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Smart Investors : फिल्म शोले से सीखें निवेश के 4 सबक, जय और वीरू की तरह बनाएं अपना पोर्टफोलियो ब्लॉकबस्टर

Smart Investors: हर बॉलीवुड फैन को फिल्म शोले के बारे में पता है. यह भारत की सोच बदलने वाली पहली ब्लॉकबस्टर फिल्म है. आइए जानते हैं इससे हर निवेशक के लिए 4 महत्वपूर्ण सबक.

Smart Investors: हर बॉलीवुड फैन को फिल्म शोले के बारे में पता है. यह भारत की सोच बदलने वाली पहली ब्लॉकबस्टर फिल्म है. आइए जानते हैं इससे हर निवेशक के लिए 4 महत्वपूर्ण सबक.

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Suhel Khan
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Smart Investors Gemini Generated Image

आपका इनवेस्टमेंट पोर्टफोलियो आपकी अपनी फिल्म प्रोडक्शन जैसी है, और इसे ब्लॉकबस्टर बनाने की जिम्मेदारी सिर्फ आपकी है. (AI Image)

4 timeless investment lessons from the Bollywood classic ‘Sholay’ : किसी ने कहा था कि भारत तीन चीजों पर चलता है – धर्म, क्रिकेट और बॉलीवुड. और सच यह है कि भारतीयों के लिए इन तीनों के बीच की रेखाएं अक्सर लगभग गायब ही रहती हैं. खुद एक बॉलीवुड प्रेमी होने के नाते मैं किसी को दोष नहीं दे रहा. इसलिए मैंने अपने पिछले वीकेंड को सही तरीके से इस्तेमाल करते हुए बिस्तर पर रहकर अपनी पसंदीदा फिल्में देखने का निर्णय लिया. शुरुआत मैंने सभी समय की क्लासिक शोले से की, जिसे भारत की पहली असली ब्लॉकबस्टर माना जाता है.

जब मैं सिप्पी की इस क्लासिक फिल्म को बार-बार देख रहा था, तब मुझे एहसास हुआ कि यह केवल एक सिनेमा क्लासिक नहीं है, बल्कि भारतीय निवेशकों के लिए सीखने योग्य कई महत्वपूर्ण सबक भी देती है. माफ़ कीजिए, लेकिन हम भारतीय चीजों को तब तक अच्छे से समझते नहीं जब तक उसमें थोड़ा बॉलीवुड का तड़का न हो. मेरा दिमाग ऐसे ही काम करता है, और मुझे लगता है कि कई भारतीयों के लिए भी यही सच है.

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तो आइए जानते हैं शोले से 4 महत्वपूर्ण सबक, जो हर भारतीय निवेशक को, चाहे वह किसी भी क्षेत्र या अनुभव का हो, जरूर जानने चाहिए.

अपने जय और वीरू चुनें

जो लोग फिल्म शोले देख चुके हैं, वे इसके किरदारों को ऐसे याद रखते हैं जैसे उन्हें व्यक्तिगत रूप से जानते हों, खासकर जय और वीरू. ये नाम पीढ़ियों से भारतीयों के दिमाग में गहराई से बस गए हैं.

लेकिन अमिताभ बच्चन और धर्मेंद्र के किरदारों की तारीफ़ करते हुए लोग एक बेहद महत्वपूर्ण किरदार को अक्सर भूल जाते हैं – ठाकुर बलदेव सिंह. यही गांव का नेता था जिसने अपनी लड़ाई जीतने के लिए जय और वीरू को चुना.

ठाकुर किसी को भी चुन सकता था, लेकिन उसने जय और वीरू को चुना. उसने उनके पिछले प्रदर्शन, ईमानदारी, ताकत और अन्य खूबियों की जांच-पड़ताल की और अपनी पूरी जिंदगी का भरोसा उन पर किया.

यही काम स्मार्ट निवेशकों को भी करना चाहिए.

हर स्टॉक को अफवाह या व्हाट्सऐप टिप्स के आधार पर मत चुनिए. अपना रिसर्च कीजिए, फंडामेंटली मजबूत स्टॉक्स ढूंढिए और मुश्किल समय में भी उनके साथ बने रहिए.

भारत के वॉरेन बफेट कहे जाने वाले निवेशक नेमिश शाह ने अपनी पोर्टफोलियो में केवल 6 स्टॉक्स रखे हैं, जिसकी कुल वैल्यू 3,140 करोड़ रुपये से अधिक है. जैसे ठाकुर ने अपने विजेताओं को चुना और उन पर भरोसा किया, नेमिश शाह ने भी अपने विजेता स्टॉक्स को लंबे समय तक थामे रखा, चाहे उस दौरान बाजार में शोर-शराबा कितना भी क्यों न हो.

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जय के सिक्कों से दूर रहें

याद है जय का वह सिक्का, जिसमें दोनों तरफ हेड्स थे? फिल्म के अंत में यह बेहद भावुक दृश्य लेकर आया था. चाहे वीरू कितना भी कोशिश करे, वह कभी सिक्का पलट नहीं पाया. क्योंकि सिक्का हमेशा जय के पक्ष में रहता था.

अब इसे अपने ब्रोकरेज के साथ एक सिक्का पलटने के खेल के रूप में सोचिए, जहां सिक्का ब्रोकरेज के पास हो. डरावना है ना?

कई लोग समय आने पर समझते हैं कि चाहे वे कितनी भी मेहनत करें, सिक्का हमेशा ब्रोकरेज के पक्ष में ही पलटता है. निवेशकों को यह सबक जल्दी सीख लेना चाहिए, बजाय इसके कि वीरू की तरह अंतिम क्षण तक इंतजार करें और पता चले कि खेल पहले ही तय था.

अंतर यह है कि जय ने यह वीरू की सुरक्षा के लिए किया था. वहीं, अधिकतर ब्रोकरेज अपने बिजनेस के हित में काम करते हैं. उन्हें अक्सर आपकी चिंता नहीं होती. याद रखें, ब्रोकरेज का मुनाफा सिर्फ एक चीज पर निर्भर करता है – आपको ट्रेड करवाना. और इसलिए वे बिना गहरी रिसर्च के खरीद या बेचने की सलाह दे सकते हैं. जितना अधिक आप खरीदते या बेचते हैं, उतनी उनकी कमिशन बढ़ती है.

सोचिए… वे आपके मुनाफे का परसेंटेज नहीं लेते, सिर्फ ब्रोकरेज चार्ज करते हैं. इसलिए ब्रोकरेज के सिक्के के खेल में फंसने से पहले अपनी खुद की रिसर्च करना हमेशा सही होता है.

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ठाकुर की तरह धैर्य से योजना बनाएं

ठाकुर ने अपने पूरे परिवार को गब्बर के हाथों खो दिया. उसने सब कुछ खो दिया, लेकिन उसने घबराहट में जल्दबाजी नहीं की.

तो ठाकुर बलदेव सिंह ने क्या किया?

उसने सालों तक धैर्य के साथ इंतजार किया और सिर्फ कल या अगले हफ्ते के लिए नहीं, बल्कि अपने अंतिम लक्ष्य के लिए योजना बनाई. उसने अपने विजेताओं – जय और वीरू – को चुनने के लिए रिसर्च की, उनके साथ हर मुश्किल दौर में खड़ा रहा, और धैर्य रखकर इंतजार किया जब तक वे इतने मजबूत नहीं हो गए कि ठाकुर की सालों की चाह पूरी कर सकें.

बहुत से निवेशक इस बात की अहमियत नहीं समझ पाते – धैर्य. नए ट्रेंड या “सभी लोग इसे खरीद रहे हैं” के दबाव में आना आसान होता है. लेकिन स्मार्ट निवेशक ऐसा नहीं करते. वे अपने हीरो चुनते हैं और लंबी अवधि के लिए धैर्य से योजना बनाते हैं. इसे सरल भाषा में “वैल्यू इन्वेस्टिंग” कहते हैं.

जैसा कि दुनिया के सबसे सफल निवेशक वॉरेन बफेट ने कहा, “स्टॉक मार्केट एक ऐसा माध्यम है जो पैसे को अधीर लोगों से धैर्यवान लोगों तक पहुंचाता है.”

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गब्बर से अपनी कमाई की सुरक्षा करें

“ये हाथ हमको दे दे ठाकुर…” – यह भारतीय सिनेमा की सबसे प्रसिद्ध डायलॉग्स में से एक है. इसमें दर्द की गूंज है, लेकिन शारीरिक नहीं, बल्कि उस चीज को खोने का दर्द जो आपके लिए सबसे महत्वपूर्ण है.

अब मार्केट को गब्बर समझिए. वह निर्दयी, अप्रत्याशित और कभी-कभी क्रूर है.

और अपनी मेहनत की कमाई, जो आपने बचत के रूप में इकट्ठी की है, उसे अपने “हाथ” समझिए.

एक स्मार्ट निवेशक के रूप में, आपको हमेशा अपनी कमाई और बचत की सुरक्षा करनी चाहिए. अगर यह चली गई, तो आपकी वर्तमान और बुढ़ापे की जिंदगी मुश्किल में पड़ सकती है. याद रखें, हर किसी को अपना “रामलाल” नहीं मिलता.

मार्केट कभी भी आपके पैसों को नुकसान पहुंचाने से पीछे नहीं हटेगा. अगली टिप या अफवाह पर भरोसा न करें. कई निवेशकों ने सिर्फ अपनी बचत ही नहीं, बल्कि अपने घर तक खो दिए. युवा निवेशक अक्सर फ्यूचर्स, ऑप्शन्स, क्रिप्टो जैसे जोखिम भरे विकल्पों में फंस जाते हैं और आखिरकार न तो कुछ बचता है, और कभी-कभी कर्ज में डूब जाते हैं.

याद रखें वॉरेन बफेट के नियम:
नियम 1: कभी भी पैसा न खोएं
नियम 2: हमेशा नियम 1 को याद रखें

जय और वीरू की तरह बनाएं अपना पोर्टफोलियो ब्लॉकबस्टर

आपका निवेश पोर्टफोलियो आपकी खुद की फिल्म प्रोडक्शन की तरह है, और इसे ब्लॉकबस्टर बनाने की जिम्मेदारी सिर्फ आपकी है. थोड़ी योजना और सोच बहुत दूर तक काम आती है. आज हमने चार अहम सबक सीखे, जिन्हें हर निवेशक, युवा या बुजुर्ग, जानना और अपनाना चाहिए.

यदि आप पहले से निवेश कर रहे हैं या भविष्य में शेयर बाजार में निवेश करने का सोच रहे हैं, तो इन बातों का ध्यान रखें:

धैर्य रखें: मार्केट की आवाज में नहीं फँसें और अपने हीरो पर भरोसा रखें. अगर ठाकुर खुद गब्बर के पीछे भागते, तो शोलाय फिल्म 31वें मिनट में ही खत्म हो जाती.

सही स्टॉक्स चुनें: गहरी रिसर्च और सोच-समझ के बाद अपने विजेताओं का चयन करें. ट्रेंडिंग रील्स या फिनफ्लुएंसर्स के चक्कर में न पड़ें. जरूरत पड़ने पर भरोसेमंद रिसर्च एनालिस्ट से मदद लें. आपका मेहनत का पैसा सम्मान का हकदार है.

ब्रोकरेज सही चुनें: अपने पोर्टफोलियो बनाने में सहयोगी चाहिए, जो आपकी संपत्ति बढ़ाने में मदद करे, न कि ऐसा जो सिर्फ आपकी मेहनत का फायदा उठाए. सभी ब्रोकर्स बुरे नहीं हैं, लेकिन सही ब्रोकरेज चुनने से पहले थोड़ा ध्यान रखना जरूरी है.

सबसे महत्वपूर्ण: कभी भी पैसा न खोएं.

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डिसक्लेमर: इस आर्टिकल का मकसद सिर्फ रोचक चार्ट्स, डेटा पॉइंट्स और सोचने वाले विचार साझा करना है. यह किसी भी स्टॉक या निवेश की सलाह नहीं है. अगर आप निवेश करने का सोच रहे हैं, तो अपने फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लेना जरूरी है. यह आर्टिकल सिर्फ आपकी जानकारी के लिए है.

सुलेह खान ने बीते कुछ दशक से मार्केट्स को नज़दीक से फॉलो किया है. इस दौरान वह मुंबई की एक प्रमुख इक्विटी रिसर्च कंपनी में हेड ऑफ सेल एंड मार्केटिंग रहे. अब वह ज्यादातर समय भारत के सुपर इनवेस्टर्स की स्ट्रैटेजी और फैसलों का विश्लेषण करने में बिताते हैं.

डिसक्लोजर: लेखक ने इस आर्टिकल में जिन स्टॉक्स का जिक्र किया है उसमें वे खुद और उनके करीबियों के निवेश नहीं हैं. वेबसाइट मैनेजर्स, कर्मचारी और ऑथर या कॉन्ट्रीब्यूटर्स के पास इन सिक्योरिटीज़, ऑप्शंस या संबंधित निवेशों में बाय (buy) या सेल (sell) पोजिशन हो सकती है. आर्टिकल में कंटेंट्स और डेटा की व्याख्या सिर्फ लेखक के व्यक्तिगत विचार हैं. निवेशक अपने इनवेस्टमेंट फैसले अपने उद्देश्यों, सोर्स और सलाहकार की सलाह के आधार पर खुद लें.

Note: This content has been translated using AI. It has also been reviewed for accuracy.

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