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NPCI की अगले महीने से लागू नई गाइडलाइन के तहत लोन अकाउंट का इस्तेमाल UPI के जरिये किया जा सकेगा. (File Photo : PTI)
NPCI New Guidelines: अब तक UPI का इस्तेमाल आप अपने बैंक अकाउंट या क्रेडिट कार्ड से पेमेंट के लिए करते थे, लेकिन अब एक बड़ा बदलाव होने जा रहा है. अगस्त 2025 से नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की नई गाइडलाइंस लागू होंगी, जिनके तहत आप प्रॉपर्टी, गोल्ड, एफडी, शेयर या म्यूचुअल फंड के बदले मिले लोन की रकम को भी सीधे UPI के जरिए इस्तेमाल कर पाएंगे.
इसका मतलब है कि अगर आपने किसी प्रॉपर्टी, एफडी, गोल्ड या म्यूचुअल फंड के बदले में लोन लिया है, तो उस लोन अकाउंट को आप अपने UPI से लिंक कर सकेंगे और UPI ऐप्स के जरिए सीधे पेमेंट भी कर पाएंगे. इससे न केवल पेमेंट करना आसान होगा, बल्कि छोटे बिजनेस और पर्सनल लोन का सीधे UPI के जरिये इस्तेमाल भी किया जा सकेगा.
कैसे काम करेगा नया सिस्टम
NPCI ने 10 जुलाई 2025 को एक सर्कुलर जारी करते हुए सभी बैंकों, पेमेंट सर्विस प्रोवाइडर्स (PSPs) और थर्ड पार्टी ऐप प्रोवाइडर्स को निर्देश दिया है कि वे 31 अगस्त 2025 तक UPI सिस्टम में जरूरी बदलाव लागू कर दें. इस बदलाव के बाद, एफडी, शेयर, बांड, गोल्ड, प्रॉपर्टी या बिजनेस लोन के बदले दिए गए क्रेडिट लाइन अकाउंट को UPI से जोड़ा जा सकेगा.
अब आप चाहे Paytm, PhonePe, Google Pay या BHIM का इस्तेमाल करें, इन सभी ऐप्स से लोन अकाउंट से पेमेंट करना संभव हो जाएगा, बशर्ते आपका बैंक इसकी इजाजत देता हो.
किन-किन कामों में होगा फायदा
पहले UPI से सिर्फ P2M यानी पर्सन टू मर्चेंट ट्रांजैक्शन ही संभव थे. लेकिन नई गाइडलाइन के बाद आप कैश विदड्रॉअल, P2P यानी पर्सन टू पर्सन, और P2PM यानी छोटे दुकानदारों को पेमेंट जैसी सुविधाओं के लिए भी UPI ट्रांजैक्शन का इस्तेमाल कर सकेंगे.
मसलन, अगर आपने अपने बिजनेस के लिए लोन लिया है और आपको किसी सप्लायर को दो लाख रुपये का भुगतान करना है, तो अब आपको बैंक ट्रांसफर करने की जरूरत नहीं होगी. आप सीधे उस लोन अकाउंट से UPI के जरिए पेमेंट कर पाएंगे.
किन अकाउंट्स को जोड़ा जा सकेगा
अब तक UPI से सिर्फ ओवरड्राफ्ट अकाउंट और रुपे क्रेडिट कार्ड को ही जोड़ा जा सकता था. लेकिन नई व्यवस्था में ये 10 तरह के क्रेडिट अकाउंट UPI से जुड़ सकेंगे. इनमें एफडी पर लोन, गोल्ड लोन, प्रॉपर्टी लोन, म्यूचुअल फंड या शेयर पर लोन, पर्सनल लोन, बिजनेस लोन, किसान क्रेडिट कार्ड (KCC) भी शामिल हैं. इनके अलावा आगे चलकर इसमें और नए अकाउंट भी जोड़े जा सकते हैं. इससे न केवल आम लोगों को सुविधा मिलेगी, बल्कि छोटे व्यापारी और किसान भी आसानी से डिजिटल लेन-देन कर सकेंगे.
हर लेन-देन की नहीं होगी इजाजत
हालांकि इस सुविधा के जरिये हर तरह के लेन-देन की इजाजत नहीं होगी. किस ट्रांजैक्शन की इजाजत होगी और किसकी नहीं, इसका अंतिम फैसला बैंक की नीतियों और आपके लोन के उद्देश्य पर निर्भर होगा. NPCI ने साफ कहा है कि UPI के जरिये लोन की रकम का इस्तेमाल उसी उद्देश्य के लिए होना चाहिए, जिसके लिए लोन मंजूर किया गया था.
मिसाल के तौर पर अगर आपने गोल्ड के बदले लोन लिया है, तो बैंक अस्पताल का बिल भरने के लिए UPI ट्रांजैक्शन की इजाजत दे सकता है, लेकिन हो सकता है उस रकम से शेयर खरीदने या और सोना खरीदने के लिए पेमेंट की इजाजत नहीं दी जाए.
लेन-देन की लिमिट क्या होगी?
UPI पर फिलहाल एक दिन में P2P और P2M ट्रांजैक्शन की लिमिट 1 लाख रुपये है. कैश निकालने के लिए आप दिन में अधिकतम 10,000 रुपये ही निकाल सकते हैं और 24 घंटे में सिर्फ 20 ट्रांजैक्शन किए जा सकते हैं. ये सीमा NPCI तय करता है, लेकिन बैंक चाहें तो अपनी तरफ से और भी सख्ती बरत सकते हैं.
इस बदलाव को डिजिटल पेमेंट के लिहाज से एक बड़ा कदम माना जा सकता है. इससे न केवल पेमेंट की प्रॉसेस आसान होगी, बल्कि लोन का बेहतर इस्तेमाल भी हो पाएगा. UPI पहले ही देश में सबसे लोकप्रिय पेमेंट सिस्टम बन चुका है और अब लोन आधारित ट्रांजैक्शन को इससे जोड़ने से बिजनेस से जुड़े पेमेंट में भी इसका बेहतर ढंग इस्तेमाल हो पाएगा.