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ITR filing 2025 : कई बार बेसिक एग्जम्प्शन लिमिट से कम इनकम होने पर भी ITR भरना जरूरी हो सकता है. (AI Image)
ITR Filing 2025 :बहुत से लोग मानते हैं कि जब तक उनकी सालाना आमदनी बेसिक एग्जम्प्शन लिमिट से कम है, तब तक उन्हें इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने की जरूरत नहीं होती. लेकिन ऐसा सोचना कई बार गलत साबित हो सकता है. इनकम टैक्स कानून के मुताबिक कुछ खास परिस्थितियों में सालाना कमाई बेसिक एग्जम्प्शन लिमिट से कम होने पर भी ITR भरना जरूरी हो सकता है. आइए जानते हैं उन 7 कंडीशन्स के बारे में, जिनके लागू होने पर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना कंपल्सरी है.
बेसिक एग्जम्प्शन लिमिट क्या है और कब जरूरी है ITR?
इनकम टैक्स कानून के अनुसार, अगर आपकी कुल इनकम बेसिक एग्जम्प्शन लिमिट से अधिक है, तो ITR भरना अनिवार्य है. नए टैक्स रिजीम में यह लिमिट 3 लाख रुपये है, जो सभी टैक्सपेयर्स पर समान रूप से लागू होती है. वहीं पुराने टैक्स रिजीम में यह लिमिट आम टैक्सपेयर्स के लिए 2.5 लाख रुपये, सीनियर सिटिजन्स (60 से 80 साल) के लिए 3 लाख रुपये और सुपर सीनियर सिटिजन्स (80 साल से ऊपर) के लिए 5 लाख रुपये है. हालांकि कुछ ऐसे मामले हैं, जिनमें इनकम इससे कम होने पर भी रिटर्न भरना जरूरी हो जाता है.
1. विदेश यात्रा पर 2 लाख रुपये से ज्यादा खर्च करने पर
अगर आपने वित्त वर्ष 2024-25 में खुद के लिए या किसी अन्य व्यक्ति के लिए 2 लाख रुपये या उससे ज्यादा की रकम विदेश यात्रा पर खर्च की है, तो आपको ITR फाइल करना जरूरी हो जाता है. ये खर्च एक बार में या पूरे साल में मिलाकर हो सकता है. इनकम टैक्स कानून में ऐसा होने पर ITR फाइलिंग जरूरी है.
2. अगर आपके पास विदेश में संपत्ति, शेयर या इनकम है
अगर आपने विदेशी कंपनियों के शेयरों में निवेश किया है, या आपके पास विदेश में कोई एसेट है, या फिर वहां से आपको डिविडेंड, किराया या ब्याज जैसी कोई इनकम होती है, तो आपके लिए ITR फाइल करना जरूरी है. यहां तक कि अगर आपके पास किसी विदेशी बैंक खाते की साइनिंग अथॉरिटी है, तो भी आपको ITR भरना पड़ेगा, भले ही आपकी भारत में टैक्सेबल इनकम बेसिक लिमिट से कम ही क्यों न हो.
3. अगर आपका 25,000 रुपये या उससे अधिक TDS/TCS कटा है
CBDT ने अप्रैल 2022 में नियम बनाया कि अगर किसी व्यक्ति का कुल मिलाकर 25,000 रुपये या उससे ज्यादा टैक्स डिडक्टेड ऐट सोर्स (TDS) या टैक्स कलेक्टेड ऐट सोर्स (TCS) कटा है, तो उसके लिए ITR फाइल करना जरूरी होगा. सीनियर सिटिजन्स के मामले में यह लिमिट 50,000 रुपये रखी गई है.
4. अगर बिजनेस या प्रोफेशन से टर्नओवर तय लिमिट से ज्यादा है
अगर आप किसी बिजनेस में हैं और आपका सालाना टर्नओवर 60 लाख रुपये से ज्यादा है, या आप डॉक्टर, वकील, सीए जैसे किसी प्रोफेशन से जुड़े हैं और आपकी कुल रिसीट्स (gross receipts) 10 लाख रुपये से ज्यादा हैं, तो आपके लिए ITR भरना जरूरी होगा, चाहे आपकी नेट टैक्सेबल इनकम बेसिक लिमिट से कम ही क्यों न हो.
5. अगर साल भर में 1 लाख रुपये से ज्यादा बिजली बिल भरा है
अगर आपने एक वित्त वर्ष में कुल मिलाकर 1 लाख रुपये या उससे ज्यादा बिजली बिल भरा है, तो भी आपके लिए ITR भरना जरूरी हो जाता है. चाहे आपने यह रकम एक बार में चुकाई हो या महीने-दर-महीने मिलाकर.
6. अगर बैंक अकाउंट में बड़ी रकम जमा हुई हो
अगर आपने किसी करंट अकाउंट में 1 करोड़ रुपये या उससे ज्यादा या सेविंग अकाउंट में 50 लाख रुपये या उससे ज्यादा रकम जमा की है, तो भी आपके लिए ITR भरना जरूरी है. यह डिपॉजिट एक बार में हो या पूरे साल में मिलाकर, दोनों ही हालात में ये नियम लागू होता है.
7. अगर आप लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स पर छूट का दावा कर रहे हैं
अगर आपने किसी प्रॉपर्टी, शेयर जैसे कैपिटल एसेट को बेचकर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन कमाया है और आप इस पर सेक्शन 54, 54EC, 54F जैसे किसी नियम के तहत टैक्स छूट क्लेम करना चाहते हैं, तो ITR फाइल करना जरूरी है. यह इसलिए जरूरी है ताकि इनकम टैक्स विभाग को आपके टैक्स छूट का रिकॉर्ड मिल सके.
इनकम टैक्स रिफंड लेने के लिए भी ITR भरना जरूरी है
ऊपर बताई गई गई 7 बातों के अलावा भी अगर आप किसी भी और कारण से टैक्स रिफंड क्लेम करना चाहते हैं, तो भी आपके लिए ITR फाइल करना जरूरी है. बिना ITR फाइल किए रिफंड नहीं मिलेगा. ITR फाइल करने के बाद इनकम टैक्स विभाग आपके द्वारा दी गई जानकारी को सिस्टम में मौजूद जानकारी से मिलाकर चेक करेगा और उसके बाद सही पाए जाने पर रिफंड जारी किया जाएगा.
सिर्फ इनकम बेसिक एग्जम्प्शन लिमिट से कम होने पर यह समझना कि ITR भरना जरूरी नहीं है, कई बार आपके लिए परेशानी का कारण बन सकता है. अगर ऊपर बताई गई कोई भी बात आप पर लागू होती है, तो बिना देरी किए समय पर ITR जरूर फाइल करें, ताकि बाद में पेनल्टी या नोटिस जैसी दिक्कतों का सामना न करना पड़े.