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NFO : इस स्कीम में उन कंपनियों में निवेश करने की सुविधा है, जो हर मार्केट मार्केट कैपिटलाइजेशन सेग्मेंट में एक्सपोर्ट थीम का हिस्सा हैं. (Pixabay)
HSBC India Export Opportunities Fund : अगर आप न्यू फंड ऑफर (NFO) में निवेश करना पसंद करते हैं तो आपके पास अच्छा मौका है. एचएसबीसी म्यूचुअल फंड अपनी नई स्कीम एचएसबीसी इंडिया एक्सपोर्ट अपॉर्च्यूनिटी फंड (HSBC India Export Opportunities Fund) 5 सितंबर 2024 को लॉन्च कर रहा है. यह एनएफओ 19 सितंबर तक निवेश के लिए खुला रहेगा. यह एक ओपेन एंडेड इक्विटी स्कीम है, जो एक्सपोर्ट थीम को फॉलो करेगी, यानी एक्सपोर्ट ओरिएंटेड कंपनियों के स्टॉक में निवेश करेगी. यह स्कीम निफ्टी 500 टोटल रिटर्न इंडेक्स (TRI) को ट्रैक करेगी.
एचएसबीसी इंडिया एक्सपोर्ट अपॉर्च्यूनिटी फंड का लक्ष्य गुड्स या सर्विसेज के निर्यात से फायदा लेने वाली कंपनियों की इक्विटी और इक्विटी से संबंधित सिक्योरिटीज के एक्टिवली मैनेज्ड पोर्टफोलियो से लॉन्ग टर्म में हाई रिटर्न जेनरेट करना है. इस स्कीम में उन कंपनियों में निवेश करने की सुविधा है, जो हर मार्केट मार्केट कैपिटलाइजेशन यानी लाजकैप, मिडकैप और स्मॉलकैप सेग्मेंट में एक्सपोर्ट थीम का हिस्सा हैं. एचएसबीसी म्यूचुअल फंड में सीनियर वाइस प्रेसिडेंड - इक्विटीज, अभिषेक गुप्ता (इक्विटी के लिए) और एचएसबीसी म्यूचुअल फंड में हेड रिसर्च - इक्विटीज, सोनल गुप्ता (ओवरसीज सिक्योरिटीज के लिए) मैनेज की जाएगी.
इन्वेस्टमेंट की स्ट्रैटेजी
- एचएसबीसी इंडिया एक्सपोर्ट अपॉर्च्यूनिटी फंड इंडस्ट्री में एक अलग एलोकेशन स्ट्रक्चर वाली पेशकश है. इस थिमैटिक फंड का लक्ष्य एक्सपोर्ट में होने वाली ग्रोथ का लाभ उठाना है.
- फंड का लक्ष्य गुड्स या सर्विसेज के निर्यात से लाभ लेने वाली कंपनियों की इक्विटी और इक्विटी से संबंधित सिक्योरिटीज में कुल एसेट्स का 80% से 100% निवेश करना है.
- यह फंड मुख्य रूप से भारत के बाहर से 20% से अधिक एक्सपोर्ट रेवेन्यू वाले सेक्टर/इंडस्ट्री की कंपनियों की इक्विटी और इक्विटी से संबंधित सिक्योरिटीज में निवेश करेगा.
- फंड में अन्य इक्विटी और इक्विटी से संबंधित सिक्योरिटीज में कुल एसेट्स का 20% तक निवेश करने की सुविधा भी है.
- यह फंड उन कंपनियों में एक्सपोजर लेगा जिनमें भारत में निर्मित वस्तुओं का निर्यात के जरिए रोजगार बढ़ाने की क्षमता हो. जिन्हें एक सेक्टर के रूप में निर्यात के प्रति सरकार की पॉलिसी व रिफॉर्म से लाभ हो.
किन सेक्टर में निवेश
मैन्युफैक्चरिंग : ऑटोमोबाइल और ऑटो कंपोनेंट, इंडस्ट्रियल प्रोडक्ट्स और मैन्युफैक्चरिंग, इलेक्ट्रिकलि इक्यूपमेंट, फार्मास्यूटिकल्स और बॉयोटेक्नोलॉजी, केमिकल, टेक्सटाइल्स एंड अपैरल, कंस्ट्रक्शन, एग्रीकल्चरल फूड, पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स और मेटल.
सर्विसेज : आईटी सॉफ्टवेयर एंड सर्विसेज, टेलिकॉम सर्विसेज, ट्रांसपोर्ट सर्विसेज, हेल्थ सर्विसेज.
एक्सपोर्ट सेक्टर में बढ़ रहे हैं अवसर
इस एनएफओ के लॉन्च परएचएसबीसी म्यूचुअल फंड के सीईओ, कैलाश कुलकर्णी ने कहा कि 2030 तक एनुअल एक्सपोर्ट में 2 ट्रिलियन डॉलर हासिल करने का भारत सरकार का महत्वाकांक्षी लक्ष्य अपने इंटरनेशनल ट्रेड फुटप्रिंट का विस्तार करने के लिए देश के लक्ष्य को दिखाता है. स्किल्ड लेबर में हमारी ताकत और रिफॉर्म व इंसेंटिव के साथ-साथ सप्लाई चेन डाइवर्सिफिकेशन पर ध्यान देने से ग्लोबल बाजारों में हमारी प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त बढ़ती है. एक्सपोर्ट देश के लिए एक लगातार विकसित होने वाला अवसर है, जो व्यवसायों को उत्पादकता और दक्षता में सुधार करने में मदद करता है. कुल मिलाकर, भारत इस क्षमता का लाभ उठाने, आर्थिक विकास का समर्थन करने और ग्रोथ को बढ़ावा देने के लिए अच्छी स्थिति में है.
मिड से लॉन्ग टर्म में हाई रिटर्न का लक्ष्य
एचएसबीसी म्यूचुअल फंड के सीआईओ-इक्विटी, वेणुगोपाल मंघट ने कहा कि स्टॉक का चयन बिजनेस के फंडामेंटल, इंडस्ट्री स्ट्रक्चर, पियर्स के बीच सापेक्ष व्यावसायिक ताकत, मैनेजमेंट की क्वालिटी, इकोनॉमिक फैक्टर के प्रति संवेदनशीलता, कंपनी की वित्तीय ताकत, कंपनी की अर्निंग और वैल्युएशन सहित कई पैमाने को को ध्यान में रखकर किया जाएगा. हमारा मानना है कि यह, निवेश के लिए हमारे बॉटम-अप अप्रोच के साथ-साथ हमारे संभावित निवेशकों के लिए मिड से लॉन्ग टर्म में हाई रिटर्न जेनरेट करने में मदद कर सकता है.
(नोट : हमने यहां सिर्फ न्यू फंड ऑफर के बारे में जानकारी दी है. यह निवेश की सलाह नहीं है. बाजार में रिस्क होते हैं, इसलिए एडवाइजर से सलाह लेकर ही निवेया का फैसला लें.)