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ITR Filing : नया ITR-U फॉर्म जारी, CBDT के इस कदम का क्या है मकसद, किनको होगा फायदा

New ITR-U Form Notified : आयकर विभाग ने नया ITR-U फॉर्म नोटिफाई कर दिया है. यह फॉर्म उन टैक्सपेयर्स के लिए है जो समय पर अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं कर पाए थे.

New ITR-U Form Notified : आयकर विभाग ने नया ITR-U फॉर्म नोटिफाई कर दिया है. यह फॉर्म उन टैक्सपेयर्स के लिए है जो समय पर अपना इनकम टैक्स रिटर्न फाइल नहीं कर पाए थे.

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Viplav Rahi
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ITR Filing

New ITR-U form: सीबीडीटी ने नया आईटीआर यू फॉर्म जारी कर दिया है. (Financial Express)

ITR Filing : New ITR-U Form Notified : आयकर विभाग ने नया ITR-U फॉर्म नोटिफाई कर दिया है. यह फॉर्म उन टैक्सपेयर्स के लिए है जो समय पर अपना इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल नहीं कर पाए थे या जिनके रिटर्न अधूरे रह गए थे. CBDT द्वारा हाल ही में एक आधिकारिक नोट में इस नए फॉर्म की जानकारी शेयर की गई है. ITR-U का मुख्य उद्देश्य टैक्सपेयर्स को एक अतिरिक्त मौका देना है जिससे वे अपने टैक्स कंप्लायंस को सही कर सकें और पेनल्टी या कानूनी कार्रवाई से बच सकें.

क्या होता है ITR-U फॉर्म 

ITR-U फॉर्म इसलिए जारी किया जाता है, ताकि टैक्सपेयर अपना अपडेटेड रिटर्न फाइल कर सकें. यह उन टैक्सपेयर्स के लिए होता है, जो मुख्य डेडलाइन या देर से रिटर्न फाइल करने की अगली डेडलाइन के रहते भी अपना रिटर्न फाइल नहीं कर पाए थे या फिर रिटर्न में कोई गलत जानकारी दे दी थी, जिसे वक्त पर अपडेट नहीं किया था. नए नियमों के तहत अब टैक्सपेयर्स संबंधित एसेसमेंट इयर खत्म होने के 48 महीनों के भीतर अपडेटेड रिटर्न फाइल कर सकेंगे, जबकि पहले इसके लिए सिर्फ 24 महीनों का वक्त मिलता था. यानी नए ITR-U फॉर्म के ज़रिए टैक्सपेयर्स को अपना सही और अपडेटेड रिटर्न फाइल करने के लिए दो साल का अतिरिक्त समय मिल जाएगा. टैक्स फाइलिंग के ये नए नियम 1 अप्रैल 2025 से लागू माने जाएंगे.

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CBDT के नोट में क्या कहा गया है 

सीबीडीटी (CBDT) ने संशोधित ITR-U का नया फॉर्म जारी करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर शेयर की गई पोस्ट में बताया है कि फाइनेंस एक्ट 2025 में ITR-U फाइल करने की समय सीमा बढ़ाकर 48 महीने की जा चुकी है. इसमें यह भी बताया गया है कि तीसरे साल में ITR-U फाइल करने पर 60% अतिरिक्त इनकम टैक्स भरना होगा, जबकि चौथे साल में ऐसा करने पर 70% अतिरिक्त इनकम टैक्स भरना पड़ेगा. 

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सीबीडीटी की पोस्ट में यह भी कहा गया है कि अगर संबंधित एसेसमेंट इयर के खत्म होने के 36 महीने के भीतर सेक्शन 148A के तहत शो-कॉज नोटिस जारी किया जा चुका है, तो ऐसे मामलों में ITR-U फाइल नहीं किया जा सकता. लेकिन अगर बाद में सेक्शन 148A (3) के तहत पारित आदेश में यह कहा जाता है कि यह सेक्शन 148 के तहत वैलिड केस नहीं है, तो एसेसमेंट इयर के 48 महीने के भीतर आईटीआर-यू फाइल किया जा सकता है.

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किन टैक्सपेयर्स को होगा फायदा

इस छूट से खासकर उन लोगों को राहत मिलेगी जो तकनीकी कारणों, जानकारी के अभाव या किसी अन्य व्यक्तिगत कारण से इनकम टैक्स रिटर्न का वेरिफिकेशन समय पर नहीं कर सके थे. यह राहत उन लोगों के लिए भी अहम है, जो किसी इमरजेंसी या गंभीर बीमारी जैसे कारणों से प्रॉसेस पूरी नहीं कर पाए थे.

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