/financial-express-hindi/media/media_files/2025/01/15/amCyTlExgv9D7J7lYb3B.jpg)
CM Yuva Scheme: सीएम युवा योजना से जुड़ी के बारे में डिटेल आधिकारिक वेबसाइट msme.up.gov.in पर उपलद्ध है. Photograph: (X/@UPGovt )
Mukhyamantri Yuva Udyami Yojana, CM Yuva Scheme: उत्तर प्रदेश में कुल आबादी का 56 फीसदी हिस्सा युवा वर्ग है. यहां युवाओं को सशक्त बनाने के लिए मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान यानी सीएम युवा योजना शुरू की गई है. योजना के तहत अपना खुद का व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रदेश के पात्र युवाओं को बिना ब्याज और बिना गारंटी के 5 लाख तक का लोन दिया जाना है. प्रदेश का युवा रोजगार देने वाला बन सके इसके लिए राज्य सरकार 4 सालों के लिए यह वित्तीय मदद देने वाली है.
एक्स पर किए एक पोस्ट में कहा गया है कि यूपी सरकार द्वारा मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान की शुरुआत की जा रही है. यह अभियान प्रदेश के युवाओं की असीमित क्षमता को गति देने का कार्य करेगा.
#UPCM श्री @myogiadityanath जी के कुशल नेतृत्व में #UPGovt द्वारा ‘मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान’ की शुरुआत की जा रही है। यह अभियान प्रदेश के युवाओं की असीमित क्षमता को गति देने का कार्य करेगा।
— Government of UP (@UPGovt) January 7, 2025
इस योजना में सामान्य वर्ग के लाभार्थी को परियोजना लागत का 15%, OBC को 12.5%,… pic.twitter.com/c1m0PyjM9b
ध्यान रहे इस योजना में सामान्य वर्ग के लाभार्थी को प्रोजेक्ट खर्च का 15% हिस्सा, ओबीसी को 12.5% हिस्सा, SC-ST और दिव्यांग को 10% हिस्सा और आकांक्षी जिलों जैसे चित्रकूट, चंदौली, फतेहपुर, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती और बहराइच के आवेदकों को 10% कॉन्ट्रिब्यूशन जमा करना होगा. सीएम युवा स्कीम से जुड़ी के बारे में डिटेल आधिकारिक वेबसाइट msme.up.gov.in पर उपलब्ध है.
क्या है योजना का उद्देश्य?
इस योजना का मुख्य उद्देश्य युवाओं को अपने खुद के व्यवसाय शुरू करने में वित्तीय मदद करना है, जिससे हर साल 1 लाख नई स्मॉल यूनिट लगाई जा सकें और अगले 10 सालों में नए रोजगार के 10 लाख नए सेल्फ एम्प्लॉयमेंट के अवसर पैदा किए जा सकें. यह योजना युवाओं को वित्तीय मदद, स्किल डेवलपमेंट और बिजनेस सपोर्ट प्रदान करेगी.
क्या है सीएम युवा स्कीम?
मुख्यमंत्री युवा उद्यमी विकास अभियान यानी सीएम युवा उत्तर प्रदेश सरकार की एक प्रमुख योजना है, जिसका उद्देश्य अगले 10 सालों में 10 लाख स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना है. इस योजना के तहत माइक्रो और स्मॉल यूनिट्स लगाकर युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने पर जोर दिया गया है. यह योजना युवाओं को वित्तीय सहायता, स्किल डेवलपमेंट, और व्यवसायिक सहायता प्रदान करती है|
कौन उठा सकेगा लाभ
- आवेदक यूपी का मूल निवासी होना चाहिए.
- आवेदक की आयु 21 से 40 साल के बीच होनी चाहिए.
- कम से कम 8वीं पास होना चाहिए. इंटर यानी 12वीं पास या समकक्ष होने पर आवेदक को वरीयता दी जाएगी.
- आवेदक ने सरकार द्वारा प्रायोजित स्किल डेवलपमेंट प्रोग्राम जैसे विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना, एक जिला एक उत्पाद (ओडीओपी) ट्रेनिंग व टूलकिट योजना, अनुसूचित जातीय, अनुसूचित जनजातीय, अन्य पिछड़ा वर्ग प्रशिक्षण योजना या उत्तर प्रदेश कौशल विकास मिशन के तहत प्रशिक्षण पूरा किया हो.
- वैकल्पिक रूप से, उनके पास किसी मान्यता प्राप्त संस्थान से स्किल से जुड़े सेक्टर में सर्टिफिकेट, डिप्लोमा या डिग्री होनी चाहिए.
- आवेदक ने प्रधानमंत्री स्वनिधि योजना को छोड़कर किसी अन्य सरकारी योजना के तहत ब्याज या पूंजी सब्सिडी का लाभ न लिया हो.
सीएम युवा योजना में कितनी मिलेगी वित्तीय मदद?
पहला फेज (Phase 1)
प्रोजेक्ट लागत 5 लाख रुपये तक
4 सालों के लिए 5 लाख रुपये तक की प्रोजेक्ट लागत पर 100% ब्याज सब्सिडी और कोलेटरल गारंटी मुक्त लोन यानी बिना प्रापर्टी गिरवी रखे लोन.
5 से 10 लाख तक
अतिरिक्त रकम का वित्तपोषण लाभार्थी को स्वयं करना होगा.
मोरेटोरियम अवधि
6 महीने तक रिपेमेंट की आवश्यकता नहीं.
सीजीटीएमएसई कवरेज
राज्य सरकार द्वारा 4 सालों तक प्रदान किया जाएगा.
मार्जिन मनी सब्सिडी
परियोजना लागत का 10% (अधिकतम 50,000 रुपये तक), जो यूनिट शुरू होने के बाद दिया जाएगा.
दूसरा फेज (Phase 2)
पहले चरण का लोन चुकाने के बाद, लाभार्थी दूसरे फेज में वित्तीय सहायता के लिए पात्र होंगे.
परियोजना लागत अधिकतम 10 लाख रुपये हो सकती है
10 से 20 लाख रुपये तक की प्रोजेक्ट्स के लिए अतिरिक्त वित्तपोषण लाभार्थी को स्वयं करना होगा.
ब्याज सब्सिडी
7.5 लाख रुपये या पहले चरण के लोन की डबल रकम में से जो भी कम हो, उसका 50% ब्याज सब्सिडी, 3 सालों के लिए.
सीजीटीएमएसई कवरेज
दूसरे फेज में भी 3 सालों तक राज्य सरकार द्वारा वहन किया जाएगा.
मार्जिन मनी सब्सिडी
दूसरे चरण में उपलब्ध नहीं है.
सीएम युवा योजना में मार्जिन मनी की आवश्यकता क्या है?
सामान्य श्रेणी (General): परियोजना लागत का 15%.
ओबीसी (OBC): परियोजना लागत का 12.5%.
एससीयाएसटी, दिव्यांग और पिछड़े क्षेत्रों के लाभार्थी: परियोजना लागत का 10%. (पिछड़े क्षेत्र: बुंदेलखंड, पूर्वांचल, और आकांक्षी जिले (जैसे चितरकूट, चंदौली, सोनभद्र फतेहपुर, बलरामपुर, सिद्धार्थनगर, श्रावस्ती, बहराइच).
किन मामलों के लिए नहीं मिलेगा योजना का लाभ
कुछ व्यवसायों को योजना के तहत वित्तीय सहायता के लिए अयोग्य घोषित किया गया है. नकारात्मक सूची में शामिल हैं:
- शराब और पेय पदार्थ: ऐरेटेड (वातित पेय) और कार्बोनेटेड ड्रिंक्स सहित.
- तंबाकू उत्पाद: जैसे गुटखा और पान मसाला.
- पटाखे.
- प्लास्टिक बैग्स: 40 माइक्रोन से कम के.
- सरकार द्वारा निषिद्ध अन्य उत्पाद.
किन बैंकों से मिलेगा लोन
ऋण प्रदान करने के लिए राष्ट्रीयकृत बैंक, अनुसूचित बैंक, ग्रामीण बैंक, आरबीआई द्वारा अनुमोदित अन्य वित्तीय संस्थाएँ पात्र हैं. राज्य सरकार इन संस्थानों के माध्यम से सब्सिडी और वित्तीय सहायता प्रदान करती है.
कैस करें अप्लाई
ऑनलाइन आवेदन: msme.up.gov.in पर अपना आवेदन ऑनलाइन जमा करें.
दस्तावेज अपलोड करें: आयु प्रमाण, शैक्षणिक योग्यता, कौशल प्रमाणपत्र (यदि लागू हो), बिजनेस प्लान, और पते का प्रमाण.
ऋण प्रसंस्करण: बैंक प्रोजेक्ट का मूल्यांकन कर ऋण स्वीकृति या अस्वीकृति का निर्णय करेगा.
सब्सिडी वितरण: ऋण स्वीकृत होने पर सब्सिडी और सहायता सीधे बैंक खाते में जमा होगी.
अतिरिक्त लाभ
लाभार्थी प्रति डिजिटल लेनदेन पर 1 रुपये अतिरिक्त अनुदान पाने के पात्र हैं, जिसकी अधिकतम सीमा 2,000 रुपये प्रति वर्ष है.