/financial-express-hindi/media/media_files/VFLbN6fcPhdwntnpuvZ2.jpg)
(Image: Freepik)
NPS Vatsalya may not be a good investment for child, here reason: एनपीएस वात्सल्य (NPS Vatsalya) एक नई पेंशन स्कीम है, जिसे बच्चों के लिए लॉन्च किया गया है. बच्चों के वित्तीय भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए उनकी ओर से पैरेंट्स या अभिभावक इस योजना के तहत खाता खुलवाकर नियमित निवेश कर सकते हैं. बच्चे के 18 साल की उम्र तक पहुंचने पर एनपीएस वात्सल्य खाते को रेगुलर NPS खाते के रूप में जारी रखा जा सकेगा. अगर आप एक पैरेंट्स हैं और अपने बच्चों के वित्तीय भविष्य को लेकर एनपीएस वात्सल्य स्कीम के बारे में विचार कर रहे हैं तो निवेश का फैसला करने से पहले देख लें कि आपके लिए यह स्कीम उपयुक्त है या नहीं.
लिक्विडिटी की कमी
एनपीएस वात्सल्य एक नई पेंशन स्कीम है जिसका इस्तेमाल पैरेंट्स अपने बच्चों के वित्तीय भविष्य को बेहतर बनाने के लिए कर सकते हैं. लेकिन पेंशन स्कीम के नियमों के मुताबिक बच्चे के 18 साल का होने से पहले सिर्फ तीन बार ही निकासी की अनुमति है. इसके अलावा, अभिभावक शिक्षा, निर्दिष्ट बीमारी और विकलांगता के लिए कुल जमा का 25% तक ही निकाल सकते हैं. यानी इस स्कीम में 18 साल तक कोई बड़ी निकासी नहीं की जा सकती, जो इसे अन्य योजनाओं की तुलना में कम लचीला बनाती है. अगर आपको बच्चों की शिक्षा या शादी के लिए पैसे चाहिए, तो NPS वात्सल्य में किया गया निवेश रकम मददगार नहीं हो सकता.
फिक्स्ड निकासी नियम
बच्चे के 18 साल के होने पर एनपीएस वात्सल्य स्कीम के तहत उसके पास दो विकल्प होते हैं. एडल्ट होने पर बच्चे के पास पेंशन स्कीम से निकासी या एनपीएस वात्सल्य पेंशन खाते को रेगुलर एनपीएस टियर- I खाते में जारी रखने का विकल्प मिलेगा. बच्चा 18 साल की उम्र के बाद भी, अगर कॉर्पस 2.5 लाख रुपये से ज्यादा है, तो सिर्फ 20% रकम ही निकाली जा सकती है और बाकी 80% फंड को एन्युटी में डालना जरूरी है. यह शर्त इसे कम लचीला बनाता है, खासकर ऐसी हालत में जब बच्चों की पढ़ाई-लिखाई, शादी-ब्याह या अन्य जरूरी कामों पर खर्च करना हो.
आम तौर पर, पैरेंट्स को बच्चों के हायर एजुकेशन, शादी जैसे खर्चों को पूरा करने के लिए बड़ी रकम की आवश्यकता होती है. ऐसे में लंबी अवधि के लिए बचत का उद्देश्य विफल हो जाता है.
टैक्स बेनिफिट लेकर अस्पष्टता
रेगुलर एनपीएस में निवेश करने वालों को टैक्स बेनिफिट मिलता है. जबकि एनपीएस वात्सल्य स्कीम में टैक्स बेनिफिट को लेकर स्पष्टता का अभाव है.
निवेश के लिए इक्विटी एलोकेशन कम है
एनपीएस वात्सल्य ऑटो च्वॉइस और एक्टिव च्वॉइस में निवेश की पेशकश करता है. दोनों निवेश विकल्पों के तहत, इक्विटी में अधिकतम योगदान 75% है. जानकारों का मानना है कि 18 साल तक के लॉक-इन वाले निवेश विकल्प के लिए इक्विटी आवंटन कम है.
लंबा लॉक-इन पीरियड
एनपीएस वात्सल्य स्कीम का लॉक-इन पीरियड (long lock-in period) काफी लंबा है. इस पेंशन स्कीम के तहत, बच्चे के 18 साल का होने तक लॉक-इन पीरियड होती है. अगर बच्चे के नाम खुले एनपीएस वात्सल्य खाते को उसके एडल्ट होने पर रेगुलर एनपीएस टियर- I खाते के रूप में जारी रखा जाता है, तो रेगुलर एनपीएस खाते की लॉक-इन पीरियड 60 साल की उम्र तक जारी रहती है.
एनपीएस वात्सल्य खाता खोलने की तारीख से तीन साल की लॉक-इन अवधि समाप्त होने के बाद आंशिक निकासी की अनुमति है. इसके अलावा, बच्चे के 18 वर्ष का होने तक सिर्फ 3 बार तक आंशिक निकासी की अनुमति है.
एनपीएस वात्सल्य बच्चों के लिए एक पेंशन योजना है. स्कीम के तहत आंशिक निकासी की अनुमति देती है. स्कीम के मुताबिक पैरेंट्स शिक्षा, निर्दिष्ट बीमारी और 75% से अधिक की विकलांगता के लिए अंशदान का 25% (रिटर्न को छोड़कर) आंशिक रूप से निकाल सकते हैं.