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CGHS rate revision likely : केंद्रीय मंत्री मनसुख मांडविया ने संकेत दिया है कि सरकार CGHS की दरें फिर से बढ़ा सकती है. (Image: AI Generated)
Big relief likely for CGHS beneficiaries: सेंट्रल गवर्नमेंट हेल्थ स्कीम (CGHS) से जुड़े लाखों कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए एक अच्छी खबर सामने आई है. केंद्र सरकार CGHS के तहत दी जाने वाली स्वास्थ्य सेवाओं की दरों (rates) को फिर से संशोधित करने पर विचार कर रही है. ये फैसला CGHS लाभार्थियों के लिए एक अहम राहत साबित हो सकता है, क्योंकि पिछले काफी समय से ये मांग उठती रही है कि CGHS की दरें मौजूदा बाजार दरों के अनुसार नहीं हैं.
CGHS की दरों में बदलाव का इशारा, मंत्री ने दिया बड़ा संकेत
हाल ही में श्रम और रोजगार मंत्री मनसुख मांडविया (Mansukh Mandaviya) ने संकेत दिया कि सरकार जल्द ही CGHS की दरों में बदलाव कर सकती है. यह बयान इस लिहाज से खास है क्योंकि इसी साल बजट से पहले नेशनल काउंसिल जॉइंट कंसल्टेटिव मशीनरी (NC JCM ) ने वित्त मंत्री से अनुरोध किया था कि CGHS से जुड़ी प्रमुख समस्याओं का समाधान किया जाए.
CGHS सुधार पर संसदीय समिति की सिफारिशें
10 अगस्त 2023 को राज्यसभा में पेश की गई संसद की स्थायी समिति की रिपोर्ट (162वीं रिपोर्ट) में CGHS सुधारों को लेकर कई अहम सुझाव दिए गए थे. इनमें सबसे प्रमुख सुझाव यही था कि CGHS की दरों को मौजूदा बाजार दरों के अनुसार संशोधित किया जाए.
सरकार ने फरवरी 2023 में एक बार दरें संशोधित की थीं, लेकिन इसके बावजूद कई जगहों पर निजी अस्पताल CGHS की दरों को स्वीकार नहीं कर रहे हैं. अब मंत्री के नए बयान से ये उम्मीद बढ़ गई है कि एक और संशोधन जल्द आ सकता है.
CGHS दरें बढ़ने से क्या होगा फायदा
केंद्रीय कर्मचारियों (Central Government Employees) और पेंशनर्स की यह लगातार शिकायत रही है कि CGHS दरें बहुत कम हैं, जिस कारण कई निजी अस्पताल CGHS लाभार्थियों का इलाज करने से कतराते हैं. खासकर मेट्रो शहरों में और बड़े निजी अस्पतालों में ऑपरेशन या गंभीर इलाज के लिए CGHS की दरें काफी कम पड़ती हैं.
अगर सरकार CGHS की दरों को बाजार में मौजूद दरों के करीब ले आती है, तो इससे न सिर्फ अस्पतालों की भागीदारी बढ़ेगी, बल्कि लाभार्थियों को बेहतर इलाज भी मिल सकेगा.
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CGHS में फरवरी 2024 में हुए बदलाव
फरवरी 2024 में स्वास्थ्य मंत्रालय ने CGHS दरों को लेकर कुछ बड़े बदलाव किए थे. इनमें शामिल हैं:
432 मेडिकल प्रॉसेस की दरें बढ़ाई गईं.
दवाओं और जांच सेवाओं की पेमेंट दरों को व्यावहारिक बनाया गया.
निजी अस्पतालों की भुगतान प्रक्रिया को तेज और ऑनलाइन किया गया ताकि भुगतान में देरी न हो.
ये सुधार CGHS की सर्विस क्वॉलिटी को सुधारने की दिशा में अहम कदम थे.
CGHS में पिछले एक साल में हुए सुधार
बीते एक साल में CGHS में कई तकनीकी और प्रशासनिक सुधार हुए हैं, जिनमें प्रमुख हैं:
CGHS कार्ड के लिए आवेदन प्रक्रिया पूरी तरह ऑनलाइन की गई.
‘CGHS Beneficiary App’ को अपग्रेड किया गया ताकि हॉस्पिटल लिस्ट, बुकिंग, ई-रेफरल और शिकायत की स्थिति ट्रैक की जा सके.
‘CGHS Grievance Redressal Portal’ को और असरदार बनाया गया.
बिलिंग प्रक्रिया का डिजिटाइजेशन किया गया ताकि अस्पतालों को समय पर भुगतान हो सके.
इन सभी सुधारों का मकसद CGHS को ज्यादा पारदर्शी, भरोसेमंद और लाभार्थी-केंद्रित सेवा प्रणाली बनाना है.
CGHS के बारे में कर्मचारियों की मांगें
केंद्र सरकार के कर्मचारियों की CGHS से जुड़ी प्रमुख मांगें हैं:
CGHS दरों को बाजार के हिसाब से अपडेट किया जाए.
शिकायतें दूर करने का सिस्टम और मजबूत बनाया जाए.
पैनल में शामिल अस्पतालों की संख्या बढ़ाई जाए.
सर्विस प्रोवाइडर्स की जवाबदेही तय हो.
हालांकि फरवरी में दरों में बदलाव हुआ था, लेकिन अभी भी स्थिति पूरी तरह संतोषजनक नहीं है.
CGHS लाभार्थियों को और मिलेगी राहत?
केंद्रीय मंत्री के हालिया बयान के बाद यह उम्मीद की जा रही है कि आने वाले कुछ महीनों में CGHS की दरों में फिर से बदलाव किया जा सकता है. साथ ही, स्वास्थ्य मंत्रालय सेवा गुणवत्ता सुधारने पर भी काम कर सकता है. यह कदम केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनर्स के लिए बहुत बड़ी राहत साबित हो सकता है.
पिछले एक साल में CGHS में जितने व्यापक बदलाव हुए हैं, वे यह दिखाते हैं कि सरकार स्वास्थ्य सेवा को लेकर गंभीर है. लेकिन इन सेवाओं का असली लाभ तब मिलेगा, जब CGHS की दरों को समय-समय पर अपडेट किया जाए.