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Mutual Fund SIP: ELSS में निवेश करके आप टैक्स बचाने के साथ ही आकर्षक रिटर्न भी कमा सकते हैं. (Image : Pixabay)
SIP in ELSS for Tax Saving: मौजूदा वित्त वर्ष खत्म होने में अब करीब 4 महीने ही बचे हैं. ऐसे में बहुत से लोगों को अपने टैक्स सेविंग इनवेस्टमेंट का ध्यान आता है. हालांकि टैक्स सेविंग के लिए पूरे साल निवेश करना बेहतर रहता है, लेकिन जो लोग पिछले कुछ महीनों के दौरान ऐसा नहीं कर सके होंगे, उनके पास अब भी ऐसा करने का मौका है. टैक्स बचाने वाले इनवेस्टमेंट ऑप्शन में इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) का नाम हमेशा ही लिया जाता है. ELSS की सबसे बड़ी खूबी ये है कि इसमें निवेश करके आप न सिर्फ टैक्स बचा सकते हैं, बल्कि काफी आकर्षक रिटर्न भी मिलता है. ईएलएसएस में आप सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिये भी निवेश कर सकते हैं. देश के कई टॉप रेटेड ELSS फंड्स ने पिछले 5 साल में अपने निवेशकों को एसआईपी पर शानदार रिटर्न दिए हैं. ऐसे 5 टॉप फंड्स ने पिछले 5 साल में SIP के जरिये लगाए गए पैसों की फंड वैल्यू को डबल या उससे भी ज्यादा कर दिया है. इन टॉप 5 ईएलएसएस और उनके टैक्स सेविंग से जुड़े नियमों की जानकारी आगे देंगे, लेकिन उससे पहले ईएलएसएस की खूबियों पर एक नजर डाल लेते हैं.
ELSS की इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजी
सेबी के नियमों के तहत किसी भी इक्विटी लिंक्ड सेविंग स्कीम (Equity Linked Saving Scheme) का कम से कम 80% हिस्सा स्टॉक्स में निवेश करना जरूरी है. बाकी 20% निवेश दूसरे एसेट्स में किया जा सकता है. ELSS का मुख्य उद्देश्य टैक्स सेविंग के साथ-साथ इक्विटी पोर्टफोलियो में निवेश के जरिये मुनाफा कमाना है.खास बात ये है कि ईएलएसएस का लॉक-इन पीरियड सिर्फ 3 साल का होता है, जो टैक्स सेविंग करने वाली सभी स्कीम्स में सबसे कम है. हालांकि इस स्कीम में अगर 5 साल या उससे भी ज्यादा समय तक निवेश बनाए रखा जाए, तो वेल्थ क्रिएशन के लिए बेहतर रहता है.
SIP के जरिये 5 साल में पैसे डबल करने वाली स्कीम
यहां हम आपको उन टॉप रेटेड ईएलएसएस स्कीम की जानकारी दे रहे हैं, जिनके डायरेक्ट प्लान ने पिछले 5 साल के दौरान एसआईपी के जरिये निवेश करने वालों के पैसे लगभग दोगुने या उससे भी ज्यादा कर दिए हैं.
1. Motilal Oswal ELSS Tax Saver Fund (Direct Plan)
वैल्यू रिसर्च की रेटिंग : 4 स्टार
5 साल में SIP रिटर्न (एन्युलाइज्ड): 32.15 %
3 साल में SIP रिटर्न (एन्युलाइज्ड) : 38.95 %
मंथली SIP : 10 हजार रुपये
SIP के जरिये 5 साल में कुल निवेश : 6 लाख रुपये
5 साल बाद फंड वैल्यू : 13,34,838 रुपये
2. Quant ELSS Tax Saver Fund (Direct Plan)
वैल्यू रिसर्च की रेटिंग : 5 स्टार
5 साल में SIP रिटर्न (एन्युलाइज्ड) : 30.31 %
3 साल में SIP रिटर्न (एन्युलाइज्ड) : 21.71 %
मंथली SIP : 10 हजार रुपये
SIP के जरिये 5 साल में कुल निवेश : 6 लाख रुपये
5 साल बाद फंड वैल्यू : 12,90,405 रुपये
3. SBI Long Term Equity Fund (Direct Plan)
वैल्यू रिसर्च की रेटिंग : 5 स्टार
5 साल में SIP रिटर्न (एन्युलाइज्ड) : 30.06 %
3 साल में SIP रिटर्न (एन्युलाइज्ड) : 32.94 %
मंथली SIP : 10 हजार रुपये
SIP के जरिये 5 साल में कुल निवेश : 6 लाख रुपये
5 साल बाद फंड वैल्यू : 12,61,442 रुपये
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4. HDFC ELSS Tax Saver Fund (Direct Plan)
वैल्यू रिसर्च की रेटिंग : 4 स्टार
5 साल में SIP रिटर्न (एन्युलाइज्ड) : 27.61 %
3 साल में SIP रिटर्न (एन्युलाइज्ड) : 28.51 %
मंथली SIP : 10 हजार रुपये
SIP के जरिये 5 साल में कुल निवेश : 6 लाख रुपये
5 साल बाद फंड वैल्यू : 11,87,946 रुपये
5. Bank of India ELSS Tax Saver Fund (Direct Plan)
वैल्यू रिसर्च की रेटिंग : 4 स्टार
5 साल में SIP रिटर्न (एन्युलाइज्ड) : 27.34 %
3 साल में SIP रिटर्न (एन्युलाइज्ड) : 27.83 %
मंथली SIP : 10 हजार रुपये
SIP के जरिये 5 साल में कुल निवेश : 6 लाख रुपये
5 साल बाद फंड वैल्यू : 11,87,399 रुपये
ELSS पर कितनी मिलती है टैक्स छूट
ELSS में किए गए निवेश पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है. यह बेनिफिट एक वित्त वर्ष के दौरान मैक्सिमम 1.5 लाख रुपये तक के निवेश पर मिलता है. 3 साल के लॉक-इन के बाद ELSS फंड की यूनिट्स बेचने पर होने वाले मुनाफे पर टैक्स छूट मिलती है. इससे एक वित्त वर्ष के दौरान हुए 1.25 लाख रुपये तक के लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स (LTCG) यानी प्रॉफिट पर कोई इनकम टैक्स नहीं देना पड़ता है. इससे ज्यादा मुनाफा होने पर 12.5% की दर से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स लगता है. यह टैक्स भी हायर टैक्स स्लैब की तुलना में कम है. यही वजह है कि टैक्स में बचत के लिहाज से ELSS काफी अच्छी स्कीम मानी जाती है.
मार्केट रिस्क को ध्यान में रखें
ELSS का 80% निवेश इक्विटी यानी शेयर में होने कारण इन पर मार्केट के उतार-चढ़ाव का काफी असर पड़ता है. यही वजह है कि इन फंड्स को ‘बहुत अधिक रिस्क’ (Very High Risk) की कैटेगरी में रखा जाता है. हालांकि अगर एसआईपी के जरिये लंबी अवधि के लिए निवेश किया जाए, तो मार्केट रिस्क को कम करने में मदद मिलती है. लेकिन फिर भी मार्केट रिस्क खत्म नहीं हो जाता. बेहतर यही होगा कि आप ELSS में निवेश का फैसला करने से पहले अपनी रिस्क लेने की क्षमता का आकलन कर लें.
(डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल का उद्देश्य सिर्फ स्कीम की जानकारी देना है, निवेश की सिफारिश करना नहीं. म्यूचुअल फंड के पिछले रिटर्न को भविष्य में वैसे ही प्रदर्शन की गारंटी नहीं माना जा सकता. निवेश का कोई भी फैसला अपने निवेश सलाहकार की राय लेने के बाद ही करें.)