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NPS new rules: आप अपने एनपीएस के खाते में जमा रकम का कुछ हिस्सा मैच्योरिटी से पहले भी निकाल सकते हैं. लेकिन इसके लिए आपको नए सर्कुलर में दिए नियमों का पालन करना होगा. (Image : Financial Express)
PFRDA New Master Circular for NPS partial withdrawal: अगर आप एनपीएस के सब्सक्राइबर हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है. आप अपने एनपीएस के खाते में जमा रकम का कुछ हिस्सा मैच्योरिटी से पहले भी निकाल सकते हैं. लेकिन इसके लिए आपको नए सर्कुलर में दिए गए नियमों का पालन करना होगा. एनपीएस (National Pension System) फंड में जमा रकम के पार्शियल विथड्रॉल यानी आंशिक निकासी के लिए इन नए नियमों का एलान पेंशन फंड रेगुलेटरी एंड डेवलपमेंट अथॉरिटी (PFRDA) ने किया है. इस नए मास्टर सर्कुलर में बताया गया है कि एनपीएस से अधिकतम आंशिक निकासी की लिमिट क्या होगी और किन कामों के लिए ऐसा करने की इजाजत दी जा सकती है.
NPS फंड से आंशिक निकासी की लिमिट
नए मास्टर सर्कुलर के मुताबिक NPS के सब्सक्राइबर अपने पेंशन अकाउंट में खुद की जमा की हुई कुल रकम का अधिकतम 25 फीसदी हिस्सा ही निकाल सकते हैं. एनपीएस अकाउंट में अगर एंप्लॉयर की तरफ से भी कंट्रीब्यूशन किया जाता है, तो उसका कोई हिस्सा निकालने की छूट कर्मचारी को नहीं होगी. आंशिक निकासी के लिए सब्सक्राइबर्स को सेंट्रल रिकॉर्ड-कीपिंग एजेंसी के पास विथड्रॉल रिक्वेस्ट फॉर्म और सेल्फ डिक्लेरेशन सबमिट करना होगा.
किन कामों के लिए निकाले जा सकते हैं पैसे
NPS फंड से कुछ खास कामों या जरूरतों के लिए ही आंशिक निकासी की जा सकती है. ये खास उद्देश्य हैं :
बच्चों के हायर एजुकेशन के लिए
बच्चों की शादी के लिए
रिहायशी मकान या फ्लैट खरीदने या बनाने के लिए. यह घर या फ्लैट सब्सक्राइबर के अपने नाम से या कानूनी तौर पर उसके पति/पत्नी के साथ साझा मालिकाना हक (joint ownership) में होना चाहिए.
अगर सब्सक्राइबर के पास पुश्तैनी प्रॉपर्टी के अलावा अपना कोई अलग रिहायशी मकान या फ्लैट है, तो उसे घर खरीदने या बनाने के लिए आंशिक निकासी की इजाजत नहीं मिलेगी.
गंभीर बीमारियों की चिकित्सा के लिए. इन बीमारियों में कैंसर, किडनी खराब होना, दिल की गंभीर बीमारियां, प्रमुख अंगों का प्रत्यारोपण (major organ transplant), कोमा, दृष्टिहीनता, पैरालिसिस, कोविड-19 और गंभीर एक्सिडेंट का इलाज और अस्पताल का खर्च शामिल है.
सब्सक्राइबर की विकलांगता (disability or incapacitation) की वजह से होने वाले जुड़े मेडिकल और अन्य खर्च.
सब्सक्राइबर द्वारा अपने स्किल डेवलपमेंट/री-स्किलिंग या किसी और सेल्फ-डेलवपमेंट एक्टिविटी पर किया जाने वाला खर्च.
- सब्सक्राइबर द्वारा अपना बिजनेस या स्टार्टअप शुरू करने पर होने वाला खर्च.
आंशिक निकासी से जुड़ी अन्य शर्तें
एनपीएस फंड से आंशिक निकासी (partial withdrawal) के लिए सब्सक्राइबर को कुछ और शर्तें भी पूरी करनी होंगी. मिसाल के तौर पर:
आंशिक निकासी की इजाजत उसी सब्सक्राइबर को मिलेगी, जो कम से कम 3 साल से नेशनल पेंशन सिस्टम यानी एनपीएस स्कीम का मेंबर हो.
आंशिक निकासी की रकम आवेदन की तारीख तक सब्सक्राइबर द्वारा स्कीम में जमा की गई कुल राशि के 25 फीसदी से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. इस रकम के निर्धारण के लिए कंट्रीब्यूशन पर मिले रिटर्न को नहीं जोड़ा जाएगा.
स्कीम में सब्सक्रिप्शन की पूरी अवधि के दौरान किसी भी मेंबर को ज्यादा से ज्यादा तीन बार आंशिक निकासी करने की इजाजत मिलेगी.
दूसरी बार निकासी के समय अधिकतम राशि का निर्धारण सिर्फ उसी रकम के आधार पर किया जाएगा, जो सब्सक्राइबर ने पहली निकासी के बाद जमा की होगी.
इसी तरह, तीसरी बार निकासी के लिए अधिकतम राशि का निर्धारण उस रकम के आधार पर किया जाएगा, जो सब्सक्राइबर ने दूसरी निकासी के बाद जमा की होगी.
1 फरवरी 2024 से लागू होगा नया सर्कुलर
PFRDA की वेबसाइट पर 12 जनवरी 2024 को रिलीज किया गया मास्टर सर्कुलर 1 फरवरी 2024 से लागू हो जाएगा. इस सर्कुलर में ऐसे तमाम नियमों को एक जगह पर रखा गया है, जिनका पालन करना एनपीएस अकाउंट (NPS Account) से पैसे निकालने के लिए जरूरी होगा.