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अडानी पावर का 1:5 स्टॉक स्प्लिट 22 सितंबर से लागू, शेयर बाज़ार में कंपनी के शेयरों पर सबकी नज़रें। Photograph: (Canva)
अडानी पावर का स्टॉक स्प्लिट 1:5 अनुपात में आज, 22 सितंबर से प्रभावी हो गया और अडानी पावर का शेयर प्राइस ट्रेड में चर्चा का विषय बना हुआ है। पिछले हफ्ते सेबी की क्लीन चिट के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों पर नज़र है और देखते हैं कि यह स्टॉक स्प्लिट फिलहाल निवेशकों के लिए क्या मायने रखता है।
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अडानी पावर के स्टॉक स्प्लिट के बारे में 5 अहम बातें जो निवेशकों को जाननी चाहिए-
अडानी पावर स्टॉक स्प्लिट: पहला स्टॉक स्प्लिट
यह अडानी पावर के लिए एक अहम पल है। कंपनी ने पहले कभी स्टॉक स्प्लिट नहीं किया है। इस महीने की शुरुआत में शेयरधारकों ने पोस्टल बैलेट के ज़रिए इस योजना को मंजूरी दी थी।
रेगुलेटरी फाइलिंग के अनुसार: “कंपनी ने सोमवार, 22 सितंबर 2025 को रिकॉर्ड डेट तय की है ताकि मौजूदा 1 (एक) इक्विटी शेयर जिसकी फेस वैल्यू ₹10/- है , को 5 (पाँच) इक्विटी शेयरों में विभाजित/स्प्लिट किया जा सके,जिसकी फेस वैल्यू ₹2/- होगी।”
अडानी पावर स्टॉक स्प्लिट: शेयर प्राइस कैसे एडजस्ट होगा
1:5 स्प्लिट के साथ, ₹10 फेस वैल्यू का हर शेयर अब ₹2 के पाँच शेयरों में बंट जाएगा।
सैद्धांतिक रूप से, शुक्रवार जो शेयर ₹709.05 पर बंद हुआ था वो आज से ₹141.81 पर एडजस्ट होगा। ऐसे में जहाँ प्रत्येक शेयर का मूल्य घटेगा वहीं निवेशकों के पास एक की जगह पाँच शेयर होंगे, लेकिन उनका कुल निवेश मूल्य अपरिवर्तित रहेगा।
अडानी पावर स्टॉक स्प्लिट: शेयरों की संख्या में बड़ी बढ़ोतरी
स्प्लिट से कंपनी के आउटस्टैंडिंग शेयर बढ़ेंगे। अडानी पावर के 385.69 करोड़ इक्विटी शेयर अब घटे हुए फेस वैल्यू के साथ बढ़कर 1,928 करोड़ से अधिक हो जाएंगे।
इसी तरह कंपनी की अधिकृत शेयर पूंजी भी एडजस्ट की जाएगी।
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अडानी पावर स्टॉक स्प्लिट बनाम बोनस इश्यू
कई निवेशक स्टॉक स्प्लिट और बोनस शेयर को लेकर कंफ्यूज होते हैं। इनमें मुख्य अंतर यह है –
स्टॉक स्प्लिट में, मौजूदा शेयर छोटे यूनिट्स में बंट जाते हैं। डिविडेंड का अधिकार उसी अनुपात में घटता है, लेकिन रिज़र्व वही रहता है।
बोनस इश्यू में, कंपनी अपने संचित मुनाफ़े से फ्री एडिशनल शेयर्स देती है, जबकि प्रत्येक शेयर की फेस वैल्यू वही रहती है।
मॉर्गन स्टैनली का समर्थन
मॉर्गन स्टैनली ने अडानी पावर पर फिर से भरोसा जताया है, इसे यूटिलिटी स्पेस में अपनी “टॉप पिक” बताते हुए ओवरवेट रेटिंग दी है और ₹818 का टारगेट प्राइस रखा है। यह मौजूदा स्तर से लगभग 30% की बढ़त का संकेत देता है।
ब्रोकरेज ने कहा कि अडानी पावर भारत की सबसे बड़ी टर्नअराउंड कहानियों में से एक का हिस्सा है, जिसमें रेगुलेटरी मुद्दों पर प्रगति और अधिग्रहण से बढ़ी वैल्यू शामिल है। मॉर्गन स्टैनली की रिपोर्ट में कहा गया:
“APL भारत के कॉरपोरेट इतिहास में टर्नअराउंड का एक बेहतरीन उदाहरण है, जहाँ अधिकांश रेगुलेटरी मुद्दों का समाधान हो गया है और कई वैल्यू-एक्रेटिव अधिग्रहण हुए हैं।”
Note: This content has been translated using AI. It has also been reviewed by FE Editors for accuracy.
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