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क्या आप अपने होम लोन की ऊंची ब्याज दर से परेशान हो चुके हैं? अगर आप यहां बताए गए उपायों पर अमल करेंगे तो आपकी समस्या काफी हद तक दूर हो सकती है. (Image : Pixabay)
Financial Planning Tips: How to reduce interest burden on your Home Loan: क्या आप अपने होम लोन की ऊंची ब्याज दर से परेशान हो चुके हैं? अगर आपको लगता है कि बरसों-बरस तक लगातार ईएमआई भरने के बावजूद ऊंची ब्याज दर के कारण आपके होम लोन का बोझ उतना कम नहीं हो रहा है, जितना होना चाहिए, तो आप यहां बताए गए तरीके आजमाने पर विचार कर सकते हैं. अगर आप इन टिप्स की मदद से अपने होम लोन की ब्याज दर में कटौती कर पाए, तो लोन के पूरे टेन्योर के दौरान काफी पैसे बचा पाएंगे और पर्सनल फाइनेंस (Personal Finance) के मामले में आपकी स्थिति पहले से बेहतर हो जाएगी.
होम लोन का टेन्योर कम रखें
आपको होम लोन पर कुल मिलाकर कितना ब्याज चुकाना पड़ेगा, यह आपके लोन की अवधि से भी तय होता है. 20, 25 या 30 साल के लिए कर्ज लेने पर लोन की मंथली EMI तो कम हो जाती है, लेकिन उतने ही लोन पर इंटरेस्ट ज्यादा वक्त तक चुकाना पड़ता है. इसका असर यह होता है कि 20, 25 या 30 वर्षों के दौरान ब्याज के रूप में दी कई कुल रकम काफी ज्यादा हो जाती है. वहीं, 10 या 15 साल के लिए लोन लिया जाए तो उसी लोन पर मंथली EMI भले ही कुछ अधिक हो, लेकिन लोन के पूरे टेन्योर के दौरान भरा जाने वाला कुल इंटरेस्ट कम हो जाता है. टेन्योर घटने पर ब्याज का कुल बोझ कितना घटता है, इसे आप होम लोन EMI के किसी अच्छे कैलकुलेटर में भी देख सकते हैं. यानी अगर आप लोन लेते समय टेन्योर का चुनाव समझदारी से करेंगे तो आप पर ब्याज का बोझ कम पड़ेगा.
होम लोन वक्त से पहले चुकाने में फायदा
अगर आप होम लोन को वक्त से पहले चुका दें, तो फायदे में रहेंगे. इसके लिए आप ईएमआई के अलावा बीच-बीच में कुछ अतिरिक्त रकम का भुगतान अपने लोन अकाउंट में सीधे प्रिंसिपल अमाउंट घटाने के लिए कर सकते हैं. लोन के पहले कुछ सालों के दौरान मंथली EMI में प्रिंसिपल अमाउंट के मुकाबले इंटरेस्ट का हिस्सा ज्यादा होता है. ऐसे में EMI के अलावा प्रीपेमेंट के तौर पर कोई भी रकम देने पर वो प्रिंसिपल अमाउंट से घटा दी जाती है. इससे न सिर्फ कर्ज तेजी से घटता है, बल्कि मंथली EMI में ब्याज का हिस्सा भी कम हो जाता है. यानी उतनी ही ईएमआई देने पर भी आपका लोन तेजी से कम होने लगेगा. एक बात और, फ्लोटिंग रेट वाले होम लोन पर बैंक प्रीपेमेंट चार्ज नहीं लगाते हैं. लेकिन अगर आपका होम लोन फिक्स्ड इंटरेस्ट रेट पर है, तो हो सकता है आपको लोन के प्रीपेमेंट पर पेनाल्टी देनी पड़े. इसलिए इस बारे में बैंक से जानकारी हासिल कर लें.
बैंक से इंटरेस्ट रेट घटाने को कहें
अगर आपके मौजूदा होम लोन की ब्याज दर काफी अधिक है, तो उसे कम करने के लिए आप बैंक से रिक्वेस्ट कर सकते हैं. आमतौर पर ब्याज दर घटाने के लिए बैंक आपसे फीस लेता है, इसलिए रेट घटाने पर होने वाली वास्तविक बचत का अनुमान लगाने के लिए ‘होम लोन रिफाइनेंस कैलकुलेटर’ का इस्तेमाल कर सकते हैं. आपको ऐसे कैलकुलेटर ऑनलाइन मिल जाएंगे.
कम ब्याज के लिए दूसरे बैंकों से बात करें
मौजूदा बैंक अगर आपके होम लोन की ब्याज दर घटाने को तैयार न हो, तो आप दूसरे बैंकों के ऑफर्स के बारे में जानकारी लेकर बैलेंस ट्रांसफर के लिए भी प्रयास कर सकते हैं. अगर किसी और बैंक से काफी कम ब्याज दर का ऑफर मिल रहा हो, तो आप अपना लोन ट्रांसफर करा सकते हैं. लेकिन बैलेंस ट्रांसफर कराने से पहले नए बैंक को दी जाने वाली प्रोसेसिंग फीस समेत लोन ट्रांसफर से जुड़े तमाम खर्चों के बारे में भी जरूर पता कर लें. होम लोन बैलेंस ट्रांसफर कराने में तभी फायदा है, जब सभी खर्चों को घटाने के बावजूद नए बैंक में लोन ट्रांसफर कराने पर आपकी बचत हो रही हो. यह बात भी ध्यान में रखें कि कई बार बैंक नये लोन पर टीज़र रेट देते हैं, जो एक साल बाद बढ़ सकती है. संभावित बचत का कैलकुलेशन करते समय इस बात को भी ध्यान में रखें.