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RuPay क्रेडिट कार्ड और UPI पर क्रेडिट लाइन के बाद, अब अगला बड़ा फीचर होगा कि ग्राहक अपने UPI पेमेंट को EMI में बदल सकेंगे. (AI Image)
UPI to EMI payment option : नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) अब UPI नेटवर्क पर क्रेडिट प्रोडक्ट्स को बढ़ाने पर फोकस कर रहा है. इसका उद्देश्य भारत में रिटेल डिजिटल पेमेंट्स की नेक्स्ट फेज ग्रोथ को आगे बढ़ाना है. RuPay क्रेडिट कार्ड और UPI पर क्रेडिट लाइन के बाद, अब अगला बड़ा फीचर होगा कि ग्राहक अपने UPI पेमेंट को EMI में बदल सकेंगे.
मीडिया रिपोर्ट (ET) के अनुसार, नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया फिनटेक कंपनियों को ऐसा सिस्टम बनाने में मदद कर रहा है जिससे लोग अपने UPI पेमेंट को तुरंत EMI में बदल पाएंगे. अभी फिनटेक कंपनियों ने यह प्रोडक्ट शुरू नहीं किया है, लेकिन NPCI का प्लान है कि इससे UPI नेटवर्क पर क्रेडिट ट्रांजैक्शन बढ़ सकें. यह अनुभव प्वॉइंट-ऑफ-सेल कार्ड ट्रांजैक्शन जैसा होगा, जैसे जब आप कार्ड स्वाइप करते हैं और वहीं टर्मिनल पर उसे EMI में बदलने का विकल्प मिल जाता है.
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UPI पर रुपे क्रेडिट कार्ड्स पॉपुलर
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया जल्द ही फिनटेक कंपनियों को एक ऐसा EMI पेमेंट फीचर जोड़ने की इजाजत दे सकता है, जिससे ग्राहक UPI पेमेंट को तुरंत EMI में बदल सकेंगे. नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया इस नए फीचर को ऐसे समय में लाने पर विचार कर रहा है जब UPI पर रुपे क्रेडिट कार्ड्स काफी लोकप्रिय हो चुके हैं. इसके साथ ही क्रेडिट लाइन्स भी UPI नेटवर्क पर खुल गई हैं. कुछ बैंक पहले ही नवी (Navi) और पेटीएम (Paytm) जैसी फिनटेक कंपनियों के साथ मिलकर UPI यूजर्स को क्रेडिट लाइन्स देना शुरू कर चुके हैं.
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QR कोड स्कैन कर निकाल सकेंगे कैश
इसके अलावा नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की एक और बड़ी तैयारी है. जल्द ही लोग पूरे भारत में 20 लाख से ज्यादा बिजनेस करेसपॉन्डेंट्स (BC) आउटलेट्स से यूपीआई (UPI) के जरिए कैश निकाल सकेंगे. NPCI ने इसके लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) से मंजूरी मांगी है. बिजनेस करेसपॉन्डेंट्स, स्थानीय एजेंट होते हैं, जो बैंक की ब्रॉन्च से दूर इलाकों में बैंकिंग सुविधाएं लोगों तक पहुंचाते हैं. ये किराना दुकानदार या छोटे व्यापार केंद्र हो सकते हैं, जो QR कोड के माध्यम से ग्राहक को नकद निकालने की सेवा देंगे.
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अभी फिलहाल यूपीआई से कैश निकालने की सुविधा केवल कुछ चुनिंदा एटीएम (ATM) और दुकानों पर है. अभी शहरों और कस्बों में प्रति ट्रांजैक्शन 1,000 रुपये और गांवों में 2,000 रुपये लिमिट है. नए प्रस्ताव के तहत बीसी आउटलेट से एक बार में 10,000 रुपये तक निकाले जा सकेंगे. इसके लिए एटीएम जाने की जरूरत भी नहीं होगी.
नियमों में भी हुआ है बदलाव
नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) ने हाल ही में यूपीआई के नियमों में बड़ा बदलाव किया है. अब इंश्योरेंस, इन्वेस्टमेंट, ट्रैवल, क्रेडिट कार्ड बिल और ऐसे ही कई सेक्टर में ट्रांजैक्शन लिमिट बढ़ाई जाएगी. इसका मकसद है बड़े डिजिटल पेमेंट्स को आसान और ज्यादा सुलभ बनाना.
इंश्योरेंस और निवेश : कैपिटल मार्केट निवेश और इंश्योरेंस प्रीमियम पेमेंट की लिमिट 2 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है. लेकिन डेली लिमिट अभी भी 10 लाख रुपये ही है.
सरकारी पोर्टल (GEM) : पहले 1 लाख रुपये की लिमिट थी, अब बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है.
ट्रैवल बुकिंग्स : लिमिट 1 लाख से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई है. डेली कैप 10 लाख रुपये रहेगा.
ज्वेलरी खरीद : लिमिट 1 लाख से बढ़ाकर 2 लाख रुपये कर दी गई है. डेली लिमिट 6 लाख रुपये तय की गई है.
क्रेडिट कार्ड बिल पेमेंट : एक ट्रांजैक्शन की लिमिट 5 लाख रुपये है. डेली लिमिट 6 लाख रुपये है.
पर्सन-टू-पर्सन (P2P) पेमेंट : यहां कोई बदलाव नहीं हुआ है. डेली लिमिट अब भी 1 लाख रुपये है.