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वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अपने एक बयान में कहा है कि सभी के पास रिटारयमेंट प्लान हो, इसके लिए NPS को एक जन आंदोलन बनाने की जरूरत है. (AI Image: Perplexity)
Pension Sakhi Yojana: बीमा सखी योजना (LIC Bima Sakhi) को शुरू हुए लगभग एक साल होने वाला है और इस दौरान 7 अगस्त तक देशभर में 2,20,339 महिलाएं इस योजना से जुड़ चुकी हैं. एलआईसी की यह योजना महिलाओं को रोजगार और कमाई का जरिया देने के साथ-साथ ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय साक्षरता, बीमा जागरूकता और बीमा कवरेज बढ़ाने का काम कर रही है. योजना से जुड़ने वाली पात्र महिलाओं की बतौर बीमा एजेंट या बीमा सखी ट्रेनिंग होती है. इस दौरान उन्हें हम महीने 7000 रुपये तक स्टाइपेंड और हर पॉलिसी पर कमीशन मिलता है, जिससे उन्हें न सिर्फ नियमित आमदनी मिलती है बल्कि उद्यमिता के कौशल भी विकसित होते हैं.
इसी तर्ज पर सरकार अब पेंशन सखी योजना (Pension Sakhi) पर विचार कर रही है. 1 अक्टूबर को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने NPS दिवस के अवसर पर महिलाओं को ‘पेंशन सखी’ के रूप में ट्रेनिंग देने और उन्हें इंसेंटिव देने की अपील की. उन्होंने कहा कि नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) ने भारत में पेंशन अप्रोच को तेजी से बदला है और इसे सभी तबकों और वर्गों तक पहुंचाने की जरूरत है.
क्या है बीमा सखी योजना?
बीमा सखी यानी एलआईसी (LIC) की महिला करियर एजेंट (MCA) योजना की शुरूआत देश में 9 दिसंबर 2024 हुई. केंद्र सरकार का कहना है कि बीमा सखी योजना का उद्देश्य महिलाओं को रोजगार के अवसर और आर्थिक स्वतंत्रता देना है. सरकारी बीमा कंपनी एलआईसी योजना से जुड़ने वाली पात्र महिलाओं को यानी बीमा सखियों को उनके प्रदर्शन के आधार पर मंथली 7000 रुपये तक स्टाइपेंड देने के साथ अलग से हर पॉलिसी पर कमीशन भी देती है, जिससे उनका करियर और मजबूत हो सके.
सरकार का कहना है कि यह योजना महिलाओं और ग्रामीण इलाकों में वित्तीय साक्षरता, बीमा जागरूकता और बीमा कवरेज बढ़ाने का काम करती है, जो "इंश्योरेंस फॉर ऑल" के विजन से मेल खाती है. बीमा सखियों को कमीशन के अलावा स्टाइपेंड भी मिलता है, जिससे उन्हें न सिर्फ वित्तीय स्थिरता और नियमित आय मिलती है, बल्कि उद्यमिता (entrepreneurship) के कौशल भी विकसित होते हैं.
संसद में एक सवाल का लिखित जवाब देते हुए सरकार ने बताया कि 7 अगस्त 2025 तक कुल 2,20,339 बीमा सखियां (MCAs) सक्रिय हैं, जिनमें राजस्थान में 16,176 और पंजाब में 4,202 महिलाएं शामिल हैं.
बीमा सखी बनने के लिए क्या है पात्रता?
एलआईसी की बीमा सखी योजना से कोई भी पात्र महिला बतौर बीमा एजेंट या महिला करियर एजेंट जुड़ सकती है. हालांकि इसके लिए उन्हें आयु मिनिमम 18 साल और अधिकतम, शैक्षणिक योग्यता मैट्रिक पास और प्री-रिक्रूटमेंट टेस्ट जैसी शर्तों को पूरा करना होगा. बीमा सखी के लिए चयनित महिलाओं को 3 महीने के भीतर ट्रेनिंग दी जाती है. इस योजना से ओबीसी, एससी, एसटी और अन्य सभी वर्गों की महिलाएं जुड़ सकती है.
योजना के तहत चयनित महिलाओं यानी बीमा एजेंट को पहले 3 सालों तक शर्तें पूरा करने पर स्टाइपेंड दिए जाने का प्रावधान है ताकि वे जीवन बीमा एजेंसी में अपना करियर बना सकें. पहले साल में यह हर महीने स्टाइपेंड 7,000 रुपये और तीसरे साल में 5,000 रुपये मंथली है. यह राशि बीमा सखियों के द्वारा बेची गई LIC की पॉलिसियों पर मिलने वाले कमीशन के अलग होती है.
Pension Sakhi Yojana: पेंशन सखियों का क्या होगा काम और पात्रता?
प्रस्तावित पेंशन सखी योजना के तहत महिलाओं को एनपीएस के बारे में बताने और नए सदस्यों को जोड़ने का काम सौंपा जाएगा. यह योजना बीमा सखी मॉडल की तरह काम करेगी, जिसमें 18 से 70 वर्ष की आयु और मिनिमम 10वीं यानी मैट्रिक पास महिलाएं पात्र होंगी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पेंशन सिर्फ एक विकल्प नहीं बल्कि हर नागरिक के बुढ़ापे की सुरक्षा के लिए जरूरी है, और एनपीएस को एक जन आंदोलन बनाना चाहिए ताकि ज्यादा लोग जल्दी रिटायरमेंट योजना अपनाएं.
बीमा सखी की तरह भविष्य में पेंशन सखी योजना की शुरूआत हुई, तो यह महिलाओं को आर्थिक सशक्तिकरण के साथ-साथ NPS सब्सक्रिप्शन बढ़ाने में मदद करेगी. इस कदम से न सिर्फ NPS कवरेज बढ़ेगा बल्कि वित्तीय जागरूकता भी व्यापक स्तर पर पहुंचेगी.