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Buy JTL Industries : डीएफटी लाइनों की हालिया शुरुआत और नई वैल्यू-एडेड सेगमेंट में प्रवेश से कंपनी के वॉल्यूम और EBITDA/टन में सुधार होगा. (Pixabay)
JTL Industries Stock Price : भारत में इलेक्ट्रिक रेसिस्टेंस वेल्डेड (ERW) स्टील पाइप्स के सबसे बड़े उत्पादकों में शामिल JTL इंडस्ट्रीज का स्टॉक अपने एक साल के हाई (123.50 रुपये) से करीब 44 फीसदी डिस्काउंट पर (69 रुपये) ट्रेड कर रहा है. ब्रोकरेज हाउस नुवामा (Nuvama) ने 100 रुपये से भी सस्ते इस स्टॉक में हाई रिटर्न की उम्मीद जताई है. नुवामा ने स्टॉक पर 123 रुपये का टारगेट प्राइस दिया है, जो करंट प्राइस से 78 फीसदी ज्यादा है.
JTL इंडस्ट्रीज (JTL) का Q4FY25 प्रदर्शन कमजोर रहा है. वॉल्यूम में सालाना बेसिस पर 10% की ग्रोथ हुई, लेकिन तिमाही बेसिस पर 7% की गिरावट आई. EBITDA प्रति टन 56% YoY और 45% QoQ घटकर 1,970 रुपये रह गया, जबकि अनुमान 4,100 रुपये था.
FY26 के लिए क्या है अपडेट
JTL ने FY26 के लिए वॉल्यूम गाइडेंस घटाकर 500,000 टन कर दिया है (पहले 560,000 टन था). कंपनी को उम्मीद है कि EBITDA प्रति टन 4,200–4,400 रुपये के बीच रहेगा. नई गैल्वनाइज्ड पाइपलाइन (GP) Q4FY26 तक चालू हो जाएगी, जिससे बेहतर प्रोडक्ट मिक्स मिलेगा.
भविष्य की क्या हैं उम्मीदें
ब्रोकरेज हाउस नुवामा का कहना है कि DFT लाइनों की हालिया शुरुआत और नई वैल्यू-एडेड सेगमेंट में प्रवेश से कंपनी के वॉल्यूम और EBITDA/टन में सुधार होगा. निर्यात के बढ़ते अवसर भी इसमें योगदान देंगे. ब्रोकरेज ने JTL के लिए ‘BUY’ रेटिंग (Stocks to Buy) बनाए रखी है, और 123 रुपये का टारगेट प्राइस (TP) निर्धारित किया है, जो FY27E EPS के 22x पर आधारित है.
वॉल्यूम 10% बढ़ा, FY26 में 500,000 टन का लक्ष्य
FY25 की तुलना में रेवेन्यू स्थिर रहा, जो 4.7 बिलियन रुपये रहा. हालांकि वॉल्यूम में 10% की ग्रोथ हुई. प्रति टन मूल्य (रियलाइजेशन) में 9% की गिरावट आई. JTL ने FY26 में 500,000 टन वॉल्यूम हासिल करने का लक्ष्य रखा है, जिसमें लगभग 200,000 टन वैल्यू-एडेड प्रोडक्ट्स (VAP) होंगे: 124,000 टन गैल्वनाइज्ड पाइप्स, 50,000 टन DFT पाइप्स, 15,000 टन GP पाइप्स.
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JTL अपने JTL इंजीनियरिंग (पहले नाभा) उत्पादन का अधिकांश हिस्सा आंतरिक उपयोग में लाने और केवल पाइप्स को बाहरी बाजार में बेचने की योजना बना रहा है. DFT लाइनों और नए उत्पादों (कॉपर और ब्रास) के आने से VAP का हिस्सा 34% से बढ़ाकर 50% तक पहुंचाने का अनुमान है.
EBITDA/टन पर धीमी प्रगति का प्रभाव; DFT और VAP सुधार लाएंगे
Q4FY25 में EBITDA/टन 56% घटकर 1,969 रुपये रह गया. जिसके पीछे प्रमुख वजहों में महाराष्ट्र के मंगांव में DFT लाइनों का धीमा संचालन, बढ़ी हुई फ्रेट लागत (निर्यात के कारण), और फेजवाइज खर्च हैं. FY26 के लिए EBITDA/टन गाइडेंस 4,200–4,400 रपये होने का अनुमान है. DFT लाइनों के संचालन से सुधार में मदद मिलेगी. वहीं VAP का हिस्सा Q4FY25 में बढ़कर 34% (Q3FY25 में 21%) हो गया.
DFT चालू, ब्रास और कॉपर उत्पादों में प्रवेश
JTL ने मनगांव फैसिलिटी में DFT लाइनों की स्थापना पूरी कर ली है और घरेलू बिक्री शुरू कर दी है. पहले 2 महीनों में DFT लाइनों से निर्यात नहीं हुआ, लेकिन इस दिशा में काम चल रहा है. कंपनी ने ब्रास और कॉपर उत्पादों के क्षेत्र में नई पहल की है.
(Disclaimer: स्टॉक्स में निवेश की सलाह ब्रोकरेज हाउस के द्वारा दिए गए हैं. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं है. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)