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पिछले 20 साल में सबसे ज्यादा रिटर्न देने वाला निवेश क्या था सोना, शेयर या रियल एस्टेट? Photograph: (AI gererated)
पिछले 20 सालों में अलग-अलग समय पर अलग-अलग तरह के निवेश अच्छे रहे हैं। देश और दुनिया के कई कारणों से बाज़ार ऊपर-नीचे होता रहा है। कभी शेयर बाज़ार (Share market) में तेजी आई, कभी प्रॉपर्टी (Property) के दाम बहुत बढ़े, और सोने की कीमत ने भी लोगों की दौलत कई गुना बढ़ा दी। लेकिन अगर पूछा जाए — किस निवेश ने सबसे ज़्यादा फायदा दिया है? तो जवाब होगा —सोना।
सोना बनाम शेयर (Equity) बनाम रियल एस्टेट: 20 साल का सफर
FundsIndia की एक नई रिपोर्ट के अनुसार, पिछले 20 वर्षों में निवेशकों को सबसे ज़्यादा रिटर्न सोने (Gold) से मिला है।
सोना (Gold): पिछले 20 सालों में इस कीमती धातु ने औसतन 15% वार्षिक रिटर्न (CAGR) दिया है। इसका मतलब है कि अगर किसी ने 2005 में ₹1 लाख सोने में निवेश किया होता, तो आज उसकी कीमत लगभग ₹16.3 लाख होती।
शेयर बाज़ार (निफ्टी): लगभग 13.3% वार्षिक रिटर्न के साथ, इक्विटी (शेयरों) ने निवेशकों की संपत्ति को 12.1 गुना बढ़ाया है। यानि अगर किसी ने ₹1 लाख शेयर बाज़ार में 20 साल पहले निवेश किया होता, तो आज उसकी कीमत लगभग ₹12.1 लाख होती।
रियल एस्टेट (Real Estate): इस क्षेत्र ने सालाना 7.7% रिटर्न दिया है। इसका मतलब है कि 20 साल में निवेश की राशि केवल 4.3 गुना बढ़ी है। तुलना करें तो सोना और शेयरों के मुकाबले, रियल एस्टेट की कीमतें इतनी तेज़ी से नहीं बढ़ीं। यानी ₹1 लाख का निवेश 20 साल में लगभग ₹4.3 लाख हुआ।
तस्वीर साफ़ है – इस तुलना से स्पष्ट है कि लंबे समय में सोने ने शेयरों और रियल एस्टेट दोनों से बेहतर प्रदर्शन किया है।
सोना आगे क्यों रहा?
पिछले 20 सालों में, सोना निवेशकों के लिए एक “सेफ हेवन” (Safe Haven) बनकर रहा, खासकर वैश्विक आर्थिक संकट, मुद्रास्फीति, ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव और geopolitical tensions के समय। जब भी बाज़ार में अनिश्चितता बढ़ी, निवेशक सोने की ओर रुख करते रहे, और यही वजह है कि इसकी कीमतें लगातार बढ़ती रहीं। 2025 का साल इस सोने की तेजी का एक बेहतरीन उदाहरण है।
शेयर और प्रॉपर्टी मार्केट का प्रदर्शन
लंबे समय में, शेयर मार्केट ने भी 13.3% CAGR (NIFTY50) के साथ अच्छा प्रदर्शन किया है। जो लोग SIP या नियमित निवेश के माध्यम से निवेश कर रहे थे, उन्हें अच्छा लाभ हुआ।
लेकिन रियल एस्टेट अपेक्षा के अनुसार तेज़ नहीं बढ़ा। शुरुआती कुछ वर्षों में तेजी के बाद, पिछले कुछ सालों में कीमतें स्थिर रहीं, जिससे औसत रिटर्न में गिरावट आई।
सोना बनाम शेयर और रियल एस्टेट – पिछले 10 और 15 साल
रिपोर्ट के अनुसार, सोने के रिटर्न न केवल पिछले 20 सालों में, बल्कि पिछले 10 और 15 सालों में भी शेयर और रियल एस्टेट से बेहतर रहे हैं। पिछले 10 सालों में सोने ने 16.6% वार्षिक रिटर्न (CAGR) दिया, जबकि पिछले 15 सालों में यह 12.4% CAGR रहा। इसके मुकाबले, शेयर मार्केट (NIFTY50) ने पिछले 10 सालों में 13.3% CAGR और पिछले 15 सालों में 11.2% CAGR का रिटर्न दिया। वहीं, रियल एस्टेट में निवेश से मिले रिटर्न इतने अच्छे नहीं रहे; पिछले 10 सालों में यह केवल 5.1% CAGR और पिछले 15 सालों में 5.9% CAGR रहा। इसका मतलब है कि जो निवेशक लंबे समय तक सोने में निवेश करते रहे, उन्हें उन लोगों की तुलना में ज्यादा फायदा हुआ, जिन्होंने शेयर और प्रॉपर्टी में निवेश किया।
निवेशकों के लिए सबक
-इस रिपोर्ट से यह स्पष्ट होता है कि विविधता (Diversification) जरूरी है। केवल एक ही प्रकार की संपत्ति पर भरोसा करना समझदारी नहीं है।
-हालांकि पिछले 20 सालों में सोने ने बेहतरीन रिटर्न दिए हैं, लेकिन भविष्य में हर संपत्ति का प्रदर्शन अलग हो सकता है।
-इसलिए निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो में शेयर, सोना और रियल एस्टेट का संतुलन बनाए रखना चाहिए।
निष्कर्ष:
पिछले 20 सालों में, सोने ने निवेशकों को सबसे अधिक दौलत दी।
अगर किसी ने ₹1 लाख सोने में निवेश किया होता, तो आज उसकी कीमत ₹16 लाख से ज्यादा होती। वहीं, वही राशि शेयरों में निवेश करने पर लगभग ₹12 लाख होती और प्रॉपर्टी में निवेश करने पर लगभग ₹4 लाख होती।
Note: This content has been translated using AI. It has also been reviewed by FE Editors for accuracy.
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