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Income tax e-filing: सहज यानी ITR 1 फार्म में टैक्सपेयर्स नहीं दिखा सकते ये आमदनी? इनकम टैक्स रिटर्न भरने से पहले समझ लें जरूरी डिटेल

ITR filing 2025: सहज यानी ITR-1 फार्म सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला फॉर्म है, जो सैलरी, पेंशन और सेविंग अकाउंट ब्याज जैसी साधारण आय वाले टैक्सपेयर्स के लिए है. लेकिन हर तरह की आय इसमें शामिल नहीं होती; कुछ आय के लिए अलग फॉर्म भरना पड़ता है.

ITR filing 2025: सहज यानी ITR-1 फार्म सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाला फॉर्म है, जो सैलरी, पेंशन और सेविंग अकाउंट ब्याज जैसी साधारण आय वाले टैक्सपेयर्स के लिए है. लेकिन हर तरह की आय इसमें शामिल नहीं होती; कुछ आय के लिए अलग फॉर्म भरना पड़ता है.

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FE Hindi Desk
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ITR Filing beyond deadline

अगर आपकी आमदनी में कैपिटल गेन, बिजनेस से इनकम, बड़ी कृषि आय या विदेशी एसेट्स जैसी जटिलताएं हैं, तो ITR-1 की बजाय अन्य उपयुक्त फॉर्म्स का इस्तेमाल करना बेहतर होगा.

Income tax e-filing AY 2025-26: इनकम टैक्स रिटर्न भरने (ITR) की डेडलाइन बेहद करीब है. करोड़ों टैक्सपेयर्स के लिए यह समय काफी व्यस्त रहने  वाला है, क्योंकि उन्हें अगले छह दिन यानी 15 सितंबर की डेडलाइन से पहले अपने इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने हैं. पिछले सालों के डेटा और ट्रेंड को देखें तो ज्यादातर लोग इस साल भी असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए अपने रिटर्न ITR 1 फॉर्म के जरिए ही भरे होंगे यानी भरने के लिए कतार में होंगे.

पिछले साल कितने टैक्सपेयर्स ने ITR 1 फार्म भरा?

अगर हम पिछले साल के आंकड़ों को देखें, तो असेसमेंट ईयर 2024-25 के लिए फाइल किए गए 7.28 करोड़ ITRs में से लगभग 45.77% यानी 3.34 करोड़ रिटर्न ITR-1 के जरिए भरे गए थे. ध्यान देने वाली बात है कि यह आंकड़ा 31 जुलाई तक का है, पूरे असेसमेंट ईयर में कुल रिटर्न की संख्या 9 करोड़ से ज्यादा थी.

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बाकी ITR फॉर्म्स की बात करें तो, ITR-2 का इस्तेमाल 7.28 करोड़ फाइलर्स में से 14.93% यानी 1.09 करोड़ ने किया, ITR-3 में 12.50% यानी 91.1 लाख, ITR-4 में 25.77% यानी 1.88 करोड़, और ITR-5 में 1.03% यानी 7.48 लाख लोगों ने रिटर्न भरे. इसके अलावा लगभग 7.48 लाख लोग ITR-7 फॉर्म का इस्तेमाल कर चुके थे.

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कितने टैक्सपेयर्स ने ITR ऑनलाइन भरा?

पिछले साल भरे गए ITR में से करीब 43.82% रिटर्न टैक्सपेयर्स ने ई-फाइलिंग पोर्टल पर उपलब्ध ऑनलाइन ITR यूटिलिटी का इस्तेमाल करके भरे, जबकि बाकी ITR ऑफलाइन यूटिलिटी के जरिए फाइल किए गए.

किन टैक्सपेयर्स के लिए है ITR-1 फार्म

ITR-1 फॉर्म केवल उन व्यक्तियों के लिए है-

  • जिनकी कुल आमदनी 50 लाख रुपये तक है
  • जिनकी आमदनी केवल सैलरी या पेंशन, एक हाउस प्रॉपर्टी और अन्य साधारण स्रोतों (जैसे बैंक में जमा ब्याज) से आती है.

अगर आपकी आमदनी इससे ज्यादा है या आपकी इनकम थोड़ी जटिल है, तो आपको दूसरे ITR फॉर्म्स (जैसे ITR-2, ITR-3, ITR-4 आदि) का उपयोग करना होगा.

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कौन-कौन लोग भरें ITR 1 यानी सहज फार्म? 

सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाले फॉर्म्स में से एक है ITR-1 (सहज). यह फॉर्म खासकर उन टैक्सपेयर्स के लिए है जिनकी आमदनी साधारण स्रोतों से होती है, जैसे सैलरी, पेंशन या सेविंग अकाउंट पर मिलने वाला ब्याज. लेकिन बहुत से लोग यह नहीं जानते कि हर तरह की आमदनी को ITR-1 में शामिल नहीं किया जा सकता. कुछ प्रकार की आमदनी इस फॉर्म में साफ तौर पर शामिल नहीं होती, और उनके लिए अलग फॉर्म भरना पड़ता है.

इन सोर्स से इनकम आती है तो नहीं भर सकेंगे ITR 1

ITR-1 फॉर्म में कुछ प्रकार की इनकम को शामिल नहीं किया जा सकता. आइए देखते हैं:

बिजनेस या प्रोफेशन से इनकम

अगर आपकी इनकम बिजेस या प्रोफेशन से हो रही है या होती है, तो आप ITR-1 फार्म का इस्तेमाल नहीं कर सकते. इसके लिए आपको ITR-3 या ITR-4 भरना होगा.

कैपिटल गेन (Capital Gains)

शेयर, म्यूचुअल फंड यूनिट्स या एसेट्स बेचने से होने वाले शॉर्ट-टर्म या लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन को ITR-1 में नहीं दिखाया जा सकता. ऐसे मामलों में ITR-2 या ITR-3 भरना होगा.

एक से अधिक हाउस प्रॉपर्टी से इनकम

ITR-1 सिर्फ एक हाउस प्रॉपर्टी से हो रही इनकम (या नुकसान) दिखाने के लिए है. अगर आपके पास दो या अधिक प्रॉपर्टी हैं, तो ITR-2 या ITR-3 भरें.

लॉटरी, होर्स रेसिंग या गेमिंग से इनकम

लॉटरी, होर्स रेसिंग, गेम शो या कोई अन्य बेटिंग इनकम को ITR-1 में नहीं दिखाया जा सकता. इसके लिए अलग टैक्स नियम हैं और ITR-2 भरना होगा.

विदेशी संपत्ति या इनकम

अगर आपकी कोई विदेशी इनकम है या विदेश में संपत्ति है, तो ऐसे टैक्सपेयर्स के लिए ITR-1 फार्म वैलिड नहीं है. ऐसे मामलों में ITR-2 या ITR-3 भरने पर विचार करना चाहिए.

कृषि आय 5,000 रुपये से अधिक

5,000 रुपये तक की कृषि आय ITR-1 में दिखा सकते हैं. लेकिन अगर आपकी कृषि आय इससे अधिक है, तो ITR-1 का इस्तेमाल नहीं होगा.

कुल आमदनी 50 लाख रुपये से ज्यादा

अगर आपकी कुल आमदनी 50 लाख रुपये से अधिक है, तो आप ITR-1 नहीं भर सकते. ऐसे टैक्सपेयर्स को ITR-2 या अन्य उपयुक्त फॉर्म भरना होगा.

सिर्फ रेसीडेंट इंडीवीजुअल भर सकते हैं ITR-1 फार्म

ITR-1 सिर्फ रेसीडेंट इंडीवीजुअल (Resident Individual) के लिए है. NRI या RNOR इसे नहीं भर सकते.

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सही ITR फॉर्म चुनना क्यों जरूरी है?

गलत ITR फॉर्म चुनने पर आपका रिटर्न डिफेक्टिव (defective) माना जा सकता है. जिससे रिटर्न की प्रोसेसिंग में देरी हो सकती है और रिफंड भी अटक सकता है. ऐसे में जरूरी है कि फॉर्म भरने से पहले यह समझ लें कि आपकी आमदनी किस कैटेगरी में आती है.

कुल मिलाकर, ITR-1 फार्म सामान्य टैक्सपेयर्स के लिए सबसे आसान और सुविधाजनक फॉर्म है, लेकिन इसके अपने लिमिटेशन भी हैं. अगर आपकी आमदनी में कैपिटल गेन, बिजनेस से इनकम, बड़ी कृषि आय या विदेशी एसेट्स जैसी जटिलताएं हैं, तो ITR-1 की बजाय अन्य उपयुक्त फॉर्म्स का इस्तेमाल करना बेहतर होगा.

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