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टैक्स फाइल करना अब पहले से कहीं ज़्यादा आसान और सुविधाजनक हो गया है.(Image: Freepik)
How to File ITR-1 Form Sahaj : वित्त वर्ष 2024-25 यानी असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने की प्रक्रिया जारी है. टैक्सपेयर्स की सुविधा को ध्यान में रखते हुए आयकर विभाग ने मई 2025 के अंत में ITR दाखिल करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 की. विभाग ने इस बार ITR फॉर्म्स को और अधिक यूजर-फ्रेंडली बनाने के लिए कई तकनीकी सुधार किए हैं.
ITR-1, जिसे ‘सहज फॉर्म’ कहा जाता है, खास तौर पर उन टैक्सपेयर्स के लिए है जिनकी आय के स्रोत सैलरी, पेंशन या बैंक ब्याज जैसे सीधे और सीमित होते हैं. इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि ITR-1 कौन भर सकता है, किसके लिए यह फॉर्म मान्य नहीं है, किन दस्तावेजों की जरूरत पड़ेगी और इसे ऑनलाइन भरने की स्टेप-बाय-स्टेप प्रक्रिया क्या है? ITR फाइल करने से पहले, आइए जानते हैं कि 'सहज फॉर्म' आखिर है क्या.
ITR-1 (सहज फॉर्म) क्या है?
ITR-1 एक सरल और एक पन्ने का फॉर्म है. इसे खास तौर पर सैलरी पाने वाले, पेंशनर्स और सीमित आय जैसे ब्याज पाने वाले व्यक्तियों के लिए डिजाइन किया गया है. अगर आपकी सालाना कुल आय 50 लाख रुपये या उससे कम है, तो आप यह फॉर्म भर सकते हैं.
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ITR-1 कौन फाइल कर सकता है?
आप ITR-1 फाइल कर सकते हैं अगर आपकी आय निम्नलिखित स्रोतों से है:
एक या अधिक नियोक्ताओं से सैलरी या पेंशन
एक ही मकान से किराया या व्यक्तिगत उपयोग (और कोई हाउस प्रॉपर्टी लॉस कैरी फॉरवर्ड नहीं है)
बैंक/एफडी/पोस्ट ऑफिस से मिलने वाला ब्याज
सेक्शन 112A के तहत इक्विटी शेयर या म्यूचुअल फंड से लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन 1.25 लाख रुपये तक (और कोई लॉस कैरी फॉरवर्ड नहीं)
अगर आपके जीवनसाथी या नाबालिग बच्चों की आय इन सीमाओं में आती है, तो उनकी आय को अपनी आय में जोड़कर दिखा सकते हैं
ध्यान रखें: पैन से आधार लिंक होना जरूरी है, बिना इसके ITR मान्य नहीं होगा.
कौन ITR-1 नहीं भर सकता?
आप यह फॉर्म नहीं भर सकते अगर:
आपकी कुल आय 50 लाख रुपये से अधिक है
आप किसी कंपनी के डायरेक्टर हैं या आपके पास अनलिस्टेड शेयर हैं
आप NRI या RNOR (Residents Not Ordinarily Resident) हैं
या फिर आपकी आय इन स्रोतों से आती है:
दो या अधिक मकान
लॉटरी, घुड़दौड़, सट्टा आदि
1.25 लाख रुपये से अधिक कैपिटल गेन या लॉस
5,000 रुपये से अधिक की कृषि आय
बिजनेस या फ्रीलांस प्रोफेशन
विदेश में प्रॉपर्टी या बैंक अकाउंट
ESOP पर डिफर्ड टैक्स
क्रिप्टो या वर्चुअल डिजिटल एसेट्स से आय
सेक्शन 194N के तहत TDS कटा हो
इस साल ITR-1 (AY 2025-26) में क्या बदलाव हुए हैं?
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन की रिपोर्टिंग में छूट: अब 1.25 लाख रुपये तक का LTCG भी ITR-1 में दिखा सकते हैं, पहले ITR-2 अनिवार्य था
डिडक्शन इंटरफेस अपडेट: अब 80C से 80U तक छूट चुनने के लिए ड्रॉपडाउन मेन्यू मिलेगा
विदेशी रिटायरमेंट अकाउंट: सेक्शन 89A के तहत नया सेक्शन जोड़ा गया है
आधार एनरोलमेंट ID हटा दी गई: अब सिर्फ वैध 12-अंकों का आधार ही मान्य होगा
TDS डिटेल्स में नया कॉलम: अब यह बताना जरूरी होगा कि किस सेक्शन के तहत TDS कटा है
ITR-1 भरने के लिए जरूरी दस्तावेज – पहले से रखें तैयार
सभी नियोक्ताओं से मिला फॉर्म 16
फॉर्म 26AS (TDS मिलान के लिए)
निवेश रसीदें (80C, 80D, HRA आदि)
पैन कार्ड और आधार कार्ड
बैंक ब्याज डिटेल्स (एफडी, सेविंग्स अकाउंट पासबुक)
ITR-1 फॉर्म का स्ट्रक्चर क्या है?
Part A – सामान्य जानकारी (नाम, पैन, पता, आधार)
Part B – कुल सकल आय (सैलरी, हाउस प्रॉपर्टी, अन्य स्रोत)
Part C – छूट और कर योग्य आय
Part D – टैक्स की गणना
Part E – बैंक डिटेल्स और अन्य जानकारी
Schedule IT – एडवांस टैक्स/स्व-मूल्यांकन टैक्स
Schedule TDS – TDS और TCS की डिटेल्स
वेरिफिकेशन सेक्शन
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ITR-1 ऑनलाइन कैसे भरें? (स्टेप-बाय-स्टेप गाइड)
इनकम टैक्स ई-फाइलिंग पोर्टल पर जाएं
लॉगिन करें या नया अकाउंट बनाएं
e-File > Income Tax Returns > File Income Tax Return पर जाएं
AY 2025-26 और Filing Mode ‘Online’ चुनें
‘Start New Filing’ पर क्लिक करें
Status चुनें – Individual या HUF
ITR-1 फॉर्म सेलेक्ट करें
‘Let’s Get Started’ पर क्लिक करें
फाइलिंग का कारण चुनें – जैसे ‘Original’ या ‘Revised Return’
अब इन 5 सेक्शन को भरें
Personal Info: नाम, पैन, आधार, बैंक डिटेल्स
Gross Total Income: सैलरी, ब्याज आदि
Total Deductions: 80C, 80D जैसी छूट
Tax Paid: TDS, एडवांस टैक्स
Total Tax Liability: कितना टैक्स देना है या रिफंड मिलेगा
फॉर्म भरने के बाद सभी जानकारी ध्यान से चेक करें, वैलिडेशन करें, और अंत में ई-वेरिफिकेशन करें – OTP या आधार बेस्ड.
अगर आपकी सालाना आय 50 लाख रुपये से कम है और ऊपर बताए गए नियमों के तहत आती है, तो ITR-1 (सहज) आपके लिए सबसे सरल और उपयुक्त फॉर्म है. सही जानकारी के साथ समय पर रिटर्न फाइल करें ताकि किसी परेशानी से बचा जा सके.