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PPF, SSY, NSC, SCSS पर अब कितना मिलेगा रिटर्न? (Image : Freepik)
PPF, SSY, NSC, SCSS Latest interest rates: अगर आप पोस्ट ऑफिस की बचत योजनाओं जैसे PPF, NSC, SCSS या सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश करते हैं, तो आपके लिए अच्छी खबर है. सरकार ने तमाम अनुमानों को गलत साबित करते हुए इन स्कीम्स की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. यानी 1 जुलाई 2025 से 30 सितंबर 2025 तक आपको पहले जैसी ही ब्याज दरें मिलेंगी. हालांकि इस बीच रिजर्व बैंक ने रेपो रेट में कुल 1% की कटौती की है, लेकिन सरकार ने छोटी बचत योजनाओं की दरों को स्थिर बनाए रखकर छोटे निवेशकों को बड़ी राहत देने का काम किया है.
अब कितनी हैं ब्याज दरें : जानिए लेटेस्ट रेट्स
वित्त मंत्रालय के अंतर्गत डिपार्टमेंट ऑफ इकोनॉमिक अफेयर्स द्वारा जारी सर्कुलर के अनुसार जुलाई-सितंबर तिमाही के लिए जो रेट्स लागू होंगे, वो इस प्रकार हैं. पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी PPF पर 7.1% ब्याज मिलेगा. नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट (NSC) पर 7.7% की दर तय की गई है. वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (SCSS) और सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) – दोनों पर 8.2% का रिटर्न मिलेगा. ये सभी दरें अप्रैल-जून 2025 की तिमाही की दरों जैसी ही हैं.
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अन्य योजनाओं की बात करें तो 1 साल की टाइम डिपॉजिट पर 6.9%, 2 साल पर 7%, 3 साल पर 7.1% और 5 साल की टाइम डिपॉजिट पर 7.5% ब्याज मिलेगा. वहीं 5 साल की रिकरिंग डिपॉजिट पर 6.7%, मंथली इनकम अकाउंट स्कीम पर 7.4% और किसान विकास पत्र पर 7.5% की दर से ब्याज मिलेगा. किसान विकास पत्र 115 महीनों में मैच्योर होगा.
छोटी बचत योजना का नाम | 1 जुलाई से 30 सितंबर 2025 तक लागू ब्याज दर |
पोस्ट ऑफिस बचत खाता (Post Office Savings Account) | 4 % |
1 साल का टाइम डिपॉजिट (TD) | 6.9 % |
2 साल का टाइम डिपॉजिट (TD) | 7 % |
3 साल का टाइम डिपॉजिट (TD) | 7.1 % |
5 साल का टाइम डिपॉजिट (TD) | 7.5 % |
5 साल का रिकरिंग डिपॉजिट (RD) | 6.7 % |
सीनियर सिटिजन सेविंग्स स्कीम (SCSS) | 8.2 % |
मंथली इनकम स्कीम (MIS) | 7.4 % |
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) | 7.7 % |
पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) | 7.1 % |
किसान विकास पत्र (KVP) | 7.5 % (मैच्योरिटी पीरियड 115 महीने) |
सुकन्या समृद्धि योजना (SSY) | 8.2 % |
रेपो रेट में कटौती के बावजूद ब्याज दरें क्यों नहीं घटीं?
रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने इस साल अब तक रेपो रेट में कुल 1% की कटौती की है. फरवरी में 0.25%, अप्रैल में 0.25% और जून में 0.50% की कटौती की गई. इससे बांड यील्ड में भी गिरावट आई है. उदाहरण के लिए, 10 साल के सरकारी बॉन्ड की यील्ड 1 जनवरी 2025 को 6.779% थी, जो 25 जून 2025 को घटकर 6.283% रह गई. ये संकेत देता है कि छोटी बचत योजनाओं की ब्याज दरों में भी कटौती की जा सकती थी.
लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया. इसका मुख्य कारण यह हो सकता है कि ज्यादातर घरेलू निवेशक अपनी बचत को सुरक्षित और निश्चित रिटर्न वाली योजनाओं में लगाना पसंद करते हैं. अगर सरकार इन योजनाओं की ब्याज दरें कम कर देती, तो आम लोगों की कमाई पर असर पड़ता. वहीं बैंक पहले ही फिक्स्ड डिपॉजिट की ब्याज दरों में कटौती कर चुके हैं.
पोस्ट ऑफिस स्कीम्स की ब्याज दरें तय कैसे होती हैं?
सरकार हर तिमाही में पोस्ट ऑफिस की स्कीम्स की ब्याज दरों की समीक्षा करती है. इन दरों को तय करने के लिए श्यामला गोपीनाथ समिति की सिफारिशों का पालन किया जाता है. समिति का कहना है कि इन योजनाओं की ब्याज दरें संबंधित अवधि के सरकारी बॉन्ड की यील्ड से 25 से 100 बेसिस पॉइंट अधिक होनी चाहिए. इससे यह सुनिश्चित होता है कि ये स्कीमें निवेशकों के लिए आकर्षक बनी रहें.
हालांकि, कई बार सरकार इस फॉर्मूले के हिसाब से ब्याज दर तय नहीं करती. इसका कारण यह है कि सरकार बाध्य नहीं है कि वह हमेशा समिति की सिफारिशों को माने. कई बार आम लोगों के हित को देखते हुए सरकार अपने स्तर पर निर्णय लेती है.
पिछली बार कब बदली गई थीं ब्याज दरें?
पोस्ट ऑफिस स्कीम्स की ब्याज दरों में आखिरी बदलाव वित्त वर्ष 2023-24 की अंतिम तिमाही यानी जनवरी से मार्च 2024 में किया गया था. उस समय 3 साल की टाइम डिपॉजिट की ब्याज दर 7% से बढ़ाकर 7.1% की गई थी. साथ ही सुकन्या समृद्धि योजना की ब्याज दर 8% से बढ़ाकर 8.2% कर दी गई थी. इसके बाद से यानी अप्रैल 2024 से अब तक किसी स्कीम की ब्याज दर में बदलाव नहीं हुआ है.
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क्या करें निवेशक?
अगर आप सुरक्षित और गारंटीड रिटर्न चाहते हैं, तो इन पोस्ट ऑफिस स्कीम्स में निवेश करना अभी भी एक अच्छा विकल्प है. खासकर वरिष्ठ नागरिकों और छोटे निवेशकों के लिए ये योजनाएं महंगाई के दौर में एक भरोसेमंद साधन बनी हुई हैं. हालांकि, रिटर्न सीमित होते हैं, लेकिन जोखिम ना के बराबर होता है.
इसलिए अगर आपने PPF, NSC, SCSS या सुकन्या समृद्धि योजना में पहले से निवेश कर रखा है, तो राहत की बात है कि आपके रिटर्न पर फिलहाल कोई असर नहीं पड़ेगा. और अगर आप निवेश की सोच रहे हैं, तो ये जानकारी आपके फैसले को आसान बना सकती है.