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PM SVANidhi 2.0: नई स्वनिधि स्कीम जल्द, बिना गारंटी 50,000 रु लोन के साथ अब रेहड़ी-पटरी वालों को मिलेंगे UPI लिंक क्रेडिट कार्ड समेत ये लाभ

PM SVANidhi Scheme 2.0: सरकार जल्द ही पीएम स्वनिधि 2.0 शुरू करेगी, जिसमें रेहड़ी-पटरी वालों को 50,000 रुपये तक का लोन और 30,000 रुपये का रुपे क्रेडिट कार्ड मिलेगा, साथ ही 7% ब्याज सब्सिडी भी दी जाएगी.

PM SVANidhi Scheme 2.0: सरकार जल्द ही पीएम स्वनिधि 2.0 शुरू करेगी, जिसमें रेहड़ी-पटरी वालों को 50,000 रुपये तक का लोन और 30,000 रुपये का रुपे क्रेडिट कार्ड मिलेगा, साथ ही 7% ब्याज सब्सिडी भी दी जाएगी.

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FE Hindi Desk
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PM Svanidhi Scheme

पीएम स्वनिधि योजना 1.0 के तहत अब तक बिना गारंटी पुरुष और महिला कुल मिलकार 68 लाख लोग लोन का लाभ उठा चुके हैं. (Image: X/@FinMinIndia)

PM SVANidhi Scheme 2.0 soon: सरकार जल्द ही पीएम स्वनिधि योजना 2.0 शुरू करने जा रही है. इस नई स्कीम के तहत रेहड़ी-पटरी वालों को बिना गारंटी 50,000 रुपये तक का लोन ( Loan ) मिलेगा, जिस पर सालाना 7% की ब्याज सब्सिडी दी जाएगी. साथ ही, 30,000 रुपये लिमिट वाला यूपीआई लिंक रुपे क्रेडिट कार्ड भी मिलेगा. आधिकारिक सूत्रों ने मंगलवार को यह जानकारी दी.

पीएम स्वनिधि योजना पहली बार उस समय शुरू हुई थी जब कोरोना महामारी के कारण लाखों स्ट्रीट वेंडर्स की रोज़ी-रोटी बुरी तरह प्रभावित हो गई थी. योजना का मकसद था कि बिना किसी गारंटी के स्मॉल लोन देकर उनका व्यवसाय फिर से शुरू करने में मदद दी जाए. 31 मार्च 2025 तक, इस योजना के तहत लगभग 68 लाख वेंडर्स को कुल 13,792 करोड़ के लोन मिल चुके हैं.

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पीएम स्वनिधि स्कीम के पहले फेज (PM SVANidhi Scheme 1.0) के तहत जो वेंडर्स समय पर लोन चुकाते थे, उन्हें सालाना 7% की ब्याज पर छूट दी जाती थी और डिजिटल लेनदेन करने पर 1,200 रुपये तक कैशबैक भी मिलता था. लेकिन यह पुरानी स्कीम 31 मार्च 2025 को खत्म हो गई. इसके बाद बजट में सरकार ने घोषणा की कि अब इसे नए स्वरूप में लाया जाएगा, जिसमें पहले से बेहतर सुविधाएं दी जाएंगी.

सरकारी सूत्रों के अनुसार, यह नई स्कीम जल्द ही व्यय वित्त समिति (Expenditure Finance Committee - EFC) से मंजूरी पाएगी और फिर इसे लागू कर दिया जाएगा. बता दें कि जब किसी योजना का बजटीय खर्च 500 करोड़ रुपये से अधिक होता है तो उसकी मंजूरी EFC द्वारा दी जाती है, जिसकी अध्यक्षता खर्च सचिव करते हैं. उम्मीद है कि पीएम स्वनिधि योजना 2.0 स्कीम 2025 से 2031 तक की अवधि (जो 16वें वित्त आयोग की समयावधि है) के लिए लागू रहेगी.

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नई स्कीम में मिलेंगे ये बेनिफिट्स 

नई योजना के तहत, पहले की तरह 50,000 रुपये तक के लोन पर ब्याज सब्सिडी तो मिलेगी ही, साथ में 30,000 रुपये की लिमिट वाला रुपे क्रेडिट कार्ड भी मिलेगा, जिससे वेंडर्स डिजिटल रूप से लेनदेन कर सकेंगे.

पहली योजना में भी अगर किसी वेंडर ने 10,000 रुपये का पहला लोन चुकता कर दिया होता, तो उसे दूसरा लोन 20,000 रुपये तक मिल सकता था. और दूसरा भी चुकता करने पर तीसरा लोन 50,000 रुपये तक मिल सकता था. अब वही सुविधा और बेहतर रूप में जारी रहेगी. इस स्कीम का एक और बड़ा उद्देश्य है कि सड़क पर सामान बेचकर गुजारा करने वाले रेहड़ी पटरी वालों को औपचारिक अर्थव्यवस्था में शामिल किया जाए, ताकि उन्हें आगे बढ़ने के नए अवसर मिलें और उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हो.

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शहरों में जो लोग ठेला, फड़ या रेहड़ी लगाकर सामान बेचते हैं, वे शहरी अनौपचारिक अर्थव्यवस्था (urban informal economy) का एक बेहद अहम हिस्सा होते हैं. ये लोग आम जनता के लिए जरूरी सामान और सेवाएं सस्ते दामों पर, उनके घर के दरवाजे तक पहुंचाने का काम करते हैं. इनकी वजह से ही रोज़मर्रा की ज़िंदगी आसान बनती है, खासकर मध्यमवर्ग और निम्नवर्ग के लिए.

इन लोगों को अलग-अलग जगहों पर वेंडर, ठेलेवाले, फड़वाले, रेहड़ीवाले या खोमचेवाले जैसे नामों से जाना जाता है. ये लोग जो सामान बेचते हैं, उसमें सब्जियां, फल, चाय-नाश्ता, पकोड़े, ब्रेड, अंडे, कपड़े, जूते, हस्तशिल्प, किताबें, स्टेशनरी आदि शामिल होते हैं. इसके अलावा, ये लोग सेवा देने वाले काम भी करते हैं, जैसे नाई की दुकान, मोची, पान की दुकान, धोबी आदि. ये सब मिलकर शहर की रोज़मर्रा की जरूरतों को पूरा करते हैं, और इनके बिना शहरी जीवन अधूरा सा लगता है.

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