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Investment Tips: निवेश में सफलता के लिए जरूरत से ज्यादा रिस्क लेने से बचना जरूरी है. (Image : Pixabay)
How to Avoid Unnecessary Risk in Investment : निवेश के जरिये वेल्थ क्रिएशन के लिए सही फैसले लेना और धैर्य बनाए रखना जरूरी होता है. लेकिन कई बार निवेशक लालच, कम जानकारी या जल्दबाजी में ऐसे कदम उठा लेते हैं जो उनके निवेश को जुए की तरह रिस्की बना देते हैं. इसलिए इनवेस्टमेंट के मामले में सफलता के लिए ये जानना जरूरी है कि निवेश करते समय जरूरत से ज्यादा रिस्क लेने से कैसे बचा जा सकता है. हम यहां ऐसी 10 बातें बताने जा रहे हैं, जिन पर अमल करके निवेशक रिस्की बिहेवियर से बच सकते हैं.
निवेश और जुए का समझें फर्क
निवेश को कभी भी रातों-रात अमीर होने का जादुई तरीका नहीं मानना चाहिए. ऐसी सोच ही निवेश को किसी जुए की तरह रिस्की बना सकती है. यह समझना जरूरी है कि निवेश और जुए में बहुत बड़ा फर्क होता है. यह फर्क है दोनों के उद्देश्य और रणनीति का. निवेशअपने वित्तीय लक्ष्य को हासिल करने लिए सोच-समझकर बनाई गई एक लॉन्ग टर्म यानी दीर्घकालिक योजना है. इसमें जोखिम का आकलन और रणनीतिक फैसले लेना शामिल है. वहीं, बिना किसी तार्किक योजना के केवल तेजी से मुनाफा कमाने के लालच में पैसे लगा देना जुए की मानसिकता का संकेत है. यानी अगर आप यह नहीं जानते कि आप किसी एसेट में क्यों निवेश कर रहे हैं और उसमें मुनाफा होने की उम्मीद किन तार्किक कारणों पर आधारित है, तो आप अनजाने में जुए की तरफ बढ़ सकते हैं. नीचे बताई गई 10 बातों पर अमल करके आप ऐसी गलती करने से बच सकते हैं:
1. अपने वित्तीय लक्ष्य निर्धारित करें
निवेश करने से पहले अपने वित्तीय लक्ष्य तय करें. निवेश को अपनी लंबी अवधि की योजनाओं जैसे कि बच्चों की पढ़ाई, रिटायरमेंट फंड या घर खरीदने से जोड़ें. यह आपको गैर-जरूरी जोखिम लेने से बचाएगा.
2. लालच और जल्दबाजी से बचें
निवेश से जुड़े फैसले लेते समय मुनाफे की उम्मीद रीजनेबल यानी तार्किक और समझदारी पर आधारित होनी चाहिए और उसे हासिल करने के लिए अपने निवेश को पर्याप्त समय देने की तैयारी भी रहनी चाहिए. रातों रात मालामाल करने वाले निवेश के लुभावने ऑफर अक्सर गुमराह करने वाले होते हैं. जल्दबाजी में ऐसे किसी ऑफर के चक्कर में फंसने से बचें.
3. सही जानकारी के बिना निवेश न करें
जल्दी पैसा कमाने की चाहत में कई लोग फ्यूचर्स एंड ऑप्शन्स (F&O), डे ट्रेडिंग, क्रिप्टोकरेंसी या अन्य हाई-रिस्क विकल्पों में कूद पड़ते हैं. निवेश के इन विकल्पों के तरीकों के बारे में विशेषज्ञता की कमी भारी नुकसान का कारण बन सकती है. ऐसी गलतियों से बचने के लिए हमेशा निवेश के उन्हीं विकल्पों में पैसे लगाएं, जिन्हें आप अच्छी तरह समझते हैं. आप निवेश के जिन प्रोडक्ट्स को ठीक से नहीं समझते, उसमें निवेश न करें. याद रखें, किसी भी निवेश विकल्प से जुड़े रिस्क को समझे बिना उसमें पैसे लगाना जुए जैसा ही है.
4. निवेश में डायवर्सिफिकेशन अपनाएं
अपने निवेश को अलग-अलग एसेट क्लास जैसे कि इक्विटी, डेट, म्यूचुअल फंड और गोल्ड में बांटकर निवेश करें. इससे अगर एक एसेट क्लास में नुकसान होता है, तो दूसरे एसेट क्लास में किया गया निवेश आपके पोर्टफोलियो को सुरक्षित रखेगा. डायवर्सिफिकेशन आपके निवेश को बाजार की उथल-पुथल से भी बचाता है..
5. रिस्क की लिमिट तय करें
हाई-रिस्क वाले इनवेस्टमेंट ऑप्शन्स में निवेश करते समय अपनी रिस्क की लिमिट जरूर तय करें. मिसाल के तौर पर अगर आप F&O या क्रिप्टो को अच्छी तरह समझने के बाद उसमें निवेश का मन बना लेते हैं, तो भी उसमें अपने कुल निवेश का 20% से अधिक पैसा न लगाएं. ऐसे निवेश के लिए स्टॉप-लॉस लिमिट भी सेट करें.
6. दूसरों के कहने पर निवेश न करें
किसी भी एसेट में सिर्फ इसलिए इनवेस्ट न करें, क्योंकि आपके किसी दोस्त, साथ में काम करने वालों सहकर्मी ने ऐसा किया है या उसकी सलाह दी है. सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स के कहने पर निवेश करने से भी बचें. याद रखें कि लोग अक्सर अपने मुनाफे की कहानियां तो शेयर करते हैं, लेकिन अपने नुकसान का जिक्र करने से कतराते हैं. यह भी ध्यान में रखें कि अगर हर कोई किसी स्टॉक की तारीफ कर रहा हो, तो यह अक्सर अलर्ट होने का समय होता है. इसका यह मतलब भी हो सकता है कि वह स्टॉक्स पहले से ही काफी ऊपर जा चुका है और अब उसमें और मुनाफा मिलने की गुंजाइश कम है.
7. भावनाओं को काबू में रखें
इनवेस्टमेंट से जुड़े फैसले करते समय गुस्से, डर या निराशा जैसी भावनात्मक प्रतिक्रियाओं को काबू में रखना जरूरी है. वरना ये भावनाएं आपके सही फैसला लेने की क्षमता को प्रभावित कर सकती हैं. मिसाल के तौर पर नुकसान की भरपाई करने के लिए और पैसे लगाना (Chasing Losses) एक ऐसी गलती है, जिसमें बहुत सारे निवेशक फंस जाते हैं.
8. एड्रेनलिन रश से बचें
तेजी से मुनाफा कमाने का उत्साह अक्सर ज्यादा रिस्की फैसलों की ओर ले जाता है. हाई-रिटर्न का वादा करने वाले प्रोडक्ट्स से सावधान रहें. हर निवेश को कैलकुलेशन के नजरिये से देखें. एड्रेनलिन रश यानी जरूरत से ज्यादा जोश में आकर फैसला करने से बचें. मिसाल के तौर पर अगर कोई 5 साल में आपके पैसे 4 गुना करने का वादा करे और आप उस संभावित मुनाफे के बारे में सोचकर उछल पड़ें तो गलत फैसला कर सकते हैं.
9. प्रोफेशनल हेल्प लेने को तैयार रहें
अगर आप अपने निवेश को लेकर असमंजस में हैं, तो किसी भरोसेमंद और सेबी से मान्यताप्राप्त वित्तीय सलाहकार से मदद लें. सलाहकार से अपनी जिज्ञासाओं और आशंकाओं के बारे में खुलकर सवाल करें. एक्सपर्ट का गाइडेंस निवेश के बारे मे सही फैसला लेने में आपकी मदद कर सकता है. लेकिन किसी एक्सपर्ट की बात भी आंख मूंदकर न मानें. जब कोई बात आपकी समझ में पूरी तरह आ जाए, तभी उस पर आगे बढ़ें. अगर निवेश में हो रहा नुकसान किसी की आर्थिक स्थिति के साथ ही साथ मानसिक स्वास्थ्य को भी प्रभावित कर रहा हो, तो मनोवैज्ञानिक सलाह लेने में भी हिचकिचाना नहीं चाहिए.
10. निवेश में अनुशासन का महत्व समझें
निवेश में अनुशासन का महत्व बहुत अधिक है. इसका मतलब है कि किसी भी नई योजना में निवेश करने से पहले उससे जुड़े जोखिम और संभावित रिटर्न का आकलन करें. इसके बाद अच्छी तरह सोच-समझकर बनाए गए इनवेस्टमेंट प्लान पर टिके रहें और निवेश को नियमित रूप से ट्रैक करें.
इन 10 मंत्रों को अपनाकर आप न केवल अपनी मेहनत की कमाई को सुरक्षित रख सकते हैं, बल्कि अपने वित्तीय लक्ष्यों को भी आसानी से हासिल कर सकते हैं. कुल मिलाकर, निवेश एक महत्वपूर्ण आर्थिक फैसला है, जिसमें सही जानकारी, धैर्य और अनुशासन की जरूरत होती है. जल्दी पैसा कमाने के चक्कर में निवेश को जुआ न बनाएं.