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LTCG Tax calculation for Property : नए नियम की वजह से पुरानी प्रॉपर्टी बेचने वालों पर टैक्स का बोझ काफी बढ़ सकता है. (Image : Financial Express)
LTCG Tax Rule Change: No Indexation Benefit on Property Sellling: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमन ने मंगलवार को पेश बजट नए बजट में लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स और उससे जुड़े नियमों में कई अहम बदलाव किए हैं. इन बदलावों के तहत प्रॉपर्टी की बिक्री को लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स की परिभाषा में लाने के लिए 2 साल तक होल्ड करना ही काफी है. जबकि पहले ये समय सीमा 3 साल थी. इसके अलावा प्रॉपर्टी बेचने से हुए लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स पर टैक्स की दर 20 फीसदी से घटाकर 12.5 फीसदी कर दी गई है. ये दोनों कदम तो लोगों को फायदा पहुंचाने वाले लग रहे हैं. लेकिन इसके साथ ही सरकार ने एक और बदलाव ये किया है कि लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स पर मिलने वाला इंडेक्सेशन बेनिफिट खत्म कर दिया है.
इंडेक्सेशन बेनिफिट खत्म होने का मतलब क्या है?
पुराने नियमों के तहत अगर आपने कोई प्रॉपर्टी 10 साल पहले खरीदी थी और उसे अब बेचने जा रहे हैं, तो आपका लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन ओरिजनल खरीद मूल्य के आधार पर कैलकुलेट नहीं किया जाता. पुरानी लागत को 10 साल के इंफ्लेशन के हिसाब से एडजस्ट करके नई लागत निकाली जाती है. इसके लिए सरकार की तरफ से कॉस्ट इंफ्लेशन इंडेक्सेशन (CII) जारी किया जाता है. पुरानी लागत को CII के आधार पर एडजस्ट करने को ही इंडेक्सेशन बेनिफिट कहते हैं. इस इंफ्लेशन एडजस्टेट कॉस्ट को प्रॉपर्टी के बिक्री मूल्य से घटाने पर जो मुनाफा निकलता था, उस पर ही लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगता था.
साल-दर-साल बढ़ती कीमतों का कोई मतलब नहीं?
बजट में घोषित नए नियम के तहत प्रॉपर्टी भले ही 10-15-20 या 25 साल पहले खरीदी गई हो, उसके उस वक्त के ओरिजिनल खरीद मूल्य को ही वास्तविक लागत मानकर कैपिटल गेन्स का कैलकुलेशन किया जाएगा. भले ही आपने प्रॉपर्टी को कितने भी लंबे समय तक होल्ड किया हो और उस दौरान कीमतें तेजी से बढ़ी हों, लेकिन प्रॉपर्टी बेचते समय आपकी खरीद की लागत में इंफ्लेशन को एडजस्ट नहीं किया जाएगा. जाहिर है, इस नए नियम से पुरानी प्रॉपर्टी बेचने वालों पर टैक्स का बोझ काफी बढ़ जाएगा. इस मसले को एक उदाहरण की मदद से समझते हैं.
नए नियम से कैसे बढ़ेगी टैक्स देनदारी?
मान लीजिए आपने फरवरी 2013 में एक प्रॉपर्टी 55 लाख रुपये में खरीदी थी. अगर आप उस प्रॉपर्टी को अभी 1.35 करोड़ रुपये में बेचते हैं, तो आपका लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन 80 लाख रुपये होगा. लेकिन प्रॉपर्टी के खरीद मूल्य में इंडेक्सेशन बेनिफिट जोड़ने के बाद उसकी एडजस्टेड लागत 90.75 लाख रुपये आएगी. इस हिसाब से आपका कैपिटल गेन 44.25 लाख रुपये ही बैठेगा. इतने कैपिटल गेन पर पिछले रेट के हिसाब से आपको 20 फीसदी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स देना था, जो करीब 8.85 लाख रुपये बैठता. लेकिन अब आपको इस पर कोई इंडेक्सेशन बेनिफिट नहीं मिलेगा. इसका मतलब ये हुआ कि आपको पूरे 80 लाख रुपये पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन्स टैक्स देना होगा. यानी LTCG टैक्स की 12.5 फीसदी की नई दर के हिसाब से आपको 80 लाख रुपये के दीर्घकालीन पूंजीगत लाभ पर पूरे 10 लाख रुपये टैक्स के तौर पर भरने होंगे. यानी इस उदाहरण में आपको पूरे 1 लाख 15 हजार रुपये का घाटा उठाना पड़ेगा. यह सारा कैलकुलेशन हमने इंडेक्सेशन बेनिफिट के एक ऑनलाइन कैलकुलेटर की मदद से किया है.
ऐसे होगा LTCG टैक्स का कैलकुलेशन
- फरवरी 2013 में खरीदी प्रॉपर्टी की ओरिजिनल कीमत : 55 लाख रुपये
- प्रॉपर्टी बेचने का साल : 2024-25
- प्रॉपर्टी का बिक्री मूल्य : 1.35 करोड़ रुपये
पुराने नियम के हिसाब से कैलकुलेशन
- इंडेक्सेशन बेनिफिट के बाद प्रॉपर्टी की इंफ्लेशन एडजस्टेड लागत : 90,75,000 रुपये
- लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन : 1,35,00,000 - 90,75,000 = 44,25,000 रुपये
- 44,25,000 रुपये के लाभ पर 20% की दर से LTCG टैक्स = 8.85 लाख रुपये
नए नियम के हिसाब से कैलकुलेशन
- इंडेक्सेशन बेनिफिट के बिना प्रॉपर्टी की लागत : 55 लाख रुपये
- इंडेक्सेशन बेनिफिट के बिना LTCG : 1.35 करोड़ रुपये - 55 लाख रुपये = 80 लाख रुपये
- 80 लाख रुपये के लाभ पर 12.5% की दर से LTCG टैक्स : 10 लाख रुपये