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PM Narendra Modi : पीएम नरेंद्र मोदी ने अपनी तीसरी पारी शुरू करते ही देश के करोड़ों किसानों को बड़ी सौगात दी है. (PTI)
PK Kisan : पीएम नरेंद्र मोदी ने अपनी तीसरी पारी शुरू करते ही देश के करोड़ों किसानों को बड़ी सौगात दी है. मोदी 3.0 सरकार का पहला स्टेप पीएम किसान को लेकर रहा और प्रधानमंत्री (PM Narendra Modi) ने तीसरी बार शपथ लेने के बाद पीएम किसान सम्मान विधि (PM Kisan Samman Nidhi) की 17वीं किस्त जारी की. इसके तहत 9 करोड़ से ज्यादा किसानों के खाते में 2000 रुपये कि किस्त ट्रांसफर की गई है. इस दौरान पीएम ने कहा कि हम किसान कल्याण के लिए प्रतिबद्ध हैं. एग्री सेक्टर पर हमारा फोकस जारी रहेगा.
बता दें कि केंद्र सरकार देश के किसानों को आर्थिक मदद देने के लिए पीएम किसान सम्मान निधि योजना चला रही है. इस योजना के तहत, किसानों को सालाना 6,000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है. ये 6000 रुपये एक साल में 3 किस्त के जरिए किसानों को ट्रांसफर किए जाते हैं. इससे पहले पीएम किसान योजना (PM Kisan Yojana) के तहत देश के करोड़ों किसानों को फरवरी महीने की 28 तारीख को 16वीं किस्त के पैसे बैंक खातों में भेजे गए थे.
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चेक करें किस्त आई या नहीं
अगर आपको मैसेज नहीं आया तो पीएम किसान पोर्टल पर जाकर अपने खाते में पीएम किसान सम्मान निधि योजना की 17वीं किस्त के आने की स्टेटस चेक कर सकते हैं.
स्टेप 1. सबसे पहले पीएम किसान पोर्टल https://pmkisan.gov.in/ पर जाएं.
स्टेप 2. पेज खुलने पर "किसान कॉर्नर" पर क्लिक करें.
स्टेप 3. इसके बाद "बेनिफिश्यरी लिस्ट" ऑप्शन को चुनें.
स्टेप 4. राज्य, जिला, तहसील, ब्लॉक और गांव जैसे जरूरी डिटेल्स भरें.
स्टेप 5. "गेट रिपोर्ट" बटन पर क्लिक करें.
स्टेप 6. यहां बेनिफिश्यरी लिस्ट में अपका नाम दिख जाएगा.
हेल्पलाइन पर भी ले सकते हैं जानकारी
पीएम किसान हेल्पलाइन नंबर: 155261
पीएम किसान टोल फ्री नंबर: 18001155266
पीएम किसान लैंडलाइन नंबर: 011—23381092, 23382401
पीएम किसान की एक और हेल्पलाइन है: 0120-6025109
ई-मेल आईडी: pmkisan-ict@gov.in
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कैसे होती है लाभ पाने वालों की पहचान
केंद्र ने राज्य/UT सरकारों को “मौजूदा भूमि स्वामित्व प्रणाली” का उपयोग करने के लिए कहा है ताकि लाभार्थियों की पहचान की जा सके और पीएम-किसान पोर्टल पर परिवार के विवरण अपलोड होने के बाद उनके खाते में पैसे भेजें जा सकें. इसमें कहा गया है कि पात्र लाभार्थी किसानों की पहचान करने और पीएम-किसान पोर्टल पर उनका विवरण अपलोड करने की जिम्मेदारी पूरी तरह से राज्य सरकारों की है. एक बार आवेदन करने के बाद राज्य/UT सरकारों को उस बारे में जांच करने का अधिकार है. सब कुछ सही पाए जाने पर ही इस योजना के तहत लाभ का हकदार माना जाता है.