/financial-express-hindi/media/media_files/iA2lcZlYKzfurKE7rdRH.jpg)
New Fund Offer : एचएसबीसी म्यूचुअल फंड का एनएफओ HSBC India Export Opportunities Fund आज 19 सितंबर को बंद हो रहा है. (Pixabay)
Export Opportunities Fund : आज कल म्यूचुअल फंड कंपनियां अलग अलग और इनोवेटिव थीम को आधार बनाकर अपनी नई स्कीम (NFO) बाजार में ला रही हैं. इनोवेटिव थीम होने के चलते निवेशकों का ऐसी थीम में आकर्षण भी बढ़ रहा है. इसी में एक थीम है एक्सपोर्ट. ऐसी म्यूचुअल फंड स्कीम एक्सपोर्ट ओरिएंटेड कंपनियों के स्टॉक में निवेश करती हैं. इन फंड का लक्ष्य गुड्स या सर्विसेज के निर्यात से फायदा लेने वाली कंपनियों की इक्विटी और इक्विटी से संबंधित सिक्योरिटीज के एक्टिवली मैनेज्ड पोर्टफोलियो से लॉन्ग टर्म में हाई रिटर्न जेनरेट करना है. हाल ही में एचएसबीसी म्यूचुअल फंड ने अपना एनएफओ एचएसबीसी इंडिया एक्सपोर्ट अपॉर्च्यूनिटी फंड (HSBC India Export Opportunities Fund) लॉन्च किया था, जिसमें आज यानी 19 सितंबर तक निवेश किया जा सकता है. जानते हैं कि क्यों एक्सपोर्ट ओरिएंटेड थीम निवेशकों को ज्यादा मुनाफा दे सकती है.
एक्सपोर्ट सेक्टर में भारत बन रहा पावरहाउस
धनवंतरि कैपिटल सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड के डायरेक्टर अमन वर्मा का कहना है कि "मेक इन इंडिया" और प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम जैसी स्ट्रैटेजिक सरकारी पहल के चलते भारत में तेजी से इकोनॉमिक ट्रांसफॉर्मेशन हो रहा है. ये पॉलिसीज इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन बढ़ाने और विदेशी निवेश को आकर्षित करने में महत्वपूर्ण साबित हुई हैं, जिससे भारत ग्लोबल अर्थव्यवस्था में एक प्रमुख देश के रूप में स्थापित हो गया है. ये पहल इनोवेशन, स्किल डेवलपमेंट और उत्पादन दक्षता को बढ़ावा दे रही हैं, जिससे भारत के विश्व स्तर पर मैन्युफैक्चरिंग सेंटर के रूप में उभरने का रास्ता खुल रहा है.
मूडीज ने हाल ही में भारत की जीडीपी साल 2024 के लिए 7.2% और 2025 के लिए 6.6% की दर से बढ़ने का अनुमान जताया है. विश्व बैंक ने भी वित्त वर्ष 24-25 में 7% की ग्रोथ का अनुमान लगाया है. भारत के निर्यात का प्रदर्शन इसकी ग्रोथ स्टोरी के केंद्र में है. वित्त वर्ष 2024 में भारत का निर्यात 800 अरब डॉलर से अधिक होने की उम्मीद है.। अकेले पहली तिमाही में, निर्यात 200 बिलियन डॉलर से अधिक हो चुका है, जो अलग अलग सेक्टर में मंदी और जियो-पॉलिटिकल टेंशन जैसी चुनौतियों के बावजूद मजबूत व्यापार नीतियों को दिखाता है. निर्यात उत्पादों में विविधता लाने और ग्लोबल ट्रेड नेटवर्क को मजबूत करने पर सरकार का फोकस मोमेंटम बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है. इसके अलावा, नियंत्रित फिस्कल डेफिसिट और मजबूत रेवेन्यू कलेक्शन सहित बेहतर तरीके से फिस्कल मैनेजमेंट ने निवेशकों का भरोसा बढ़ाया है.
एक्सपोर्ट सेक्टर में बढ़ रहे हैं अवसर
एचएसबीसी म्यूचुअल फंड के सीईओ, कैलाश कुलकर्णी का कहना है कि 2030 तक एनुअल एक्सपोर्ट में 2 ट्रिलियन डॉलर हासिल करने का भारत सरकार का महत्वाकांक्षी लक्ष्य अपने इंटरनेशनल ट्रेड फुटप्रिंट का विस्तार करने के लिए देश के लक्ष्य को दिखाता है. स्किल्ड लेबर में हमारी ताकत और रिफॉर्म व इंसेंटिव के साथ-साथ सप्लाई चेन डाइवर्सिफिकेशन पर ध्यान देने से ग्लोबल बाजारों में हमारी प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त बढ़ती है. एक्सपोर्ट देश के लिए एक लगातार विकसित होने वाला अवसर है, जो व्यवसायों को उत्पादकता और दक्षता में सुधार करने में मदद करता है. कुल मिलाकर, भारत इस क्षमता का लाभ उठाने, आर्थिक विकास का समर्थन करने और ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए अच्छी स्थिति में है.
एचएसबीसी इंडिया एक्सपोर्ट अपॉर्च्यूनिटी फंड के बारे में
एचएसबीसी म्यूचुअल फंड का एनएफओ एचएसबीसी इंडिया एक्सपोर्ट अपॉर्च्यूनिटी फंड 5 सितंबर 2024 को खुला था और आज 19 सितंबर 2024 को बंद होगा. यह एक ओपेन एंडेड इक्विटी स्कीम है, जो एक्सपोर्ट थीम को फॉलो करेगी, यानी एक्सपोर्ट ओरिएंटेड कंपनियों के स्टॉक में निवेश करेगी. यह स्कीम निफ्टी 500 टोटल रिटर्न इंडेक्स (TRI) को ट्रैक करेगी. इस स्कीम में उन कंपनियों में निवेश करने की सुविधा है, जो हर मार्केट मार्केट कैपिटलाइजेशन यानी लाजकैप, मिडकैप और स्मॉलकैप सेग्मेंट में एक्सपोर्ट थीम का हिस्सा हैं.
(नोट : हमने यहां एक्सपोर्ट थीम पर एक्सपर्ट के विचार और साथ ही न्यू फंड ऑफर के बारे में जानकारी दी है. यह निवेश की सलाह नहीं है. बाजार में रिस्क होते हैं, इसलिए एडवाइजर से सलाह लेकर ही निवेश का फैसला लें.)