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Mutual Fund Investment Strategy : क्या हर दिन चेक करनी चाहिए NAV और फंड वैल्यू? कितनी सही है निवेश की ये स्ट्रैटजी

Should You Check Mutual Fund Value, NAV Daily : क्या इनवेस्टर्स को हर दिन NAV और फंड वैल्यू चेक करनी चाहिए? म्यूचुअल फंड निवेश को ट्रैक करने का सही तरीका क्या है?

Should You Check Mutual Fund Value, NAV Daily : क्या इनवेस्टर्स को हर दिन NAV और फंड वैल्यू चेक करनी चाहिए? म्यूचुअल फंड निवेश को ट्रैक करने का सही तरीका क्या है?

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Viplav Rahi
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Mutual Fund Tracking AI

Investment Strategy : म्यूचुअल फंड इनवेस्टर्स को क्या रोज NAV चेक करनी चाहिए? क्या है सही स्ट्रैटजी? (AI Generated Image)

Mutual Fund Investment Strategy : म्यूचुअल फंड में निवेश करने वाले कई इनवेस्टर हर दिन अपने अपने फंड की एनएवी (NAV - Net Asset Value) और फंड वैल्यू (Fund Value) को ट्रैक करने लगते हैं. कुछ वैसे ही बहुत से निवेशक शेयर मार्केट (Stock Market) में शेयर्स के दाम लगातार ट्रैक करते हैं. लेकिन क्या वाकई ऐसा करना सही है? क्या रोजाना NAV देखने से रिटर्न बढ़ता है या यह सिर्फ बेवजह की चिंता पैदा करता है? इस पर आगे बात करेंगे, लेकिन पहले आसान शब्दों में समझते क्या है NAV का मतलब.

क्या है NAV का मतलब

NAV यानी नेट एसेट वैल्यू (Net Asset Value) का मतलब है किसी म्यूचुअल फंड की एक यूनिट का मूल्य. इसे हर ट्रेडिंग डे (Trading Day) के अंत में उस फंड की कुल वैल्यू के आधार पर तय किया जाता है. जब आप किसी म्यूचुअल फंड में पैसा लगाते हैं, तो आपको मौजूदा NAV के हिसाब से यूनिट्स मिलती हैं. अगर फंड के अंदर रखे गए स्टॉक्स या बॉन्ड्स का मूल्य बढ़ता या घटता है, तो उसी के अनुसार NAV में भी बदलाव होता है.

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इसलिए NAV का हर रोज ऊपर-नीचे होना पूरी तरह सामान्य बात है. लेकिन यह बदलाव केवल उसी दिन के बाजार के उतार-चढ़ाव को दिखाता है, आपके लॉन्ग टर्म रिटर्न को नहीं.

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क्या हर रोज NAV देखना फायदेमंद है?

इस सवाल का सीधा जवाब है - नहीं. रोजाना NAV देखना बिलकुल भी जरूरी नहीं है. म्यूचुअल फंड में निवेश (Mutual Fund Investment) का मकसद होता है लंबी अवधि (Long-Term Investing) में वेल्थ क्रिएशन करना. यह कोई डेली ट्रेडिंग का जरिया नहीं है. 

इक्विटी फंड्स (Equity Mutual Funds) में NAV का उतार-चढ़ाव शेयर मार्केट की चाल से तय होता है, जो रोज बदलती रहती है. लेकिन अगर आपका निवेश का लक्ष्य 5 या 10 साल दूर है, तो मौजूदा NAV में थोड़ा बदलाव होने से आपके बड़े लक्ष्य पर कोई खास असर नहीं पड़ता.

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बार-बार देखने से बढ़ती है बेचैनी

रोजाना NAV और फंड वैल्यू देखने की आदत अक्सर इनवेस्टर्स के लिए बेवजह के तनाव और चिंता को बढ़ावा देती है. कभी NAV बढ़ी तो खुशी, और अगले दिन घटी तो बेचैनी. सेंटिमेंट्स में ऐसे उतार-चढ़ाव कई बार निवेशकों को गलत फैसले लेने के लिए उकसाते हैं. मिसाल के तौर पर समय से पहले या गलत समय पर फंड बेच देना या बार-बार फंड बदलते रहना. 

ऐसे कदम अक्सर लंबी अवधि में नुकसान करने वाले साबित होते हैं, क्योंकि इससे आप लंबे समय में मिलने वाले कंपाउंडिंग (Compounding) और मार्केट में रिकवरी जैसे फायदों से दूर रह जाते हैं. क्योंकि NAV घटने पर उतने ही पैसों में आप ज्यादा यूनिट्स खरीद सकते हैं, जिससे रिकवरी के समय मुनाफा बढ़ जाता है. लेकिन अगर आप NAV घटने से घबराकर फंड से बाहर निकल आए, तो ये मौका चूक जाएंगे.

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3 या 6 महीने में एक बार रिव्यू करना बेहतर

अपनी फंड वैल्यू या NAV को रोज देखने की बजाय, हर 3 या 6 महीने में एक बार अपने निवेश को रिव्यू करना ज्यादा समझदारी भरा कदम है. इस रिव्यू के दौरान आप अपने फंड की परफॉर्मेंस (Fund Performance) की तुलना उसके बेंचमार्क और समान कैटेगरी या थीम वाले दूसरे फंड्स से कर सकते हैं.

मुख्य बात यह है कि आपका फंड आपके निवेश लक्ष्य (Investment Goal) के अनुरूप काम कर रहा है या नहीं.

इनवेस्टमेंट के उद्देश्य को ध्यान में रखें

अगर आप अपने बच्चे की 10 साल बाद की पढ़ाई के लिए इक्विटी म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं, तो आज NAV के गिरने से घबराने की कोई जरूरत नहीं. बाजार में उतार-चढ़ाव आते-जाते रहते हैं, लेकिन सिस्टमैटिक इनवेस्टमेंट प्लान (SIP) के जरिये नियमित निवेश (Regular Investment) करना आपको इन झटकों से बचाता है और रुपी कॉस्ट एवरेजिंग (Rupee Cost Averaging) के जरिये आपके निवेश की औसत लागत को संतुलित रखता है.

अगर आपने शॉर्ट-टर्म जरूरतों के लिए डेट या लिक्विड फंड (Debt or Liquid Fund) में निवेश किया है, तो भी रोजाना ट्रैक करना यहां भी जरूरी नहीं. ऐसे फंड्स में भी आमतौर पर महीने में एक बार परफॉर्मेंस चेक करना काफी है. 

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धैर्य बनाए रखना है सही स्ट्रैटजी

हर दिन NAV चेक करना वैसा ही है जैसे हर बार कुछ खाने के बाद अपना वजन नापना. नतीजा तभी दिखेगा जब आप धीरज और अनुशासन के साथ लंबे समय तक निवेश करते रहेंगे.

म्यूचुअल फंड निवेश में सफलता का राज बाजार को रोज देखना नहीं, बल्कि समय के साथ निवेश बनाए रखना (Stay Invested Over Time) है. जो इनवेस्टर धैर्य के साथ SIP जारी रखते हैं और रोज-रोज फंड वैल्यू देखकर परेशान नहीं होते, वही लंबे समय के दौरान सही मायने में वेल्थ क्रिएशन कर पाते हैं.

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