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ITR Deadline Extension: गुजरात हाईकोर्ट ने CBDT को आईटीआर फाइलिंग की डेडलाइन बढ़ाकर 30 नवंबर करने का आदेश दिया है. (Image : Pixabay)
ITR Filing Deadline For Tax Audit Cases: टैक्स ऑडिट वाले मामलों में इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने की डेडलाइन पर एक बार फिर सबकी निगाहें टिकी हुई हैं. गुजरात हाईकोर्ट ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) को आदेश दिया है कि टैक्स ऑडिट वाले मामलों में आईटीआर फाइल करने की डेडलाइन 30 नवंबर 2025 तक बढ़ाई जाए. फिलहाल, टैक्स ऑडिट रिपोर्ट और आईटीआर फाइलिंग की डेडलाइन दोनों ही 31 अक्टूबर 2025 बनी हुई है. हाईकोर्ट के आदेश के बाद अब नजरें CBDT पर हैं कि वह कब नोटिफिकेशन जारी करता है.
गुजरात हाईकोर्ट का आदेश क्यों अहम है
गुजरात हाईकोर्ट टैक्स ऑडिट वाले मामलों में आईटीआर फाइल करने की डेडलाइन बढ़ाने का आदेश ऑल इंडिया फेडरेशन ऑफ टैक्स प्रैक्टिशनर्स (AIFTP) और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स एसोसिएशन, सूरत (CAAS) की याचिकाओं पर सुनवाई के बाद शुक्रवार को ही दे चुका है. याचिकाकर्ताओं का कहना था कि टैक्स ऑडिट रिपोर्ट (TAR) फाइल करने की डेडलाइन तो बढ़ाकर 31 अक्टूबर कर दी गई है, लेकिन ऑडिट वाले मामलों में आईटीआर फाइलिंग की तारीख आगे नहीं बढ़ाई गई है. ऐसे में टैक्सपेयर्स और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स को मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि दोनों काम की डेडलाइन एक ही दिन है. आम तौर पर टैक्स ऑडिट रिपोर्ट और आईटीआर फाइलिंग की डेडलाइन में एक महीने का अंतर रखा जाता है.
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CBDT ने पहले क्या किया था
CBDT ने एक दिन पहले ही टैक्स ऑडिट रिपोर्ट (TAR) की डेडलाइन 30 सितंबर से बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2025 कर दी थी. यह कदम राजस्थान और कर्नाटक हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद उठाया गया था. लेकिन इस नोटिफिकेशन में आईटीआर फाइलिंग की डेडलाइन को लेकर कोई स्पष्टता नहीं दी गई थी. यही वजह है कि गुजरात हाईकोर्ट को हस्तक्षेप करना पड़ा और अब CBDT को आईटीआर की तारीख भी आगे बढ़ाने का निर्देश दिया गया है.
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टैक्स ऑडिट क्यों जरूरी है
टैक्स ऑडिट आयकर कानून की धारा 44AB के तहत अनिवार्य किया गया है. इसका मकसद यह सुनिश्चित करना है कि व्यवसायी और प्रोफेशनल्स अपनी बहीखाते सही तरीके से रखें और टैक्स नियमों का पालन करें. टैक्स ऑडिट केवल चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) कर सकते हैं और इसे तय फॉर्म (3CA/3CB और 3CD) में जमा किया जाता है.
किन्हें कराना पड़ता है टैक्स ऑडिट
व्यवसायियों के लिए टैक्स ऑडिट अनिवार्य है अगर उनका टर्नओवर 1 करोड़ रुपये से ज्यादा है. हालांकि, अगर सभी लेन-देन का 95% से ज्यादा हिस्सा डिजिटल माध्यम से होता है तो यह सीमा 10 करोड़ रुपये तक बढ़ जाती है. इसी तरह डॉक्टर, वकील, आर्किटेक्ट जैसे प्रोफेशनल्स को टैक्स ऑडिट तब कराना होता है जब उनकी सालाना आमदनी 50 लाख रुपये से ऊपर हो. अगर कैश लेन-देन बहुत कम है तो यह सीमा 75 लाख रुपये तक बढ़ जाती है.
डेडलाइन बढ़ाने की जरूरत क्यों पड़ी
कई राज्यों में बाढ़ और प्राकृतिक आपदाओं के कारण टैक्स ऑडिट रिपोर्ट समय पर दाखिल करना मुश्किल हो रहा था. साथ ही, टैक्स प्रोफेशनल्स और संस्थाओं ने भी समयसीमा बढ़ाने की मांग की थी. हाईकोर्ट्स ने भी टैक्सपेयर्स की इन कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए CBDT को राहत देने का आदेश दिया. अब गुजरात हाईकोर्ट का फैसला इस मामले में और स्पष्टता लाता है और उम्मीद है कि CBDT जल्द ही आईटीआर फाइलिंग की नई डेडलाइन पर नोटिफिकेशन जारी करेगा.
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आगे क्या होगा
फिलहाल, टैक्स ऑडिट रिपोर्ट और आईटीआर फाइलिंग की आखिरी तारीख 31 अक्टूबर 2025 है. लेकिन गुजरात हाईकोर्ट के आदेश के बाद उम्मीद की जा रही है कि CBDT आईटीआर फाइलिंग की डेडलाइन को बढ़ाकर 30 नवंबर 2025 कर देगा. अगर ऐसा होता है तो टैक्सपेयर्स और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स दोनों को बड़ी राहत मिलेगी और काम का बोझ थोड़ा आसान हो जाएगा. अब सबकी नजरें CBDT के अगले नोटिफिकेशन पर टिकी हुई हैं.