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लंबे समय तक कर्मचारियों और कई यूनियनों को यह भरोसा था कि महामारी के दौरान रोके गए DA के बकाया कभी भुगतान किए जाएंगे. (Image: Pexels)
No DA arrears for central govt employees frozen for 18 months in 2020-21: क्या केंद्र सरकार के कर्मचारी और पेंशनधारक कभी COVID-19 के दौरान रोक दिए गए महंगाई भत्ते (DA) की बकाया राशि पा पाएंगे? यह सवाल पिछले लगभग पांच वर्षों से 1 करोड़ से अधिक केंद्रीय कर्मचारियों के मन में घूम रहा है, लेकिन अब लगता है कि कर्मचारी और रिटायर्ड दोनों ही इस उम्मीद को लगभग छोड़ चुके हैं.
लंबे समय तक कर्मचारियों और कई यूनियनों को यह भरोसा था कि महामारी के दौरान रोके गए DA के बकाया कभी भुगतान किए जाएंगे. कर्मचारी संगठनों ने बार-बार इस मुद्दे को उठाया और सरकार को पत्र लिखे. लेकिन हाल की घटनाओं ने साफ कर दिया है कि इस अवधि के लिए बकाया राशि मिलना अब लगभग असंभव प्रतीत होता है, क्योंकि कर्मचारियों ने इस उम्मीद को छोड़ दिया है.
COVID-19 के दौरान DA क्यों रोका गया?
मार्च 2020 में, जब COVID-19 महामारी ने देश में आर्थिक गतिविधियों को लगभग ठप्प कर दिया, तो केंद्र सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनधारकों का महंगाई भत्ता (DA/DR) 18 महीने के लिए रोक दिया. सरकार ने बताया कि उस समय देश की अर्थव्यवस्था पर अभूतपूर्व दबाव था और कई अहम क्षेत्रों में भारी खर्च की आवश्यकता थी.
संसद में कई बार स्पष्ट किया गया कि DA इसलिए रोका गया ताकि यह पैसा COVID-19 से लड़ने, स्वास्थ्य सेवाओं और अन्य प्राथमिकताओं पर खर्च किया जा सके. वित्त मंत्रालय ने भी अपनी प्रतिक्रियाओं में दोहराया कि उस अवधि का बकाया कर्मचारियों को नहीं दिया जा सकता.
कर्मचारियों के लगातार प्रयास
इसके बावजूद, केंद्र सरकार के कर्मचारी और यूनियनें उम्मीद नहीं छोड़ रहे थे. कर्मचारियों ने बार-बार इस मुद्दे को उठाया और वित्त मंत्रालय को मनाने की कोशिश की. उनका तर्क था कि यह उनका हक है और जैसे ही स्थिति सामान्य होगी, उन्हें रोक दिए गए DA के बकाया दिए जाने चाहिए.
हाल की घटनाओं ने तस्वीर साफ कर दी
हाल ही में, भारतीय मजदूर संघ (BMS) से जुड़े औद्योगिक महासंघों की सर्वोच्च संस्था, गवर्नमेंट एम्प्लॉइज नेशनल कन्फेडरेशन (GENC) की एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधि मंडल ने केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह से मुलाकात की. बैठक में कर्मचारियों की कई लंबित मांगों को उठाया गया.
मूल रूप से इस बैठक में DA बकाया का मुद्दा भी शामिल था, लेकिन अचंभे की बात यह है कि इसे बैठक से पहले ही स्वेच्छा से वापस ले लिया गया. इसका मतलब यह है कि कर्मचारी संगठन अब इस मुद्दे को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला कर चुके हैं.
बैठक में चर्चा किए गए अन्य मुद्दे
12 साल के बाद कम्यूटेड पेंशन की बहाली (15 साल की बजाय)
सहानुभूतिपूर्ण नियुक्तियों के लिए कोटा में 5% वृद्धि
नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) को समाप्त करना और पुरानी पेंशन योजना (OPS) लागू करना
8वीं वेतन आयोग (CPC) का गठन
प्रमोशन के लिए रेजिडेंसी पीरियड को कम करना
DA मुद्दा बाहर: कर्मचारियों के लिए इसका मतलब क्या है?
इस विकास के बाद, यह लगभग निश्चित माना जा रहा है कि केंद्र सरकार के कर्मचारी और पेंशनधारक कभी भी COVID-19 के दौरान (जनवरी 2020 से जून 2021) रोक दिए गए DA/DR के बकाया नहीं पा सकेंगे. यह फैसला कर्मचारियों के लिए निराशाजनक हो सकता है, लेकिन अब इस मामले में किसी समाधान की कोई उम्मीद नहीं बची है क्योंकि यह मामला बंद कर दिया गया है.
अब आगे क्या होगा?
कर्मचारी और यूनियनें अब अन्य जरूरी मुद्दों पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं, जैसे OPS (पुरानी पेंशन योजना) की बहाली, 8वीं वेतन आयोग का गठन और प्रमोशन से जुड़ी समस्याएं, और DA बकाया का अध्याय अब बंद समझा जा सकता है.