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Mercedes-Benz Hurun India Wealth Report 2025 में सबसे ज्यादा सुपर-रिच परिवारों के साथ महाराष्ट्र देश का नंबर 1 राज्य है. (Image : Pixabay)
Mercedes-Benz Hurun India Wealth Report 2025 : महाराष्ट्र बेहद अमीर परिवारों की संख्या के लिहाज से देश का नंबर 1 राज्य है. देश की राजधानी दिल्ली इस मामले में दूसरे नंबर पर, तमिलनाडु तीसरे और कर्नाटक चौथे पायदान पर है. वहीं, गुजरात इस लिस्ट में पांचवें और उत्तर प्रदेश छठे नंबर पर मौजूद है. ये दिलचस्प आंकड़े हाल ही में जारी मर्सिडीज़-बेंज़ हुरुन इंडिया वेल्थ रिपोर्ट 2025 (Mercedes-Benz Hurun India Wealth Report 2025) में दिए गए हैं. इस अहम रिपोर्ट के मुताबिक गुजरात अमीर परिवारों की संख्या और स्टेट जीडीपी के मामले में देश में 5वें नंबर का राज्य है, लेकिन स्टेट जीडीपी में टैक्स के अनुपात के लिहाज से काफी नीचे, पश्चिम बंगाल के साथ खड़ा दिख रहा है.
कितने हैं बेहद अमीर परिवार?
रिपोर्ट बताती है कि 2025 तक भारत में ऐसे करीब 8,71,700 करोड़पति परिवार हैं, जिनकी नेटवर्थ कम से कम 8.5 करोड़ रुपये या उससे ज्यादा है. यह आंकड़ा 2021 से 2025 के दौरान 90% बढ़ा है. 2021 में ऐसे परिवारों की संख्या 4,58,000 थी. हालांकि अब भी कुल भारतीय परिवारों का सिर्फ 0.31% हिस्सा ही अब तक ऐसे करोड़पति क्लब में शामिल हो पाया है.
महाराष्ट्र बना दौलतमंदों का हब
महाराष्ट्र ने 8.5 करोड़ रुपये या उससे ज्यादा नेटवर्थ वाले करोड़पति परिवारों के मामले में पूरे देश को पीछे छोड़ दिया है. राज्य में ऐसे 1,78,600 अमीर परिवार हैं, जबकि अकेले मुंबई शहर में इस कैटेगरी में आने वाले परिवारों की तादाद 1,42,000 है. इसमें महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था की तेज रफ्तार ग्रोथ का बड़ा योगदान माना जा सकता है, जिसने 2020-21 से अब तक 55% की जबरदस्त ग्रोथ दर्ज की है. मुंबई देश की “मिलियनेयर कैपिटल” कही जा रही है क्योंकि यहां वित्तीय संस्थान, बड़े कॉरपोरेट्स और स्टॉक मार्केट का गढ़ है.
दिल्ली और दक्षिणी राज्यों का दबदबा
दिल्ली इस लिस्ट में दूसरे नंबर पर है, जहां 8.5 करोड़ रुपये या उससे ज्यादा नेटवर्थ वाले करीब 79,800 करोड़पति परिवार हैं. तमिलनाडु ऐसे 72,600 अमीर परिवारों के साथ तीसरे और कर्नाटक 68,800 परिवारों के साथ चौथे नंबर पर है. तमिलनाडु की औद्योगिक और आईटी सेक्टर की मजबूती ने यहां दौलत बनाई, जबकि कर्नाटक का आईटी और स्टार्टअप इकोसिस्टम सबसे बड़ा कारण है.
गुजरात और यूपी की स्थिति
गुजरात इस लिस्ट में पांचवें नंबर पर है, जहां 8.5 करोड़ रुपये या उससे ज्यादा नेटवर्थ वाले 68,300 अमीर परिवार हैं. उद्योग और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर गुजरात की आर्थिक ताकत का आधार रहे हैं. वहीं उत्तर प्रदेश ऊपर बताई कैटेगरी में आने वाले 57,700 अमीर परिवारों के साथ छठे पायदान पर है. रिपोर्ट के मुताबिक यूपी तेज रफ्तार औद्योगीकरण की वजह से इस लिस्ट में ऊपर आया है.
2025 में अमीर परिवारों वाले टॉप 10 राज्य
रैंक | राज्य | 8.5 करोड़ रु से ज्यादा नेटवर्थ वाले परिवार |
1 | महाराष्ट्र | 1,78,600 |
2 | दिल्ली | 79,800 |
3 | तमिलनाडु | 72,600 |
4 | कर्नाटक | 68,800 |
5 | गुजरात | 68,300 |
6 | उत्तर प्रदेश | 57,700 |
7 | तेलंगाना | 51,700 |
8 | पश्चिम बंगाल | 50,400 |
9 | राजस्थान | 33,100 |
10 | हरियाणा | 30,500 |
इनकम टैक्स कंट्रीब्यूशन में कौन आगे?
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि इनकम टैक्स कलेक्शन में किस राज्य का कितना योगदान है. इस लिस्ट में राज्यों को इस आधार पर रैंक किया गया है कि उनकी स्टेट जीडीपी (Gross State Domestic Product - GSDP) का कितना फीसदी हिस्सा इनकम टैक्स के तौर पर जमा किया गया है.
इनकम टैक्स-टू-जीएसडीपी अनुपात (Income Tax-to-GSDP Ratio) को दर्शाने वाली इस लिस्ट में भी महाराष्ट्र और दिल्ली सबसे आगे हैं. महाराष्ट्र अपनी जीएसडीपी का 19% और दिल्ली 18% हिस्सा इनकम टैक्स में कंट्रीब्यूट करता है. कर्नाटक 9%, हरियाणा और चंडीगढ़ 7-7%, तेलंगाना 6% योगदान के साथ इस लिस्ट में शामिल हैं. तमिलनाडु और उत्तराखंड अपनी स्टेट जीडीपी का 5% हिस्सा इनकम टैक्स में कंट्रीब्यूट करते हैं.
गुजरात दौलत में आगे, टैक्स कंट्रीब्यूशन में पीछे
दौलतमंद परिवारों के मामले में 5वें नंबर का राज्य गुजरात, इनकम टैक्स-टू-जीएसडीपी अनुपात के मामले में काफी नीचे है. दरअसल 10 राज्यों की इस फेहरिस्त में गुजरात और पश्चिम बंगाल को सिर्फ 4-4% योगदान के साथ आखिरी पायदान पर जगह मिली है. वहीं यूपी और बिहार जैसे बड़े राज्यों में इनकम टैक्स-टू-जीएसडीपी अनुपात काफी कम है. यूपी का आंकड़ा सिर्फ 1.89% है, जबकि बिहार का 0.78%. इसका मतलब है कि इन राज्यों की बड़ी आबादी अभी भी बड़े पैमाने पर खेती-बाड़ी और अनौपचारिक सेक्टर पर ही निर्भर है.
टैक्स कंट्रीब्यूशन अनुपात में देश के टॉप 10 राज्य
राज्य | जीएसडीपी 2023-24 (करोड़ रुपये) | इनकम टैक्स कलेक्शन (करोड़ रुपये) | इनकम टैक्स-टू-जीएसडीपी अनुपात |
महाराष्ट्र | 40,55,847 | 7,61,716 | 19% |
दिल्ली | 11,12,905 | 2,03,197 | 18% |
कर्नाटक | 25,57,241 | 2,34,098 | 9% |
चंडीगढ़ | 59,737 | 3,973 | 7% |
हरियाणा | 10,85,510 | 70,947 | 7% |
तेलंगाना | 14,64,378 | 84,439 | 6% |
उत्तराखंड | 3,32,998 | 15,861 | 5% |
तमिलनाडु | 27,21,571 | 1,27,067 | 5% |
गुजरात | 24,25,804 | 93,301 | 4% |
पश्चिम बंगाल | 16,51,374 | 60,375 | 4% |