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Best Mutual Funds : इन्वेस्को म्यूचुअल फंड ने बेंचमार्क को हराने में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया. उसकी 16 में से 13 स्कीम (81%) ने अपने बेंचमार्क से बेहतर रिटर्न दिया. (AI Image)
Mutual Fund Investing : म्यूचुअल फंड का भी फोकस आईपीओ पर बना हुआ है. वेंचुरा स्टॉक ब्रोकिंग की लेटेस्ट स्टडी के अनुसार, जून 2025 को खत्म हुई तिमाही में म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री ने नए लिस्ट हुए कंपनियों (IPOs) में जबरदस्त तरीके से हिस्सा लिया है.इस दौरान म्यूचुअल फंड्स (mutual funds) ने 5,294 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश हाल ही के IPOs में किया गया.
इनमें से ज्यादातर कंपनियां स्मॉल कैप कैटेगरी की हैं. टॉप 10 में सिर्फ एक कंपनी मिड कैप है, बाकी स्मॉलकैप (Small Cap Stocks). यह डेटा दिखाता है कि म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री का फोकस स्मॉल कैप, लेकिन तेजी से बढ़ने वाली कंपनियों पर है, जिनमें भविष्य में बेहतर रिटर्न देने की क्षमता है.
इन स्टॉक्स में सबसे ज्यादा निवेश
न्यू एंट्री - IPOs | म्यूचुअल फंड स्कीम के पास मार्केट वैल्यू (₹ करोड़) | कैटेगरी (SEBI) |
Ather Energy | 1,351 | स्मॉल कैप |
HDB Financial Services | 1,331 | मिड कैप |
Schloss Bangalore | 679 | स्मॉल कैप |
Aegis Vopak Terminals | 495 | स्मॉल कैप |
Belrise Industries | 398 | स्मॉल कैप |
Oswal Pumps | 387 | स्मॉल कैप |
Ellenbarrie Industrial Gases | 357 | स्मॉल कैप |
Kalpataru | 241 | स्मॉल कैप |
Sambhv Steel Tubes | 55 | स्मॉल कैप |
(Note: Companies with a market value above Rs. 20 Crore have been considered.
*Listing was in 1st Week of July-25 Month.)
इक्विटी फंड का प्रदर्शन : 41% स्कीम ने ही बेंचमार्क को हराया
एक अन्य स्टडी में जनवरी से मार्च 2025 तिमाही के दौरान टॉप 20 एएमसी (AUM के आधार पर) की 335 इक्विटी स्कीम्स का एनालिसिस किया गया. इसमें यह निकलकर आया कि 90 फीसदी इक्विटी स्कीम ने निफ्टी 50 TRI को पीछे छोड़ा है, जिससे यह साफ होता है कि इस दौरान निफ्टी 50 का प्रदर्शन कमजोर रहा.
हालांकि, सिर्फ 41 फीसदीस्कीमहीअपने-अपने कैटेगरी बेंचमार्क को हरा सकीं, जिससे यह पता चलता है कि अब बेहतर रिटर्न देना और कठिन हो गया है. इसलिए फंड मैनेजर को ज्यादा सोच-समझकर निवेश करना पड़ रहा है.
इस म्यूचुअल फंड की स्कीम रहीं विनर
इन्वेस्को म्यूचुअल फंड ने बेंचमार्क को हराने में सबसे अच्छा प्रदर्शन किया.उसकी 16 में से 13 स्कीम (81%) ने अपने बेंचमार्क से बेहतर रिटर्न दिया.
इसके अलावा, मिरे एसेट म्यूचुअल फंड, कोटक म्यूचुअल फंड, निप्पॉन इंडिया म्यूचुअल फंड, एडेलवाइस म्यूचुअल फंड, केनरा रोबेको और आदित्य बिड़ला सनलाइफ म्यूचुअल फंड की सभी इक्विटी स्कीम्स ने निफ्टी 50 को हराया, जिससे उनकी स्थिर और मजबूत परफॉर्मेंस झलकती है.
आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल म्यूचुअल फंडऔर आदित्य बिड़ला सन लाइफ म्यूचुअल फंड जैसी बड़ी कंपनियों की सबसे ज्यादा स्कीम्स ने निफ्टी को पछाड़ा, लेकिन जब बात बेंचमार्क से बेहतर प्रदर्शन की आती है, तो मिड-साइज फंड हाउसों का योगदान ज्यादा दिखा.
स्मॉल कैप फंड्स : इक्विटी AUM में सबसे ज्यादा बढ़त
स्टडीकेअनुसार, जून तिमाही में स्मॉल कैप फंड्स (Small Cap Funds) में AUM (एसेटअंडरमैनेजमेंट) 20 फीसदीबढ़ा, जोसभीकैटेगरीमेंसबसेअधिकहै. यहतेजबढ़तएकबड़ाबदलावदिखातीहै, क्योंकिपिछलीतिमाहीमेंसबसेनीचेरहनेवालेस्मॉलकैपफंड्सअबटॉपपरपहुंचगएहैं. इससेयहसाफहोताहैकिनिवेशकोंकाभरोसाएकबारफिरसेहाई-ग्रोथऔरहाई-रिस्कसेक्टरोंमेंबढ़ाहै.
मिडकैप (17%) औरमल्टीकैप (16.5%) फंड्सनेभीअच्छीबढ़तदर्जकी, जोयहदिखाताहैकिबाज़ारमेंकुलमिलाकरतेजीहैऔरनिवेशकअबकेवललार्जकैपकंपनियोंसेआगेबढ़करऔरभीविविधनिवेशविकल्पोंकीओरबढ़रहेहैं.
इनसभीकैटेगरीमेंAUM मेंबढ़तयहबतातीहैकिनिवेशकअबस्मॉलकैपऔरमिडकैपसाइजकीकंपनियोंमेंभीबेहतररिटर्नकीउम्मीदसेनिवेशकररहेहैं. जिसकाकारणहै,बेहतरवैल्यूएशन, कमाईमेंसुधारकीउम्मीदऔरघरेलूरिटेलनिवेशकोंसेलगातारहोरहानिवेश.
इक्विटीकीअन्यकैटेगरीकाहाल
लार्जएंडमिडकैपकैटेगरीमें 14.8% कीबढ़तदर्जकीगई, जोस्थिरताऔरग्रोथदोनोंमेंसंतुलितनिवेशकेकारणसंभवहुई.
दिलचस्पबातयहहैकिसेक्टरल/थीमैटिकफंड्समेंभी 11.9% कीबढ़ोतरीहुई, जिससेसाफहैकिनिवेशकोंकीदिलचस्पीअबखाससेक्टरजैसेमैन्युफैक्चरिंग, डिफेंसऔरइलेक्ट्रिकव्हीकल्स (EVs) मेंबढ़रहीहै.
इसकेउलट, फ्लेक्सीकैप, फोकस्डऔरवैल्यूफंड व कांट्राफंड्समेंकमबढ़त (10% से 13.5%) देखीगई.
वहीं, लार्जकैप, ELSS औरडिविडेंडयील्डजैसेस्थिरफंडइसमामलेमेंपीछेरहगए, जिससेयहसंकेतमिलताहैकिअबनिवेशकज़्यादारिटर्नपानेकेलिएथोड़ाआक्रामकऔररिस्कलेनेवालेविकल्पोंकीओरबढ़रहेहैं.
म्यूचुअलफंडनिवेशमेंमुख्यसेक्टर्सकादबदबा
म्यूचुअलफंडकानिवेशकुछमुख्यसेक्टरोंमेंहीकेंद्रितहै. टॉप 10 सेक्टोरलAUM मेंप्राइवेटबैंकोंकासबसेबड़ाहिस्सा 30% (4.66 लाखकरोड़रुपये) है.
इसकेबादआईटी - सॉफ्टवेयर (15%) औरफार्मा (13.5%) कास्थानहै.
टॉप 5 सेक्टरोंमेंकोईबदलावनहींहुआ, लेकिननीचेकेसेक्टरोंमेंकुछबदलावदेखनेकोमिले.
टेलीकॉम-सर्विसेजछठेस्थानपर आ गयाहै (88,368 करोड़रुपये, 5.8%), जोदिखाताहैकिडिजिटलग्रोथकीउम्मीदमेंनिवेशकोंकीरुचिबढ़ीहै.
ऑटोएंसिलरीसेक्टरअब 4.5% (69,631 करोड़रुपये) हिस्सेदारीकेसाथपहलीबारटॉप 10 मेंशामिलहुआहै, औरइसनेहॉस्पिटल्सऔरहेल्थकेयरकोबाहरकरदिया.
वहीं, पावरऔरइंजीनियरिंग/कंस्ट्रक्शनसेक्टर्सकीरैंकिंगमेंथोड़ीगिरावटआई, हालांकिउनमेंअभीभीअच्छा-खासानिवेशहै.
येबदलावदिखातेहैंकिफंडमैनेजर्सनेपोर्टफोलियोमेंसोच-समझकरबदलावकिएहैं.जहांकुछसेक्टर्समेंशिफ्टकियागयाहै, वहींलंबीअवधिकेस्ट्रक्चरलथीम्सपरभीफोकसबनाहुआहै.
(नोट : यह आर्टिल रिसर्च बेस्ड है और आपकी जानकारी के लिए दिया गया है. यह किसी भी तरह से निवेश की सलाह नहीं है. बाजार में जोखिम होते हैं, इसलिए निवेश के पहले अपने स्तर पर फाइनेंशियल एडवाइजर से सलाह लें.)