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SBI कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड ने 5 साल में अपने बेंचमार्क इंडेक्स की तुलना में काफी बेहतर रिटर्न दिए हैं. (Image : Pixabay)
SBI MF Scheme : High Return With Less Equity Exposure : देश के सबसे बड़े फंड हाउस में शामिल SBI म्यूचुअल फंड की कंजर्वेटिव हाइब्रिड स्कीम ने इक्विटी में कम एक्सपोजर के बावजूद अपने निवेशकों को पिछले 5 साल में अच्छे रिटर्न दिए हैं. इस स्कीम (SBI Conservative Hybrid Fund) के कॉर्पस का 75 फीसदी से ज्यादा हिस्सा डेट एसेट्स (Debt Assets) में इनवेस्ट किए जाने की वजह से इसे प्योर इक्विटी फंड्स ही नहीं, एग्रेसिव हाइब्रिड फंड और बैलेंस्ड हाइब्रिड फंड की तुलना में भी कम जोखिम वाला कहा जा सकता है. लेकिन निवेश के मामले में इस कंजर्वेटिव एप्रोच के बावजूद इस स्कीम के रिटर्न काफी आकर्षक रहे हैं. इस स्कीम के डायरेक्ट प्लान का पिछले 5 साल का औसत सालाना रिटर्न 11.24% रहा है, जबकि रेगुलर प्लान का सालाना रिटर्न 10.64% है. 9 अप्रैल 2001 को लॉन्च हुई इस स्कीम ने शुरुआत में किए गए लंप सम इनवेस्टमेंट को करीब 7 गुना कर दिखाया है.
SBI कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड क्या है?
SBI कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड एक ओपन-एंडेड हाइब्रिड स्कीम है, जिसका उद्देश्य अपने निवेशकों के लिए स्टेबल इनकम के साथ कैपिटल ग्रोथ हासिल करना है. अपने इस उद्देश्य को पूरा करने के लिए SBI कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड के फंड मैनेजर मुख्य तौर पर डेट इंस्ट्रूमेंट्स और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश करते हैं. 31 दिसंबर 2024 के आंकड़ों के मुताबिक SBI कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड का इक्विटी एक्सपोजर 22.56% था. कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड पर लागू होने वाले सेबी के नियमों के तहत इस स्कीम का इक्विटी एक्सपोजर 10% से 25% के बीच और डेट इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश 75% से 90% तक हो सकता है.
SBI कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड का पिछला प्रदर्शन
SBI कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड ने पिछले 5 साल में अपने निवेशकों को डायरेक्ट प्लान पर 11.24% और रेगुलर प्लान पर 10.64% के हिसाब से औसत सालाना रिटर्न दिया है. इसकी तुलना में इसके बेंचमार्क इंडेक्स (NIFTY 50 Hybrid Composite Debt 15:85 Conservative Index) ने 8.38% का रिटर्न दिया. इससे साफ है कि इस स्कीम ने बेंचमार्क की तुलना में काफी बेहतर प्रदर्शन किया है.
1 लाख रुपये का निवेश बना करीब 7 लाख
अगर किसी निवेशक ने इस स्कीम की शुरुआत के समय 1 लाख रुपये लगाए होंगे, तो उसकी मौजूदा फंड वैल्यू 6,95,060 रुपये हो चुकी होगी. जबकि 5 साल पहले किए गए 1 लाख रुपये के इनवेस्टमेंट की मौजूदा फंड वैल्यू करीब 1,68,620 रुपये होगी. दिसंबर 2024 तक इस स्कीम का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 9,911.27 करोड़ रुपये था, जो इसकी लोकप्रियता और निवेशकों के भरोसे को दर्शाता है.
SBI कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड का पोर्टफोलियो
इस स्कीम का 75% से अधिक हिस्सा डेट इंस्ट्रूमेंट्स में और लगभग 22.5% हिस्सा इक्विटी में लगा हुआ है. डेट पोर्टफोलियो में AAA और AA रेटेड बॉन्ड्स शामिल हैं, जो इसे सुरक्षित बनाते हैं. इक्विटी पोर्टफोलियो में आईसीआईसीआई (ICICI Bank), स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (State Bank of India), इंफोसिस (Infosys) जैसी कंपनियां शामिल हैं, जिससे ग्रोथ की संभावना बनी रहती है. फंड के डेट पोर्टफोलियो में सरकारी बॉन्ड्स, कॉर्पोरेट बॉन्ड्स और मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स का संतुलित मेल है, जो निवेश को स्टेबल और सुरक्षित बनाता है.
स्कीम से जुड़ी अहम जानकारी
- मिनिमम लंपसम इनवेस्टमेंट : 5,000 रुपये
- मिनिमम SIP इनवेस्टमेंट : 500 रुपये
- एग्जिट लोड (Exit Load) : 1 साल के भीतर 10% से ज्यादा रकम निकालने पर 1%, 1 साल बाद कोई एग्जिट लोड नहीं.
- रिस्क लेवल : हाई (High)
- एक्सपेंस रेशियो : 1.54% (रेगुलर प्लान), 1.05% (डायरेक्ट प्लान)
- एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM): 9,911.27 करोड़ रुपये.
- फंड मैनेजर्स : सौरभ पंत (इक्विटी), मानसी साजेजा (डेट), प्रदीप केसवन (ओवरसीज)
किनके लिए सही है SBI कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड
SBI कंजर्वेटिव हाइब्रिड फंड मुख्य रूप से उन निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प हो सकता है, जो कम रिस्क वाले निवेश पर स्टेबल इनकम के साथ साथ-साथ कैपिटल ग्रोथ की भी उम्मीद रखते हैं. डेट इंस्ट्रूमेंट्स में अधिक निवेश होने से यह स्कीम प्योर इक्विटी फंड, एग्रेसिव हाइब्रिड फंड या बैलेंस्ड हाइब्रिड फंड्स की तुलना में कम रिस्की मानी जा सकती है. साथ ही, इसमें इक्विटी का सीमित एक्सपोजर एक्सट्रा ग्रोथ का मौका भी देता है. यही वजह है कि इस स्कीम में जोखिम और रिटर्न का बेहतर संतुलन मिलता है.
(डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल का उद्देश्य सिर्फ जानकारी देना है, निवेश की सिफारिश करना नहीं. जरूरी नहीं है कि म्यूचुअल फंड का पिछला रिटर्न भविष्य में भी जारी रहे. निवेश का कोई भी फैसला सेबी रजिस्टर्ड निवेश सलाहकार की राय लेने के बाद ही करें.)