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Mutual Fund Investors Survey: 68% निवेशकों ने कम से कम एक पैसिव फंड में लगाए पैसे, 6 साल में 6.4 गुना बढ़ा AUM

Motilal Oswal Mutual Fund Survey : देश के 68% रिटेल निवेशकों ने कम से कम एक पैसिव फंड में निवेश किया है, जबकि पैसिव फंड्स का कुल AUM 6 साल में 6.4 गुना बढ़कर 12.2 लाख करोड़ रुपये हो गया है.

Motilal Oswal Mutual Fund Survey : देश के 68% रिटेल निवेशकों ने कम से कम एक पैसिव फंड में निवेश किया है, जबकि पैसिव फंड्स का कुल AUM 6 साल में 6.4 गुना बढ़कर 12.2 लाख करोड़ रुपये हो गया है.

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Viplav Rahi
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Motilal Oswal Survey 2025: 68% भारतीय निवेशक कर रहे हैं पैसिव फंड्स में निवेश. (Image : Freepik)

Motilal Oswal Mutual Fund Investors Survey 2025 : निवेशकों के बीच पैसिव फंड्स की लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है. भारत के करीब 68% रिटेल निवेशकों ने कम से कम एक पैसिव फंड में निवेश किया है. वहीं पिछले 6 साल के दौरान देश में पैसिव फंड्स का कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) करीब 6.4 गुना बढ़कर 12.2 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच चुका है. यह जानकारी मोतीलाल ओसवाल म्यूचुअल फंड (Motilal Oswal Mutual Fund) द्वारा कराए गए पैसिव सर्वे (Passive Survey) 2025 में सामने आई है. 

पैसिव फंड्स का तेजी से बढ़ता दायरा

सर्वे के मुताबिक 2019 के साल में जहां पैसिव फंड्स का कुल AUM केवल 1.91 लाख करोड़ रुपये था, वहीं 2025 में यह आंकड़ा बढ़कर 12.2 लाख करोड़ रुपये हो गया. यानी 36% की कंपाउंडेड एनुअल ग्रोथ रेट (CAGR) के साथ यह इंडस्ट्री निवेशकों के बीच मुख्यधारा का हिस्सा बन चुकी है. खास बात यह है कि सिर्फ मार्च 2023 से अब तक ही AUM में 1.7 गुना की बढ़त देखने को मिली है.

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निवेशक क्यों चुन रहे हैं पैसिव फंड?

सर्वे के मुताबिक निवेशक पैसिव फंड्स में निवेश के पीछे कई कारण गिनाते हैं. इनमें सबसे बड़ा कारण है कम खर्च (54%), उसके बाद डायवर्सिफिकेशन (46%), सिंप्लिसिटी यानी निवेश में आसानी और पारदर्शिता (46%) और परफॉर्मेंस (29%) इन्हें चुनने की प्रमुख वजहें हैं. निवेशकों का मानना है कि पैसिव फंड्स उन्हें बिना ज्यादा रिसर्च किए बाजार जैसा रिटर्न पाने का मौका देते हैं और इसमें ह्यूमन बायस यानी किसी के व्यक्तिगत रुझान के असर की गुंजाइश भी कम रहती है.

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किन बातों को महत्व देते हैं निवेशक

सर्वे में शामिल 3000 से ज्यादा निवेशकों ने बताया है कि उनकी पहली प्राथमिकता फाइनेंशियल इंडिपेंडेंस (61%) है. उसके बाद रिटायरमेंट प्लानिंग (49%) और पोर्टफोलियो डाइवर्सिफिकेशन (31%) का नंबर आता है. 85% निवेशकों ने कहा कि वे पैसिव फंड्स को 3 साल से ज्यादा समय तक होल्ड करना चाहते हैं. निवेश स्टाइल की बात करें तो 57% निवेशक SIP और लंपसम (lumpsum) का कॉम्बिनेशन अपनाते हैं, जबकि 26% सिर्फ SIP और 17% केवल लंपसम (lumpsum) पर भरोसा करते हैं.

किस तरह हो रहा है पैसिव फंड्स में निवेश?

सर्वे में यह भी सामने आया कि करीब 65% निवेशकों ने कम से कम एक ETF खरीदा है. वहीं, 57% निवेशक 1 से 3 पैसिव फंड होल्ड करते हैं, 26% के पास 3 से 5 और 17% के पास 5 से ज्यादा पैसिव फंड्स हैं. प्रोडक्ट प्रेफरेंस देखें तो 49% निवेशक इंडेक्स फंड और ETF दोनों में निवेश करते हैं. वहीं 34% केवल इंडेक्स फंड्स और 16% सिर्फ ETFs में पैसा लगाते हैं.

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डिस्ट्रीब्यूटर्स ने भी माना पैसिव फंड्स पर बढ़ा फोकस

सर्वे में शामिल 120 से ज्यादा डिस्ट्रीब्यूटर्स (MF डिस्ट्रीब्यूटर, RIA, वेल्थ मैनेजर्स) ने भी माना कि पैसिव फंड्स का रोल अब बढ़ रहा है.
93% डिस्ट्रीब्यूटर्स का कहना है कि वे FY25-26 में पैसिव अलोकेशन को और बढ़ाने की योजना बना रहे हैं. फिलहाल 70% क्लाइंट्स के पास तीन से कम पैसिव फंड हैं.
डिस्ट्रीब्यूटर्स पैसिव फंड्स को शामिल करने के पीछे सबसे अहम कारण बताते हैं – डाइवर्सिफिकेशन (62%), लो रिस्क (34%) और आसानी से समझ में आना (28%).

कौन से पैसिव फंड प्रोडक्ट्स बने पॉपुलर?

ब्रॉड-बेस्ड इक्विटी सबसे बड़ी पसंद बनी हुई है, जिसमें 79% इंडेक्स फंड निवेशक और 62% ETF निवेशक एक्सपोजर रखते हैं. इसके बाद कमोडिटीज (सोना, चांदी) और थीमैटिक फंड्स का नंबर आता है.
स्मार्ट बीटा स्ट्रैटेजीज की बात करें तो मोमेंटम (momentum) में 40%, क्वॉलिटी में 37% और वैल्यू (value) में 35% निवेशकों की दिलचस्पी है. 

आगे के संकेत

सर्वे में यह साफ दिखा कि पैसिव फंड्स खासकर मिलेनियल और जेन एक्स निवेशकों के बीच तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं. आने वाले समय में डिजिटल प्लेटफॉर्म्स और आसान इनवेस्टमेंट ऑप्शन्स की वजह से यह ट्रेंड और मजबूत होगा. 

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