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NPS Rules Big Changes: एनपीएस में हाल में कई बड़े बदलाव हुए हैं, जिनके बारे में जानना जरूरी है. (Image : Freepik)
NPS Rules Big Changes: भारत में रिटायरमेंट सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंता के चलते सरकार ने नेशनल पेंशन स्कीम (NPS) में हाल ही में कुछ महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं. इन बदलावों का उद्देश्य पेंशन योजना को ज्यादा लचीला, सरल और सभी के लिए अनुकूल बनाना है.
एनपीएस क्या है और इसमें बदलाव की जरूरत क्यों पड़ी?
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) एक बाजार आधारित डिफाइंड कॉन्ट्रिब्यूशन स्कीम है, जिसे 2004 में सिर्फ सरकारी कर्मचारियों के लिए शुरू किया गया था. बाद में इसे सभी नागरिकों के लिए स्वैच्छिक रूप से उपलब्ध कराया गया. यह स्कीम 18 से 70 वर्ष की उम्र के सभी नागरिकों के लिए है. बीते दो दशकों में एनपीएस में कई अहम बदलाव हुए हैं, लेकिन पिछले एक साल में इसमें जो बदलाव हुए हैं, वे इसे और व्यापक और आकर्षक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम हैं.
1. एनपीएस वात्सल्य : बच्चों के लिए रिटायरमेंट प्लानिंग
एनपीएस वात्सल्य योजना 18 सितंबर, 2024 को लॉन्च की गई थी. यह योजना 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के लिए है और एक योगदान आधारित स्कीम है, ठीक उसी तरह जैसे एनपीएस. यह भी पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) के अंतर्गत आती है. FPSB इंडिया के सीईओ कृष्ण मिश्रा के अनुसार, यह योजना अभिभावकों को अपने बच्चों के लिए जल्द निवेश शुरू करने का एक सुनहरा मौका देती है. इससे बच्चों में भी बचत और निवेश की आदत शुरू से ही विकसित होती है.
2. एनपीएस का भारत बिल पेमेंट सिस्टम से लिंक
एनपीएस को भारत बिल पेमेंट सिस्टम (BBPS) से जोड़ दिया गया है, जिससे निवेशकों के लिए भुगतान करना अब बेहद आसान हो गया है. यह बदलाव निवेश को नियमित और सुविधाजनक बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है. कृष्ण मिश्रा के अनुसार, पेमेंट की इस सुविधा से निवेश में निरंतरता बनी रहेगी और उपयोगकर्ता आसानी से अपना योगदान जमा कर पाएंगे.
3. पार्शियल विदड्रॉल रूल में सुधार
रिटायरमेंट के समय या उससे पहले कुछ फंड निकालने की सुविधा को और अधिक लचीला बना दिया गया है. अब निवेशक अपनी आवश्यकताओं और वित्तीय योजना के अनुसार फंड का कुछ हिस्सा आसानी से निकाल सकते हैं. इस बदलाव से यूजर्स को ज्यादा कंट्रोल मिलेगा और वे अपनी जरूरत के हिसाब से पैसा निकाल सकेंगे.
4. ऑल इंडिया सर्विसेज के लिए ओपीएस का विकल्प
कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय ने यह घोषणा की है कि ऑल इंडिया सर्विसेज (AIS) के उन अधिकारियों को, जो एनपीएस के अंतर्गत नियुक्त हुए हैं, यह विकल्प मिलेगा कि वे नियुक्ति के समय ही तय करें कि वे एनपीएस में रहना चाहते हैं या ओल्ड पेंशन स्कीम (OPS) का विकल्प चुनना चाहते हैं. इसके अलावा, अगर सेवा के दौरान किसी अप्रत्याशित घटना (जैसे मृत्यु या विकलांगता) घटती है, तो ऐसे मामलों में भी उन्हें ओपीएस का विकल्प दिया जाएगा. यह कदम सरकारी कर्मचारियों और उनके परिवारों की वित्तीय सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा और संवेदनशील निर्णय है.
5. पेंशन प्रोसेसिंग और तेज
सरकार ने अब एनपीएस के तहत मिलने वाली पेंशन की प्रक्रिया को पुरानी पेंशन योजना की तर्ज पर और आसान और तेज बना दिया है. इससे रिटायर होने वाले लोगों को समय पर पैसा मिलेगा और प्रशासनिक देरी से राहत मिलेगी. कृष्ण मिश्रा के मुताबिक, इस बदलाव से पेंशन वितरण में समयबद्धता और पारदर्शिता आएगी, जिससे रिटायर्ड कर्मचारियों को राहत मिलेगी.
6. यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS)
यूनिफाइड पेंशन स्कीम (UPS) को 1 अप्रैल 2025 से लागू किया गया है. यह स्कीम सभी केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों (सशस्त्र बलों को छोड़कर) के लिए लागू की गई है जो एनपीएस के तहत आते हैं. यूपीएस एक वैकल्पिक योजना है जो एनपीएस की तुलना में ज्यादा समावेशी और केंद्रीकृत व्यवस्था के रूप में देखी जा रही है. सरकार ने 30 जून 2025 तक आवेदन की समयसीमा तय की है, जिसके भीतर कर्मचारी इस स्कीम में शामिल हो सकते हैं.
इन बदलावों से एनपीएस और उपयोगी बना
एनपीएस के इन हालिया बदलावों से यह स्कीम अब और अधिक व्यापक, आसान और लचीली बन गई है. बच्चों के लिए निवेश की शुरुआत से लेकर सरकारी अधिकारियों के लिए ओपीएस विकल्प तक, ये सभी सुधार एक उद्देश्य को केंद्र में रखते हैं – हर नागरिक को रिटायरमेंट के बाद आर्थिक सुरक्षा मिल सके. अगर आप भी अपनी रिटायरमेंट प्लानिंग को लेकर गंभीर हैं, तो इन नए नियमों और विकल्पों का लाभ उठाना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है.