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NSC: पोस्ट ऑफिस की नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का 9.12 लाख रुपये और बैंक एफडी में 2.85 करोड़ से अधिक जमा है. (IE File)
National Savings Certificates NSC: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आज जन्मदिन (PM Modi Birthday) है. वह आज 74 साल के हो गए. इस साल जून में लगातार तीसरी बार पीएम पद की शपथ लेकर उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू की बराबरी कर ली. जन्मदिन खास मौके पर आज हम आपको पीएम मोदी के फाइनेंशियल प्लानिंग से रूबरू कराएंगे. साथ ही ये भी जानेंगे कि किस निवेश विकल्प पर वह सबसे अधिक भरोसा करते हैं.
2024 के लोक सभा चुनाव के दौरान इलेक्शन कमीशन को दिए एफिडेविट में पीएम मोदी ने अपना पूरा ब्योरा दिया है. एफिडेविट के मुताबिक पीएम मोदी की कमाई का 98 फीसदी हिस्सा बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट और पोस्ट ऑफिस स्कीम में जमा हैं. पीएम मोदी ने बैंक एफडी (FD) में 2,85,60,338 रुपये और पोस्ट ऑफिस की नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) में 9,12,398 रुपये निवेश (PM Narendra Modi Investment) किए हैं. दोनों ही विकल्प निवेश के लिए बेहद सुरक्षित माने जाते हैं. बैंक एफडी और पोस्ट ऑफिस स्कीम अपनी सेविंग पर रिस्क न लेने वाले निवेशकों के पसंदीदा विकल्पों में से हैं. ऐसे में पीएम मोदी भी एक सेफ इनवेस्टर कहे जा सकते हैं. प्रधानमंत्री के जन्म दिन के खास अवसर पर आज बैंक एफडी और एनएससी की खासियतों के बारे में आइए जानते हैं.
बैंक एफडी में सबसे ज्यादा निवेश
पीएम नरेंद्र मोदी का सबसे ज्यादा भरोसा बैंक फिक्स्ड डिपॉजिट पर है. चुनाव आयोग को दिए एफिडेविट के मुताबिक उन्होंने बैंक एफडी में 2,85,60,338 रुपये निवेश किया है.
क्या है बैंक एफडी
बैंक एफडी को सुरक्षित निवेश विकल्प माना है. ज्यादातर लोगों के इनेवेस्टमेंट पोर्टफोलियो में ये शामिल होता है. बैंक एफडी सुरक्षित होने के साथ-साथ रिटर्न की गारंटी भी होती है. इन दिनों तमाम बैंक निवेशकों को बेहतर रिटर्न ऑफर कर रहे हैं. हालांकि दिग्गज प्राइवेट और सरकारी बैंकों की तुलना में स्मॉल फाइनेंस बैंक अपने एफडी स्कीम पर अच्छा ब्याज दे रहे हैं.
बैंकों में निवेशकों को 7 दिन से 10 साल अवधि वाले एफडी कराने की सुविधा होती है. अवधि के हिसाब से ब्याज दर की बात करें तो आम लोगों को 1 साल की एफडी पर फिलहाल 5 से 9 फीसदी तक ब्याज मिल रहा है. सीनियर सिटिजन (60 साल से अधिक) और सुपर सीनियर सिटिजन (80 साल से अधिक) को आम लोगों की तुलना में बैंक आमतौर 0.5 फीसदी या उससे अधिक ब्याज देते हैं. इसके अलावा निवेशकों को 5 साल की एफडी पर टैक्स बेनिफिट भी मिल जाता है. खास बात ये है कि बैंक एफडी पर गारंटीड रिटर्न के साथ सरकारी संस्था डीआईसीजीसी की ओर से 5 लाख रुपये तक का इंश्योरेंस कवर मिलता है.
बैंक एफडी के अलावा नरेंद्र मोदी को पोस्ट ऑफिस स्मॉल सेविंग्स स्कीम में शामिल नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट (NSC) भी निवेश के लिए पसंद है. उन्होंने इस स्कीम में 9,12,398 रुपये निवेश किया है. NSC पोस्ट ऑफिस की स्कीम है. यहां इस सरकारी स्कीम की डिटेल विस्तार से पढ़ सकते हैं.
क्या है नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट?
नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट एक सरकारी स्कीम है. पोस्ट ऑफिस की इस स्कीम में रिटर्न की गारंटी होती है. यह फिक्स्ड इनकम निवेश का विकल्प है, जो ऐसे निवेशकों को आकर्षित करती है जो बाजार का बिल्कुल भी रिस्क नहीं लेना चाहते हैं. एनएससी स्कीम की मेच्योरिटी पीरियड 5 साल है. पांच साल की यह सरकारी स्कीम देशभर में पोस्ट ऑफिस में शुरू की जा सकती है, जिसमें न्यूनतम 1000 रुपये से अकाउंट खोला जा सकता है. अधिकतम जमा के लिए कोई लिमिट नहीं है. हालांकि महंगाई का भी ध्यान रखें तो इसमें मैच्योरिटी पर मिलने वाला अमाउंट बहुत मुश्किल से महंगाई को मात देता दिखता है. वहीं इसमें ब्याज से होने वाली कमाई पर टैक्स भी लगता है.
कितना मिल रहा है ब्याज (Interest Rate in NSC)
इंडिया पोस्ट के अनुसार 5 साल की नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट स्कीम पर 7.7 फीसदी का सालाना कंपाउंडिंग ब्याज मिल रहा है. इस स्कीम में ब्याज सालाना कंपाउंडेड होता है और मैच्योरिटी पर पेयबल होता है. 5 साल बाद मैच्योरिटी पर आप इस स्कीम को रिन्यू नहीं कर सकते हैं. मैच्योरिटी के बाद NSC में निवेश जारी रखने के लिए, आपको लागू ब्याज दर के साथ एक नया NSC सर्टिफिकेट खरीदना होगा.
कितने वैल्यू के मिलते हैं सर्टिफिकेट
NSC में 100, 500, 1000, 5000, 10,000 या इससे ज्यादा के सर्टिफिकेट मिलते हैं. इसमें निवेश करने की कोई सीमा नहीं है. यानी आप कितने भी सर्टिफिकेट खरीद सकते हैं.
NSC में निवेश पर 5 साल में कितना फायदा
अगर कोई निवेशक पोस्ट ऑफिस की NSC स्कीम में पैसे लगाता है तो मैच्यरिटी पर उसे कितना फायदा होगा, यहां पूरा कैलकुलेशन देख सकते हैं.
जमा: 10 लाख रुपये
ब्याज दर: 7.7 फीसदी सालाना कंपाउंडेड
टेन्योर: 5 साल
मैच्योरिटी पर अमाउंट: 14,49,034 रुपये
ब्याज का फायदा: 4,49,034 रुपये
ब्याज से हुई कमाई टैक्स फ्री नहीं (Tax Rules in NSC)
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट में निवेश करने पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है. हालांकि यह छूट 1.50 लाख रुपये तक के निवेश पर ही मिलती है. पहले 4 साल तक एनएससी से मिले ब्याज को फिर से निवेश कर दिया जाता है, इसलिए टैक्स में छूट दी जाती है. लेकिन एनएससी के 5 साल पूरे होने पर उसे फिर से निवेश नहीं कर सकते, इसलिए ब्याज से हुई कमाई पर टैक्स स्लैब रेट के हिसाब से टैक्स लगता है. इंटरेस्ट अमाउंट पर TDS नहीं कटता है.
रिटर्न फाइल करते समय करें ये काम
एनएससी में जो निवेश किया जाता है, मूलधन 5 साल बाद ब्याज के साथ जोड़ कर मिलता है. सीबीडीटी का नियम कहता है कि हर साल के आईटीआर में एनएससी के ब्याज की कमाई को दिखाना जरूरी होता है. इसलिए टैक्स रिटर्न भरते समय इस बात का ध्यान रखें. मान लिया कि आपने एनएससी में 1 लाख रुपये निवेश किया है और 7.7 फीसदी के हिसाब से ब्याज मिल रहा है, तो हर साल 7700 रुपये की कमाई को आईटीआर में दिखाना जरूरी होगा.