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NFO Alert : DSP निफ्टी 500 फ्लेक्सीकैप क्वॉलिटी 30 ETF फ्लेक्सी कैप कैटेगरी का पहला एक्सचेंज ट्रेडेड फंड होगा. (AI Generated Image)
First ETF in Flexi Cap Funds Category : फ्लेक्सी कैप फंड्स का नाम म्यूचुअल फंड्स निवेशकों के बीच सबसे पॉपुलर कैटेगरी में शामिल है. अगस्त 2025 के लिए जारी AMFI के आंकड़ों के मुताबिक इस कैटेगरी का कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट यानी AUM 5 लाख करोड़ रुपये के करीब पहुंच चुका है. इस जानी-मानी फंड कैटेगरी में पहली बार एक एक्सचेंज ट्रेडेड फंड यानी ETF का ऑप्शन जुड़ने वाला है.
डीएसपी म्यूचुअल फंड (DSP Mutual Fund) इसी हफ्ते फ्लेक्सी कैप कैटेगरी का पहला ETF लॉन्च करने जा रहा है. डीएसपी निफ्टी 500 फ्लेक्सीकैप क्वॉलिटी 30 ईटीएफ (DSP Nifty500 Flexicap Quality 30 ETF) के नाम से लॉन्च हो रहा यह नया फंड फ्लेक्सी कैप फंड्स के निवेशकों को एक कम लागत वाला पैसिव फंड ऑप्शन मुहैया कराएगा. आइए जानते हैं इन नए फंड ऑफर (New Fund Offer) के बारे में जरूरी बातें.
इस ETF की निवेश रणनीति में क्या खास है?
DSP निफ्टी 500 फ्लेक्सीकैप क्वॉलिटी 30 ETF न सिर्फ पहला फ्लेक्सी कैप ईटीएफ होगा, बल्कि यह एक ऐसा पैसिव फंड होगा, जो क्वॉलिटी फैक्टर पर फोकस करेगा. इसका मतलब यह है कि इस फंड के मैनेजर सिर्फ उन कंपनियों में निवेश करेंगे, जिनकी प्रॉफिटेबिलिटी (profitability) मजबूत है, कर्ज (leverage) कम है और कमाई (earnings) में लगातार ग्रोथ दिख रही है. ऐसे क्वॉलिटी स्टॉक्स लंबी अवधि में ज्यादा स्टेबल रिटर्न देने वाले और भरोसेमंद माने जाते हैं.
ETF का इनवेस्टमेंट स्ट्रक्चर
यह ETF निफ्टी 500 फ्लेक्सीकैप क्वॉलिटी 30 इंडेक्स (Nifty500 Flexicap Quality 30 Index) को ट्रैक करेगा. इस इंडेक्स में कुल 30 कंपनियां शामिल की जाती हैं, जिनमें
10 लार्ज कैप स्टॉक्स Nifty100 Quality 30 Index से
10 मिडकैप स्टॉक्स Nifty Midcap150 Quality 50 Index से और
10 स्मॉलकैप स्टॉक्स Nifty Smallcap250 Quality 50 Index से लिए जाते हैं.
साथ ही इस इंडेक्स में हर स्टॉक को समान वेटेज (equal weight) दिया जाता है. यानी सभी में बराबरी से निवेश होता है. इसका फायदा यह है कि किसी एक बड़ी कंपनी का इंडेक्स पर ज्यादा दबदबा नहीं होता, और निवेशकों को डायवर्सिफिकेशन (diversification) का पूरा लाभ मिलता है.
पैसिव इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजी
यह ETF पूरी तरह पैसिवली मैनेज्ड होगा. यानी इसमें फंड मैनेजर एक्टिव स्टॉक पिकिंग नहीं करेंगे, बल्कि पोर्टफोलियो वही रहेगा जो इंडेक्स में शामिल होगा.
समय-समय पर पोर्टफोलियो रीबैलेंस किया जाएगा ताकि इंडेक्स और फंड का फर्क (tracking error) कम रहे.
जरूरत पड़ने पर शॉर्ट टर्म के लिए डेरिवेटिव्स का इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन कुल जोखिम इंडेक्स जैसा ही रहेगा.
फंड के मैनेजर होंगे अनिल घेलानी, जिन्हें पैसिव इन्वेस्टमेंट प्रोडक्ट्स का लंबा अनुभव है.
किन सेक्टर्स पर रहेगा फोकस
इस NFO के बेंचमार्क इंडेक्स Nifty500 Flexicap Quality 30 TRI में सबसे बड़ा हिस्सा आईटी, फाइनेंशियल सर्विसेज और FMCG कंपनियों का है. अगस्त 2025 की इंडेक्स की फैक्टशीट के मुताबिक इस इंडेक्स में अलग-अलग सेक्टर्स की हिस्सेदारी इस प्रकार है -
आईटी सेक्टर : करीब 27%
फाइनेंशियल सर्विसेज : 22%
FMCG : 18%
ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट्स : 11%
बाकी हिस्सा कैपिटल गुड्स, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और हेल्थकेयर से आता है .
क्या हो सकते हैं इस ETF में निवेश के फायदे?
मार्केट में जब ज्यादा उतार-चढ़ाव होता है, तो निवेशक अक्सर भरोसेमंद और क्वॉलिटी कंपनियों की ओर रुख करते हैं. यह ETF ठीक वही रणनीति अपनाता है. इसमें लार्ज कैप, मिड कैप और स्मॉल कैप सभी सेगमेंट के स्टॉक्स शामिल हैं, जिससे निवेशकों को फ्लेक्सिबिलिटी और डायवर्सिफिकेशन दोनों मिलता है.
ETF होने की वजह इसे स्टॉक एक्सचेंज पर शेयर की तरह खरीदा-बेचा जा सकता है. इससे लिक्विडिटी बनी रहती है और निवेशक कभी भी एग्जिट कर सकते हैं. साथ ही आमतौर पर ईटीएफ में एक्सपेंस रेशियो भी काफी कम रहता है.
NFO की बड़ी बातें
फंड का नाम : DSP Nifty500 Flexicap Quality 30 ETF
NFO ओपन डेट: 25 सितंबर 2025
NFO क्लोज डेट: 6 अक्टूबर 2025
मिनिमम इन्वेस्टमेंट: 5,000 रुपये
बेंचमार्क: Nifty500 Flexicap Quality 30 TRI
रिस्क लेवल: बहुत ज्यादा (Very High)
फंड मैनेजर: अनिल घेलानी
फ्लेक्सी कैप कैटेगरी का पहला ETF
क्वॉलिटी फैक्टर पर फोकस – मजबूत कंपनियों में निवेश
पोर्टफोलियो में 30 स्टॉक्स होंगे– 10 बड़े, 10 मिड, 10 स्मॉल कैप
अगर आप लंबे समय के लिए निवेश की सोच रहे हैं और चाहते हैं कि पोर्टफोलियो में क्वॉलिटी कंपनियों का बैलेंस हो, तो इस नए ETF में निवेश के ऑप्शन पर भी विचार कर सकते हैं. लेकिन यह बात जरूर ध्यान में रखें कि इसे रिस्कोमीटर पर "बहुत ज्यादा रिस्क" (Very High Risk) की रेटिंग मिली है. इसलिए इसमें निवेश केवल उन्हीं को करना चाहिए जो मार्केट के उतार-चढ़ाव को झेलने का दम रखते हैं. साथ ही इसमें निवेश हमेशा लंबी अवधि यानी 5 साल या उससे अधिक समय के लिए करना बेहतर रहता है.
(डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल का मकसद सिर्फ जानकारी देना है, किसी स्कीम में निवेश की सलाह देना नहीं. निवेश का कोई भी फैसला स्कीम अपने इनवेस्टमेंट एडवाइजर से सलाह-मशविरा करने के बाद ही करें)