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Low Risk Investment : इन फंड्स की सबसे बड़ी खासियत है कि ये जरूरत के हिसाब से शेयर, फिक्स्ड इनकम और कमोडिटी के बीच निवेश को बदल सकते है. (Freepik)
Multi Asset Allocation Fund : 2024 में हमने देखा कि शेयर बाजार में तेजी थी, जिसकी वजह से निवेश को अलग-अलग जगह पर डाइवर्सिफाई करने का ज्यादा फायदा नहीं दिखा. लेकिन अब जब बाजार में फिर से उतार-चढ़ाव शुरू हो गया है और अलग-अलग सेक्टर अलग प्रदर्शन कर रहे हैं, तो ऐसे समय में डाइवर्सिफाइड निवेश का महत्व फिर से बढ़ गया है.
हालांकि लंबे समय में शेयर बाजार महंगाई से बेहतर रिटर्न दे सकता है, लेकिन हाइब्रिड फंड्स (Hybrid Funds) कम जोखिम में बेहतर और संतुलित रिटर्न दे सकते हैं. ये फंड्स उन निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प हो सकते हैं जो अपना पैसा सुरक्षित रखना चाहते हैं और चाहते हैं कि उनका पोर्टफोलियो स्थिर बना रहे.
समझदारी से निवेश करना जरूरी
राजसा के., वाइस प्रेसिडेंट एंड पोर्टफोलियो मैनेजर - इमर्जिंग मार्केट्स इक्विटी-इंडिया, फ्रैंकलिन टेम्पलटन का कहना है कि आज के समय में हाइब्रिड फंड्स, जैसे कि मल्टी एसेट अलोकेशन फंड्स, निवेश के लिए एक अच्छे विकल्प के रूप में सामने आ रहे हैं. ये फंड अलग-अलग एसेट क्लास (जैसे शेयर, बॉन्ड, कमोडिटी) की अलग-अलग जोखिम और रिटर्न की विशेषताओं का फायदा उठाते हैं. इसलिए इनमें समझदारी से निवेश करना जरूरी होता है.
राजसा के. का कहना है कि इन फंड्स की सबसे बड़ी खासियत है कि ये जरूरत के हिसाब से शेयर, फिक्स्ड इनकम (जैसे बॉन्ड) और कमोडिटी (जैसे सोना) के बीच निवेश को बदल सकते है. इससे ये जोखिम को बेहतर ढंग से मैनेज कर सकते हैं और साथ ही ग्रोथ के मौकों का फायदा भी उठा सकते हैं.
सोने का महत्व बढ़ गया
अभी जब शेयरों की कीमत बढ़ गई है यानी वैल्युएशन महंगा हो गया है, और बॉन्ड का रिटर्न स्थिर हो गया है, तब मल्टी एसेट फंड्स के पोर्टफोलियो में कमोडिटी खासकर सोने का महत्व बढ़ गया है. यह महंगाई, जियो-पॉलिटिकल रिस्क और बाजार के उतार-चढ़ाव से बचाव (हेज) का एक प्रभावी तरीका प्रदान करते हैं.
इन फंड्स का पारंपरिक संपत्तियों (जैसे शेयर या बॉन्ड) से बहुत कम या नकारात्मक जुड़ाव (को-रिलेशन) होता है, जिससे निवेश में विविधता (डाइवर्सिफिकेशन) लाने में मदद मिलती है. वहीं, सोने का हमेशा से सुरक्षित निवेश (सेफ हैवन) का दर्जा रहा है, और जब दुनिया में तनाव या अनिश्चितता होती है, तो लोग इसमें निवेश करना पसंद करते हैं.
आज के अनिश्चित माहौल में सोना एक रणनीतिक निवेश बन जाता है. इसलिए, मल्टी एसेट एलोकेशन फंड एक जटिल आर्थिक माहौल में अच्छा रिस्क-एडजस्टेड रिटर्न देने के लिए बेहतर स्थिति में हैं.
3 साल के टॉप परफॉर्मर
Quant Multi Asset Allocation Fund : 25.19%
Nippon India Multi Asset Active FoF : 22.78%
UTI Multi Asset Allocation Fund : 22.47%
ICICI Pru Multi Asset Fund : 22.24%
Kotak Multi Asset Allocator FoF : 22.12%
Nippon India Multi Asset Allocation Fund : 21.04%
5 साल के टॉप परफॉर्मर
Quant Multi Asset Allocation : 32.27%
ICICI Pru Multi Asset Fund : 25.06%
Kotak Multi Asset Allocator FoF : 21.78%
Tata Multi Asset Allocation Fund : 19.75%
ABSL Financial Planning FOF Aggressive : 19.42%
HDFC Multi Asset Fund : 17.84%
निवेश की खास स्ट्रैटेजी, रिस्क कम और टैक्स का भी फायदा
राजसा के. का कहना है कि ये फंड उन एसेट्स में निवेश करते हैं, जिनका आपस में बहुत कम जुड़ाव होता है, इससे नुकसान का जोखिम कम हो जाता है. उदाहरण के लिए, अगर किसी कारण से शेयर बाजार में गिरावट आती है (जैसे आर्थिक या जियोपॉलिटिकल चिंता), तो उस समय लोग सुरक्षित विकल्प जैसे बॉन्ड या सोना खरीदते हैं, जिससे उनकी कीमत बढ़ सकती है. मल्टी एसेट फंड्स ऐसे समय में इन बढ़ती एसेट्स का फायदा उठा सकते हैं और निवेशकों को घाटे से बचा सकते हैं.
मल्टी एसेट अलोकेशन फंड्स अलग-अलग एसेट क्लास (जैसे शेयर, बॉन्ड, सोना) में अपने निवेश को समय और जरूरत के अनुसार बदल सकते हैं. लेकिन अगर ये फंड कुल मिलाकर कम से कम 65% निवेश शेयरों (इक्विटी) में लगाए रखते हैं, तो जब आप इनमें से पैसा निकालते हैं, तो उस पर इक्विटी की तरह टैक्स लगता है. ना कि आपको अपने इनकम टैक्स स्लैब रेट के हिसाब से टैक्स देना होता है. इस तरह टैक्स का फायदा होता है.
किन निवेशकों के लिए बेहतर विकल्प
ये फंड डेरिवेटिव्स का इस्तेमाल कर अपने इक्विटी निवेश को हेज (सुरक्षित) कर सकते हैं, जिससे पोर्टफोलियो में उतार-चढ़ाव कम होता है और वे इक्विटी टैक्स के दायरे में आते हैं. जो निवेशक अपने लंबे समय के निवेश लक्ष्यों के लिए टैक्स बचाने वाले विकल्प ढूंढ रहे हैं, वे मल्टी एसेट एलोकेशन फंड पर विचार कर सकते हैं.
ये फंड लंबी अवधि में ग्रोथ की संभावनाओं के साथ-साथ कम समय में नुकसान से बचाव और टैक्स में छूट के फायदे भी देते हैं. यही वजह है कि ये निवेशकों के लिए एक बेहतर विकल्प हो सकते हैं.
(Disclaimer: किसी फंड कैटेगरी को लेकर विचार एक्सपर्ट के द्वारा दिए गए हैं. यह फाइनेंशियल एक्सप्रेस के निजी विचार नहीं है. किसी फंड में पुराना रिटर्न आगे भी जारी रहेगा, यह तय नहीं है. कुल मिलाकर बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले एक्सपर्ट की राय लें.)