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मंथली 5000 रुपये बचत, 28 साल में मिला 13 करोड़, रिटायरमेंट के लिए आपने भी कुछ ऐसा सोचा

Retirement Planning : रिटायरमेंट के लिए प्लानिंग एक प्रमुख फाइनेंशियल गोल है. अगर इसे सही से की जाए तो आपके रिटायरमेंट की बाद की लाइफ गोल्डन ईयर्स बन सकती है. इसके लिए इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम बेहतर विकल्प हो सकती है.

Retirement Planning : रिटायरमेंट के लिए प्लानिंग एक प्रमुख फाइनेंशियल गोल है. अगर इसे सही से की जाए तो आपके रिटायरमेंट की बाद की लाइफ गोल्डन ईयर्स बन सकती है. इसके लिए इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम बेहतर विकल्प हो सकती है.

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Sushil Tripathi
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retirement planning with mutual funds

ELSS : बेहतर यह है कि आप ऐसे विकल्प में पैसा लगाएं जिसमें टैक्‍स बचे ही, आपकी दौलत में तेजी से इजाफा हो. (Pixabay)

Retirement With Mutual Funds : अगर आज से 25 या 30 साल बाद आपका रिटायरमेंट है तो आप उस समय अपने पास पर्याप्त कॉर्पस चाहेंगे, ताकि रिटायरमेंट की बाद की लाइफ अच्छे से कट सके. सोचिए की अगर अनुशासित तरीके से हर महीने की 5000 रुपये बचत से आपको रिटायरमेंट पर 12 करोड़ या 13 करोड़ का फंड मिल जाए तो आपकी रिटायरमेंट की बाद की लाइफ कितनी बेहतर हो जाएगी. अब आप सोच रहे होंगे कि इतना मुनाफा आखिर किस स्कीम में या कहां निवेश करने पर मिल सकता है. ऐसा संभव हुआ है, इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम यानी ईएलएसएस (ELSS) में.  ईएलएसएस में 3 साल का लॉक-इन पीरियड (ELSS Lock In Period) होता है, यानी इसे 36 महीने के पहले नहीं भुनाया जा सकता है. 

असल में रिटायरमेंट के लिए प्लानिंग (Retirement Planning) एक प्रमुख फाइनेंशियल गोल (Financial Planning) है. अगर इसे सही से की जाए तो आपके रिटायरमेंट की बाद की लाइफ गोल्डन ईयर्स बन सकती है. इसके लिए म्यूचुअल फंड की टैक्स सेवर स्कीम ईएलएसएस बेहतर विकल्प हो सकती है. ज्यादातर म्यूचुअल फंड हाउस ईएलएसएस स्कीम जारी करते हैं. ये इक्विटी म्यूचुअल फंड स्कीम भी दूसरी इक्विटी म्यूचुअल फंड योजनाओं की तरह ही काम करते हैं, जिनमें एकमुश्त और एसआईपी के जरिए निवेश करने की सुविधा है. रिटर्न के उदाहरण नीचे दिए गए हैं.

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HDFC ELSS Tax Saver Fund

इस फंड में 28 साल के एसआईपी आंकड़े मौजूद हैं. जिसके अनुसार 5000 रुपये मंथली एसआईपी की वैल्यू 28 साल में 13 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई.

मंथली एसआईपी : 5000 रुपये
अवधि : 28 साल
एनुअलाइज्ड रिटर्न : 23.12%
28 साल में निवेश : 17.80 लाख रुपये
28 साल बाद एसआईपी की वैल्यू : 13,19,37,238 रुपये (13.19 करोड़ रुपये)

ICICI Prudential ELSS Tax Saver

इस फंड में 24 साल के एसआईपी के आंकड़े मौजूद हैं. जिसके अनुसार 5000 रुपये मंथली एसआईपी की वैल्यू 24 साल में करीब 2.78 करोड़ रुपये से ज्यादा हो गई.

मंथली एसआईपी : 5000 रुपये
अवधि : 24 साल
एनुअलाइज्ड रिटर्न : 18.8%
28 साल में निवेश : 15.40 लाख रुपये
28 साल बाद एसआईपी की वैल्यू : 2,77,72,430 रुपये (2.78 करोड़ रुपये)

(सोर्स : वैल्यू रिसर्च) 

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ELSS: टैक्‍स सेविंग के साथ हाई रिटर्न

इक्विटी लिंक्ड सेविंग्‍स स्‍कीम (ELSS) में टैक्‍स सेविंग तो होती ही है, लंबी अवधि में आपकी दौलत में तेजी से इजाफा भी होता है. यह एक टैक्स सेवर म्यूचुअल फंड है, जो इक्विटी से लिंक्ड होता है. यानी इसमें आपके निवेश का बड़ा हिस्सा इक्विटी योजनाओं में लगाया जाता है. वहीं कुछ एक्सपोजर फिक्‍स्‍ड इनकम में भी होता है, जिसके जरिए आपका पोर्टफोलियो डायवर्सिफाइड हो जाता है. म्‍यूचुअल फंड की इस कैटेगरी में आईटी एक्ट के सेक्शन 80C के तहत 1.50 लाख रुपये तक निवेश पर टैक्स छूट मिलता है. हालांकि मार्केट लिंक्ड होने के चलते इसमें एफडी या एनएससी जैसी स्माल सेविंग्स की तुलना में कुछ जोखिम होता है. लेकिन इसमें एसआईपी के जरिए निवेश का सुरक्षित तरीका चुन सकते हैं.

टैक्स के नियम

ELSS में लॉन्‍ग टर्म कैपिटल गेन्स लगता है, लेकिन 1 लाख तक की आय टैक्स फ्री है. जबकि 80C के तहत जिन फिक्‍स्‍ड इनकम वाले विकल्‍पों में छूट मिलती है, उनमें होने वाली पूरी आय टैक्सेबल है. वहीं इनमें जरूरी नहीं है कि लॉक इन के बाद पैसे निकाल लें. अगर मुनाफा हो रहा है तो जब तक चाहें, तब तक होल्ड कर सकते हैं. इस स्‍कीम में जब पैसे हों तब एसआईपी शुरू कर सकते हैं. हमने यहां 5 साल में टॉप रिटर्न देने वाले 5 ELSS स्कीम की जानकारी दी है.

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SIP और SIP टॉप अप की सुविधा

ELSS में निवेश करते समय एक सिस्‍टमैटिक इन्‍वेस्‍टमेंट प्‍लान (SIP) का विकल्प चुन सकते हैं. इसका सबसे बड़ा लाभ यह है कि आपके पास सिर्फ टैक्‍स बचाने के लिए किसी भी टैक्स सेविंग प्रोडक्‍ट में निवेश करने की आखिरी मिनट की हड़बड़ी नहीं होती है. पूरे साल SIP के माध्यम से निवेश करने में एवरेजिंग का फायदा होता ही है, आपको समय के साथ बेहतर रिस्क एडजस्टेड रिटर्न मिलता है.

ELSS में निवेश करने से आपके पास जरूरत पड़ने पर अपना निवेश बढ़ाने का भी विकल्प होता है. आप एक नियमित राशि के साथ एसआईपी शुरू कर सकते हैं, जो आपको टैक्स बचत के लिए चाहिए. जैसे-जैसे आपकी इनकम बढ़े या धारा 80सी की सीमा के तहत 1.5 लाख रुपये की अधिकतम सीमा में कोई कमी दिखती है तो इसमें योगदान बढ़ा सकते हैं.

(नोट: हमने यहां म्यूचुअल फंड स्कीम के पिछले प्रदर्शन की जानकारी दी है. यह निवेश की सलाह नहीं है. कोई स्कीम पुराना प्रदर्शन दोहराए, इसकी गारंटी नहीं है. इसलिए फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लेकर ही निवेश करें.)

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