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ITR Filing : जिनकी सालाना आमदनी 4 लाख से 12 लाख रुपये के बीच है, उन्हें इनकम टैक्स रिटर्न क्यों भरना होगा? (Image : Freepik)
ITR Filing for Annual Income Upto Rs 12 lakh: बजट 2025 में भारत सरकार ने टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत देते हुए सेक्शन 87A के तहत टैक्स छूट की सीमा को बढ़ाकर 12 लाख रुपये कर दिया है. यानी अगर आपकी सालाना आय 12 लाख रुपये तक है, तो आपको कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा. साथ ही, नई टैक्स रिजीम (New Tax Regime) में इनकम टैक्स की बेसिक एग्जम्पशन लिमिट (basic exemption limit) को भी बढ़ाकर 4 लाख रुपये कर दिया गया है. ये नए प्रावधान अगले वित्त वर्ष (FY26) यानी 1 अप्रैल 2025 से न्यू टैक्स रिजीम के नए टैक्स स्लैब के साथ लागू होने हैं. लेकिन क्या इसका मतलब यह है कि जिनकी सालाना आय 12 लाख रुपये से कम है, उन्हें इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने की भी जरूरत नहीं होगी? इस सवाल का जवाब जानने के के लिए टैक्स से जुड़े प्रावधानों को अच्छी तरह समझना जरूरी है.
क्या 12 लाख रुपये तक की आय वालों को ITR नहीं भरना होगा?
बजट 2025 में पेश प्रावधानों के तहत जिन लोगों की सालाना आय 12 लाख रुपये तक है, उन्हें 1 अप्रैल 2025 से शुरू हो रहे अगले वित्त वर्ष के लिए कोई इनकम टैक्स नहीं भरना पड़ेगा. इसके अलावा स्टैंडर्ड डिडक्शन समेत कुछ और टैक्स बेनिफिट्स को जोड़ने पर टैक्स-फ्री इनकम का ये दायरा और भी बढ़ाया जा सकता है. लेकिन इसका यह मतलब ये नहीं है कि आपको ITR भी फाइल नहीं करना होगा. आइए समझते हैं कि ऐसा क्यों है.
क्यों जरूरी है ITR फाइल करना?
- बजट 2025 में पेश प्रावधानों के मुताबिक नई टैक्स रिजीम (New Tax Regime) में इनकम टैक्स की बेसिक एग्जम्पशन लिमिट (basic exemption limit) बढ़ाकर 4 लाख रुपये की गई है.
- यानी 4 लाख रुपये तक की आय वालों के लिए 1 अप्रैल 2025 से शुरू हो रहे अगले वित्त वर्ष के लिए रिटर्न भरना जरूरी नहीं होगा.
- 4 लाख रुपये के बाद 12 लाख रुपये तक की इनकम पर इनकम टैक्स जोड़ा तो जाएगा, लेकिन जिनकी सालाना आय 12 लाख तक ही है, उनकी टैक्स देनदारी सरकार की तरफ से सेक्शन 87A के तहत रिबेट देकर माफ कर दी जाएगी.
- सेक्शन 87A के तहत टैक्स रिबेट का लाभ लेने के लिए ITR फाइल करना जरूरी है. अगर कोई व्यक्ति अपना ITR फाइल नहीं करता, तो आयकर विभाग उसे टैक्स अदा नहीं करने का नोटिस भेज सकता है.
- यानी बजट 2025 के नए नियमों के मुताबिक, 4 लाख रुपये तक की सालाना आय वालों के लिए ITR भरना जरूरी नहीं होगा. लेकिन 4 लाख से 12 लाख रुपये की आय वालों को रिबेट का लाभ तभी मिलेगा, जब वे ITR फाइल करेंगे.
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मौजूदा वित्त वर्ष के लिए क्या हैं प्रावधान
12 लाख रुपये तक की आय पर टैक्स नहीं लगने और बेसिक एग्जम्पशन लिमिट बढ़ाकर 4 लाख रुपये सालाना करने के प्रावधान अगले वित्त वर्ष से लागू हैं. लेकिन मौजूदा वित्त वर्ष यानी 2024-25 में बेसिक एग्जम्पशन लिमिट, न्यू टैक्स रिजीम में 3 लाख रुपये और पुरानी रिजीम में 2.5 लाख रुपये है. फिलहाल नई टैक्स रिजीम में 7 लाख रुपये तक की सालाना आमदनी वालों को इनकम टैक्स नहीं देना पड़ता है, लेकिन इसके लिए उन्हें भी ITR फाइल करना होगा, ताकि 3 लाख रुपये से 7 लाख रुपये तक की आय पर बनने वाली टैक्स देनदारी सेक्शन 87A के तहत टैक्स रिबेट क्लेम करके माफ कराई जा सके. ओल्ड टैक्स रिजीम में अभी यह टैक्स रिबेट 2.5 लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक की सालाना आय पर क्लेम की जा सकती है. यानी सालाना आय अगर 2.5 लाख रुपये से ऊपर है, तो आईटीआर फाइल करना जरूरी है, तभी टैक्स रिबेट क्लेम कर सकते हैं.
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12 लाख रुपये की छूट में LTCG, STCG शामिल नहीं
अगले साल से लागू नए टैक्स प्रावधानों के बारे में यह बात समझना भी जरूरी है कि 12 लाख रुपये तक की सालाना आमदनी पर मिलने वाली टैक्स छूट के दायरे में लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG) या शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन (STCG) से होने वाली आमदनी को शामिल नहीं किया गया है. यानी इस तरह की आय पर LTCG और STCG टैक्स भरना ही होगा.