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NPS for Tax Free Income: जिन सरकारी कर्मचारियों की सालाना आय 14 लाख रुपये के आसपास, वे अपनी इनकम को टैक्स-फ्री कर सकते हैं. (Photograph : Pixabay)
14 Lakh Tax Free Income for Govt Employees with NPS : सरकार ने बजट में 12 लाख रुपये तक की सालाना आय को टैक्स फ्री करके मिडिल क्लास को सबसे बड़ी राहत दी है. वेतन पाने वाले कर्मचारियों को इसके अलावा 75 हजार का स्टैंडर्ड डिडक्शन भी मिलेगा, जिसे जोड़ दें तो सालाना 12.75 लाख रुपये की आमदनी टैक्स फ्री हो जाएगी. लेकिन एक और प्रावधान ऐसा है, जिसका इ्स्तेमाल करके सरकारी कर्मचारी 14 लाख रुपये की सालाना आमदनी को भी टैक्स-फ्री कर सकते हैं. टैक्स बचाने का यह प्रावधान नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में निवेश से जुड़ा है, जिसका सबसे अधिक लाभ सरकारी कर्मचारियों को मिलता है. प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी भी एनपीएस में निवेश के प्रावधान का लाभ उठा सकते हैं, लेकिन उन्हें सरकारी कर्मचारियों के मुकाबले थोड़ा कम लाभ मिलता है. आइए जानते हैं कि एनपीएस में निवेश का यह कौन सा प्रावधान है और उसका फायदा उठाकर कितनी आय को टैक्स फ्री किया जा सकता है.
न्यू टैक्स रिजीम में कैसे मिलेगा NPS का लाभ?
सरकार ने 12 लाख रुपये की आय को टैक्स-फ्री करने का प्रावधान नई टैक्स रिजीम में किया है, जिसमें ओल्ड टैक्स रिजीम में मिलने वाले ज्यादातर टैक्स बेनिफिट उपलब्ध नहीं हैं. लेकिन नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) एक ऐसी स्कीम है, जिसमें किए जाने वाले निवेश पर न्यू टैक्स रिजीम में भी डिडक्शन का लाभ मिलता है. बशर्ते यह निवेश एंप्लॉयर के माध्यम से किया जाए. यह लाभ इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80सीसीडी (2) (Income Tax Act 1961, Section 80CCD (2)) के तहत एनपीएस के टियर 1 अकाउंट में किए गए निवेश पर मिलता है.
सरकारी कर्मचारियों के लिए निवेश की लिमिट
NPS में सेक्शन 80सीसीडी (2) के तहत पर निवेश के मामले में सरकारी और प्राइवेट सेक्टर कर्मचारियों के लिए निवेश की अलग-अलग अधिकतम सीमा तय है. इन नियमों के तहत :
- सरकारी कर्मचारी अपने सालाना वेतन (बेसिक + डीए) का अधिकतम 14% हिस्सा एंप्लायर कंट्रीब्यूशन के जरिये निवेश करके उस पर डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं.
- प्राइवेट सेक्टर के वेतनभोगी कर्मचारी अपने सालाना वेतन (बेसिक + डीए) का अधिकतम 10% हिस्सा एंप्लायर कंट्रीब्यूशन के जरिये निवेश करके उस पर डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं.
कैलकुलेशन : 14 लाख की सालाना आय कैसे होगी टैक्स फ्री
अब आपको बताते हैं कि अगर किसी सरकारी कर्मचारी की सालाना आय 14 लाख रुपये के आसपास है, तो वे किस तरह इस प्रावधान का लाभ उठाकर अपनी इनकम को टैक्स-फ्री कर सकते हैं.
- मान लीजिए किसी सरकारी कर्मचारी का कुल सालाना वेतन 14 लाख रुपये है.
- इस वेतन में बेसिक + डीए (Basic + DA) का अनुमानित हिस्सा करीब 70% यानी 9.80 लाख रुपये होगा.
- सेक्शन 80CCD (2) के ऊपर बताए नियम के मुताबिक इसका 14% हिस्सा एंप्लायर के जरिये NPS के टियर 1 खाते में निवेश किया जा सकता है.
- 9.80 लाख रुपये का 14% हिस्सा 1,37,200 रुपये होगा, जिसे एनपीएस में निवेश करने पर टैक्स डिडक्शन मिल सकता है.
- 14 लाख रुपये की सालाना आय से एनपीएस में निवेश की गई रकम घटा दें तो टैक्सेबल इनकम करीब 12.63 लाख रुपये (14,00,000 रुपये - 1,37,200 रुपये = 12,62,800 रुपये) हो जाएगी.
- सैलरीड क्लास को न्यू टैक्स रिजीम में 75,000 रुपये के स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ भी मिलता है.
- इसे घटाने के बाद टैक्सेबल इनकम करीब 11.88 लाख रुपये रह जाएगी. (12,62,800 रुपये - 75,000 रुपये = 11,87,800 रुपये)
- इस तरह कोई सरकारी कर्मचारी अगर सेक्शन 80CCD (2) के तहत एनपीएस में मैक्सिमम पॉसिबल इनवेस्टमेंट करे, तो स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ लेने के बाद 14 लाख रुपये की आय 12 लाख रुपये से कम रह जाएगी, जो नई टैक्स रिजीम में फ्री है.
दरअसल, इस कैलकुलेशन के हिसाब से 14 लाख से थोड़ी अधिक सालाना आय भी टैक्स फ्री हो सकती है.
एंप्लॉयर के जरिये निवेश पर मिलेगा लाभ
ध्यान देने की बात यह है कि सेक्शन 80CCD (2) के तहत मिलने वाला यह टैक्स बेनिफिट सिर्फ एंप्लायर के जरिये निवेश करने पर ही मिलता है. कर्मचारियों द्वारा सीधे एनपीएस अकाउंट में किए जाने वाले निवेश पर यह लाभ उपलब्ध नहीं है. यानी इसका फायदा उठाने के लिए आपको अपने एंप्लायर से बात करनी होगी. इस प्रावधान का लाभ प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारी भी उठा सकते हैं, बशर्ते उनके एंप्लॉयर यह सुविधा देने को तैयार हों. साथ ही प्राइवेट सेक्टर के कर्मचारियों को सेक्शन 80CCD (2) के तहत एनपीएस में निवेश पर डिडक्शन का लाभ बेसिक+डीए के 14 फीसदी नहीं, बल्कि 10 फीसदी की सीमा के भीतर मिलेगा.