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ETF Investment Guide : गलत फंड चुनने से बचना चाहते हैं? निवेश से पहले अच्छी तरह समझ लें ये 5 स्मार्ट टिप्स

ETF Investment Tips : बाजार में मौजूद 250 से ज्यादा ETF में से अपने लिए सही फंड चुनना आसान नहीं. इन 5 बातों को ध्यान में रखेंगे तो सही फंड में निवेश करना आसान हो जाएगा.

ETF Investment Tips : बाजार में मौजूद 250 से ज्यादा ETF में से अपने लिए सही फंड चुनना आसान नहीं. इन 5 बातों को ध्यान में रखेंगे तो सही फंड में निवेश करना आसान हो जाएगा.

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Viplav Rahi
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ETF Investment Tips: सही ETF चुनने के 5 आसान टिप्स, जानिए कैसे मिलेगा बेहतर रिटर्न. (Image : Freepik)

ETF Investment Tips : म्यूचुअल फंड निवेशकों के बीच एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) की लोकप्रियता लगातार बढ़ रही है. वजह साफ है. ईटीएफ बेहद कम खर्च में डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो बनाने का मौका देते हैं. इसके साथ ही उन्हें एक्सचेंज पर जाकर स्टॉक्स की तरह आसानी से खरीदा और बेचा जा सकता है. लेकिन बाजार में 250 से ज्यादा ETF मौजूद हैं. ऐसे में अपने लिए सही फंड चुनना किसी निवेशक के लिए बड़ी चुनौती हो सकता है. अगर गलत ETF चुन लिया, तो उसका आपके रिटर्न पर बुरा असर पड़ सकता है. अगर आप अपने निवेश के लिए सही ईटीएफ चुनना चाहते हैं, तो इन 5 अहम बातों पर जरूर फोकस करें.

1. आपका ETF किस इंडेक्स को ट्रैक करता है (Know Which Index Your ETF Tracks)

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हर ETF किसी न किसी इंडेक्स को ट्रैक करता है. यानी आप इनडायरेक्ट तौर पर उस इंडेक्स में शामिल कंपनियों या एसेट्स में निवेश कर रहे होते हैं. मसलन, अगर आपका ETF Nifty 50 या Sensex को फॉलो करता है, तो आप उनके जरिये देश की टॉप कंपनियों की हिस्सेदारी खरीद रहे होते हैं. इसलिए यह जानना बेहद जरूरी है कि आपका चुना हुआ ETF किस इंडेक्स से जुड़ा है और क्या वह आपके निवेश के उद्देश्य से मेल खाता है. सही इंडेक्स का चुनाव लंबे समय में बेहतर रिटर्न की दिशा तय करता है.

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2. ट्रैकिंग एरर पर रखिए खास नजर (Keep an Eye on Tracking Error)

हर ETF कोशिश करता है कि वह अपने बेंचमार्क इंडेक्स को हूबहू फॉलो करे, लेकिन हर बार ऐसा संभव नहीं होता. इस छोटे फर्क को ही ट्रैकिंग एरर (Tracking Error) कहा जाता है. अगर यह एरर कम है, तो ETF अपने इंडेक्स के रिटर्न से काफी हद तक मेल खाता है. वहीं अगर ट्रैकिंग एरर ज्यादा है, तो आपके रिटर्न उम्मीद से कम हो सकते हैं. इसलिए हमेशा ऐसे ETF को चुनना बेहतर रहता है, जिसका ट्रैकिंग एरर कम से कम हो.

3. लिक्विडिटी यानी खरीदना-बेचना कितना आसान है (Check Liquidity Before Investing)

निवेश का मकसद सिर्फ रिटर्न पाना नहीं होता. बल्कि आपके पास जरूरत पड़ने पर पैसा निकालने की बेहतर सुविधा होनी भी जरूरी है. इसलिए ETF की लिक्विडिटी (Liquidity) बेहद अहम होती है. अगर किसी ETF में रोजाना अच्छा कारोबार होता है, यानी खरीदने और बेचने वालों की संख्या काफी है, तो उसे कभी भी बेचना आसान रहेगा. लेकिन अगर फंड का ट्रेडिंग वॉल्यूम कम है, तो आपको जरूरत पड़ने पर कम समय में अपनी यूनिट्स बेचने में दिक्कत का सामना करना पड़ सकता है. हमेशा ऐसे ETF का चुनाव करें जिसे जरूरत पड़ने पर आसानी से खरीदा या बेचा जा सके.

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4. ETF के प्राइस और NAV में फर्क को समझें (Understand the Price vs NAV Difference)

ETF की नेट एसेट वैल्यू (NAV) यह बताती है कि उसमें शामिल एसेट्स का मौजूदा मूल्य कितना है. आम तौर पर ETF का मार्केट प्राइस उसके NAV के आसपास होना चाहिए. लेकिन कई बार मार्केट प्राइस इससे काफी ऊपर या नीचे भी ट्रेड करता है. अगर ETF का प्राइस उसकी NAV से काफी ज्यादा है, तो आप जरूरत से ज्यादा पैसे चुका रहे हैं. इसलिए निवेश से पहले हमेशा देखें कि ETF की कीमत उसकी NAV के करीब हो, ताकि आपका पैसा सही वैल्यू पर निवेश किया जा सके.

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5. एक्सपेंस रेशियो पर ध्यान देना न भूलें (Check the Expense Ratio Carefully)

हर ETF को चलाने के लिए मैनेजमेंट कॉस्ट लगती है, जिसे एक्सपेंस रेशियो (Expense Ratio) कहा जाता है. इसका आंकड़ा पहली नजर में भले ही बेहद छोटा लगे, लेकिन लंबे समय में यह आपके रिटर्न पर बड़ा असर डाल सकता है. मिसाल के तौर पर अगर किसी ETF का एक्सपेंस रेशियो 0.05% है और दूसरे का 0.10%, तो शुरुआत में फर्क छोटा दिखेगा, पर साल दर साल यही फर्क आपके रिटर्न पर बड़ा असर डाल सकता है. इसलिए बाकी बातें समान रहने पर हमेशा उसी ETF का चुनाव करें, जिसका एक्सपेंस रेशियो कम हो.

सही ETF का चुनाव करना किसी भी निवेशक के लिए बड़ा फैसला होता है, क्योंकि इसी से तय होता है कि आगे चलकर आपका निवेश कितना स्टेबल और फायदेमंद रहेगा. अगर आप ऊपर बताई गई 5 बातों - बेंचमार्क इंडेक्स, ट्रैकिंग एरर, लिक्विडिटी, प्राइस-एनएवी डिफरेंस और एक्सपेंस रेशियो - को ध्यान में रखकर फंड चुनेंगे, तो सही फैसला लेना आसान होगा. याद रखें, सारे ETF एक जैसे नहीं होते. इसलिए जल्दबाजी में नहीं, बल्कि समझदारी के साथ सही ETF चुनें.

(डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल का मकसद सिर्फ जानकारी देना है, निवेश की सलाह देना नहीं. निवेश का कोई भी फैसला अपने इनवेस्टमेंट एडवाइजर से सलाह-मशविरा करने के बाद ही करें)

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