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ITR Filing Deadline : क्या एक बार फिर से बढ़ेगी ITR फाइलिंग की आखिरी तारीख? (Image: Freepik)
ITR Filing Deadline 2025-26: एसेसमेंट इयर या आकलन वर्ष 2025-26 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न भरने (ITR Filing) की आखिरी तारीख पहले ही बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 की जा चुकी है. ये डेडलाइन भी अब करीब आती जा रही है. इस बीच, गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (GCCI) और देशभर के कई टैक्स एक्सपर्ट्स ने सरकार से दोबारा डेडलाइन बढ़ाने की मांग की है. उनका कहना है कि टैक्सपेयर्स और प्रोफेशनल्स के लिए रिटर्न फाइल करने में आ रही कुछ तकनीकी दिक्कतें, देर से आई ITR यूटिलिटी और कम्प्लायंस का बढ़ता प्रेशर बड़ी चुनौती बन गए हैं. तो क्या इन हालात में सरकार इनकम टैक्स रिटर्न फाइलिंग की डेडलाइन एक बार फिर से बढ़ाएगी?
टैक्सपेयर्स और प्रोफेशनल्स की बढ़ती चिंता
देशभर के करोड़ों टैक्सपेयर्स इस सवाल से जूझ रहे हैं कि क्या ITR फाइल करने की आखिरी तारीख एक बार फिर बढ़ाई जाएगी. जैसे-जैसे 15 सितंबर की डेडलाइन नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे टैक्सपेयर्स और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स की चिंता भी बढ़ रही है. GCCI और कई टैक्स प्रोफेशनल्स का कहना है कि मौजूदा हालात में समय पर ITR फाइल करना मुश्किल है.
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गुजरात चैंबर ऑफ कॉमर्स की मांग
GCCI ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) को लेटर लिखकर डेडलाइन बढ़ाने की सिफारिश की है. संगठन का कहना है कि टैक्सपेयर्स और प्रोफेशनल्स इस बार कई व्यावहारिक दिक्कतों का सामना कर रहे हैं.
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GCCI की प्रमुख दलीलें
GCCI ने अपनी चिट्ठी में कुछ मुख्य कारण गिनाए हैं:
ITR यूटिलिटी और फॉर्म देर से जारी हुए: आमतौर पर अप्रैल में उपलब्ध होने वाले यूटिलिटी फॉर्म जुलाई 2025 में जारी हुए. कई फॉर्म अगस्त के पहले हफ्ते तक पेंडिंग रहे. ITR-5 यूटिलिटी तो 8 अगस्त को आई, जिससे तैयारी और फाइलिंग के लिए बहुत कम समय मिला.
तकनीकी दिक्कतें:ITR और टैक्स ऑडिट रिपोर्ट अपलोड करते समय सिस्टम एरर, लॉग-इन फेल्योर और टाइमआउट जैसी समस्याएं लगातार आ रही हैं. साथ ही, फॉर्म 26AS, AIS और TIS में गड़बड़ियां और देरी से अपडेट होने के कारण रिटर्न तैयार करना मुश्किल हो रहा है.
नए फाइनेंशियल स्टेटमेंट फॉर्मेट का दबाव: ICAI ने नॉन-कॉरपोरेट एंटिटीज के लिए नया स्टैंडर्डाइज्ड फॉर्मेट लागू किया है, जिससे कम्प्लायंस प्रोसेस और लंबा हो गया है.
त्योहारों का असर:अगस्त से नवंबर के बीच आने वाले त्योहारों ने टैक्स प्रोफेशनल्स के कामकाज की गति को और धीमा कर दिया है.
GCCI का कहना है कि मौजूदा हालात को देखते हुए नॉन-ऑडिट केस की डेडलाइन 15 सितंबर से बढ़ाकर 30 अक्टूबर 2025 की जानी चाहिए.
टैक्स प्रोफेशनल्स की दिक्कतें
कई चार्टर्ड अकाउंटेंट्स और टैक्स प्रैक्टिशनर्स का कहना है कि इनकम टैक्स पोर्टल पर बार-बार आ रही गड़बड़ियों ने स्थिति को और बिगाड़ दिया है. दिल्ली के एक टैक्स कंसल्टेंट ने बताया, "कई बार रिटर्न अपलोड करने के बाद एरर आ जाता है या डेटा अपडेट नहीं दिखता. ऐसे में क्लाइंट्स की डेडलाइन पर फाइलिंग करना मुश्किल हो जाता है." उनका कहना है कि अगर सरकार ने डेडलाइन नहीं बढ़ाई तो आखिरी दिनों में पोर्टल के ओवरलोड होने से लाखों टैक्सपेयर्स फंस सकते हैं.
मई में क्यों बढ़ाई गई थी तारीख
यह याद रखना जरूरी है कि इसी साल मई में सरकार ने ITR फाइलिंग की डेडलाइन 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 की थी. उस समय CBDT ने माना था कि ITR फॉर्म में बड़े बदलाव किए गए हैं और टैक्स क्रेडिट (TDS) से जुड़ा डेटा जून में ही उपलब्ध हो पाया था. यानी टैक्सपेयर्स के पास रिटर्न फाइल करने के लिए सीमित समय था. इसी वजह से सरकार ने अतिरिक्त समय देने का फैसला किया था.
क्या सरकार फिर से राहत देगी?
अब जबकि GCCI और टैक्स प्रोफेशनल्स ने एक बार फिर डेडलाइन बढ़ाने की मांग कर दी है, सबकी नजर सरकार के फैसले पर टिकी है. पिछले साल भी और इस साल मई में भी राहत दी गई थी, ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि CBDT हालात का आकलन करने के बाद फिर से कोई फैसला ले सकता है.
फिलहाल ITR फाइल करने की आखिरी तारीख 15 सितंबर 2025 तय है. लेकिन टैक्सपेयर्स और टैक्स प्रोफेशनल्स की बढ़ती दिक्कतों को देखते हुए यह संभव है कि सरकार एक बार फिर डेडलाइन बढ़ाने पर विचार करे.