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रिटर्न दाखिल करने की सुविधाएं अब भी लंबित हैं और सिस्टम में देरी जारी है, इसलिए टैक्स एक्सपर्ट नॉन-ऑडिट मामलों की अंतिम तारीख 30 सितंबर और ऑडिट मामलों की 30 नवंबर करने का रिक्वेस्ट कर रहे हैं. (AI Image)
Will ITR deadline extend again? मई 2025 में केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) ने असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए गैर-ऑडिट मामलों में ITR दाखिल करने की आखिरी तारीख 15 सितंबर, 2025 तय की थी. लेकिन अब टैक्सपेयर्स और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स परेशान हैं, क्योंकि आवश्यक रिटर्न फाइलिंग यूटिलिटीज अब तक जारी नहीं हुई हैं और पोर्टल की तैयारियों में लगातार देरी हो रही है.
टैक्स एक्सपर्ट्स का कहना है कि ऐसी स्थिति में करदाताओं को नुकसान नहीं उठाना चाहिए. वे गैर-ऑडिट मामलों के लिए डेडलाइन को 30 सितंबर और ऑडिट मामलों के लिए 30 नवंबर तक बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.
कौन-कौन सी यूटिलिटीज अभी तक नहीं आईं?
असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए ITR-2, ITR-3, ITR-5, ITR-6 और ITR-7 जैसी प्रमुख यूटिलिटीज अब तक पोर्टल पर उपलब्ध नहीं हैं. इसके अलावा, AY 2021-22 और 2022-23 के लिए अपडेटेड रिटर्न यूटिलिटी भी लंबित हैं, जिनमें फाइनेंस एक्ट, 2025 के बदलाव शामिल होने जरूरी हैं.
टैक्स ऑडिट फाइलिंग भी रुकी
ऑडिट मामलों के लिए जरूरी फॉर्म 3CA/3CB-3CD भी अब तक जारी नहीं हुआ है. ये फॉर्म न होने से हजारों ऑडिट केसों की फाइलिंग आगे नहीं बढ़ पा रही है.
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क्या कह रहे हैं एक्सपर्ट्स?
एक सीनियर चार्टर्ड अकाउंटेंट का कहना है कि सिस्टम की तैयारी अधूरी है, और अनुपालन का कैलेंडर बेहद टाइट है. जो टैक्सपेयर्स फाइलिंग के लिए तैयार हैं, उन्हें तकनीकी गड़बड़ियों की सजा नहीं मिलनी चाहिए. विभाग को इस देरी को स्वीकारते हुए समयसीमा बढ़ानी चाहिए.”
कई टैक्स प्रोफेशनल्स ने मिसाल और व्यावहारिक चिंताओं का हवाला देते हुए गैर-ऑडिट मामलों के लिए आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की समय सीमा 30 सितंबर, 2025 और ऑडिट मामलों के लिए 30 नवंबर, 2025 तक बढ़ाने की मांग की है.
हालांकि गैर-ऑडिट मामलों की मूल समय सीमा 31 जुलाई तय है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि जब तक बची हुई उपयोगिताएं अगले कुछ दिनों में उपलब्ध नहीं होतीं, तब तक डेडलाइन एक बार और बढ़ाई जा सकती है. उनका तर्क है कि सिस्टम की खामियों के चलते हजारों टैक्सपेयर्स न तो अपनी फाइलिंग शुरू कर पा रहे हैं और न ही पूरी कर पा रहे हैं, ऐसे में विभाग को जल्द निर्णय लेना चाहिए.
फिलहाल, आयकर विभाग की ओर से डेडलाइन विस्तार को लेकर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है, लेकिन हितधारकों को उम्मीद है कि करदाताओं के हित में कोई सकारात्मक फैसला जल्द लिया जाएगा.