेंट्स से जुड़ी दिक्कतें : इनकम टैक्स विभाग के पोर्टल पर फॉर्म 26AS, AIS या TIS को ओपन और डाउनलोड करने में कई लोगों को दिक्कत हो रही है. इसके अलावा इन दस्तावेजों में दिए गए आंकड़े कई बार आपस में मैच नहीं करते.
2. ऐसी शिकायतें भी मिल रही हैं कि दो लोगों की साझा आमदनी (joint income) को कई बार दोनों ज्वाइंट अकाउंट होल्डर्स के स्टेटमेंट में अलग-अलग जोड़ दिया जा रहा है. ऐसे टैक्सपेयर्स को विभाग की तरफ से नोटिस (scrutiny notices) भी मिल रहा है, जबकि वे इसकी जानकारी आयकर विभाग को दे चुके हैं.
3. AIS और TIS पर अपना पक्ष रखने के लिए टैक्सपेयर्स को जरूरी ऑप्शन नहीं मिल रहे हैं. दरअसल AIS/TIS पोर्टल करदाताओं को इन स्टेटमेंट में दर्शाई गई जानकारी पर अपना पक्ष रखने के लिए कुछ सीमित ऑप्शन देता है. कई बार टैक्सपेयर का सही रिस्पॉन्स इन दिए हुए विकल्पों के दायरे में नहीं आता. इसके लिए एक ऑप्शन ‘अन्य’ (Others) का भी होना चाहिए, जिसमें लोग अपनी तरफ से पूरी जानकारी दे सकें और जरूरत पड़ने पर अपने दावे के समर्थन में सही दस्तावेज अपलोड भी कर सकें. ऐसा कोई विकल्प अभी मौजूद नहीं है.
4. कई टैक्सपेयर्स ने शिकायत की है कि TIS में कोई भी जानकारी अपडेट होने में काफी वक्त लग रहा है. उनका कहना है कि वे जो भी जानकारी दे रहे हैं, वो कई बार TIS में शामिल नहीं हो पा रही है, जिसके चलते उनके लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरना मुश्किल हो रहा है. आपको बता दें कि इनकम टैक्स रिटर्न में करदाता की तरफ से भरी जाने वाली जानकारी का फॉर्म 26AS और TIS से मैच होना जरूरी है, वरना उन्हें आयकर विभाग की तरफ से नोटिस मिलने की आशंका रहती है, क्योंकि विभाग इन फॉर्म्स में दी गई जानकारी को ही सही मानकर चलता है.
5. रिटर्न भरने वालों को कई बार इनकम टैक्स ई-फाइलिंग पोर्टल (Income-tax e-filing Portal) पर तकनीकी गड़बड़ियों (Technical Glitches) का सामना भी करना पड़ रहा है, जिसके कारण फॉर्म भरने में कठिनाई हो रही है.
6. पहले से भरे गए डेटा बेमेल: कई बार फॉर्म 26AS में वेतन, टीडीएस (TDS), इंटरेस्ट इनकम वगैरह के पहले से भरे हुए आंकड़े टैक्सपेयर्स के पास मौजूद सही जानकारी से मेल नहीं खाते. उन्हें ठीक कराए बिना रिटर्न भरना मुश्किल हो जाता है.
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7. कई टैक्सपेयर्स की शिकायत है कि आईटीआर फाइल करते समय उन्हें बार-बार 'एरर मैसेज' (error message) मिल रहे हैं, जिससे रिटर्न भरने में काफी मुश्किल हो रही है.
8. कई बार टैक्सपेयर्स को इनकम टैक्स पोर्टल से वन टाइम पासवर्ड (OTP) नहीं मिल रहे हैं या तो बहुत देर से मिल रहे हैं. इसकी वजह से अपना रिटर्न भरने के बाद उसे सबमिट करना और उसका वेरिफिकेशन करना मुश्किल हो रहा है.
9. कई लोगों का कहना है कि उन्हें आईटीआर फाइल करने के बाद उसकी रसीद (ITR Receipts) या एक्नॉलेजमेंट (acknowledgement) डाउनलोड करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे रिटर्न फाइल करने की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पा रही है.
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ICAI ने अपनी चिट्ठी में टैक्सपेयर्स की इन परेशानियों का जिक्र करने के बावजूद सीधे तौर पर डेडलाइन बढ़ाने की मांग नहीं की है. लेकिन सवाल यह है कि अगर वक्त रहते इन दिक्कतों को दूर नहीं किया गया, तो क्या ये इनकम टैक्स देने वालों के साथ नाइंसाफी नहीं होगी?