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Regular Income : रेगुलर इनकम के लिए 3 रिस्क फ्री स्कीम, PPF, SCSS और POMIS

Top Investment Plan for Regular Income: रिटायरमेंट के बाद की जरूरतों को पूरा करने के लिए रेगुलर इनकम बेहद जरूरी है. इसके लिए PPF, SCSS, POMIS जैसे सुरक्षित और बेहतर विकल्प मौजूद हैं. निवेश करने से पहले इन विकल्पों के बारे में समझ लें.

Top Investment Plan for Regular Income: रिटायरमेंट के बाद की जरूरतों को पूरा करने के लिए रेगुलर इनकम बेहद जरूरी है. इसके लिए PPF, SCSS, POMIS जैसे सुरक्षित और बेहतर विकल्प मौजूद हैं. निवेश करने से पहले इन विकल्पों के बारे में समझ लें.

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Mithilesh Kumar
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अगर आप अपनी मेहनत की कमाई को सुरक्षित और बेहतर विकल्पों में निवेश कर रिटायरमेंट के बाद रेगुलर इनकम करना चाहते हैं, तो पोस्ट ऑफिस की तीन रिस्क फ्री और गारंटीड रिटर्न वाली स्कीमें आपके लिए बेहद फायदेमंद हो सकती हैं. Photograph: (PTI)

Regular Income Investment Plan: रिटायरमेंट के बाद, लोगों की सबसे बड़ी चिंता ये होती है कि वे कैसे एक रेगुलर इनकम हासिल करें ताकि उनकी जिंदगी आरामदायक और बिना किसी तनाव के चल सके. अपनी सेविंग को सुरक्षित रखने और अचानक होने वाले खर्चों से निपटने के लिए वरिष्ठ नागरिक यानी सीनियर सिटिजन समझदारी से प्लानिंग करना चाहिए. रिटायरमेंट के करीब पहुचने वाले हर शख्स को इसके लिए सही निवेश विकल्प का चयन करना बेहद जरूरी हो जाता है. ऐसे में ध्यान देना जरूरी है कि रिटायरमेंट के बाद रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा करने के लिए रेगुलर इनकम भी बनाए रखना अहम है. इसके लिए कई विकल्प मौजूद हैं. 

अगर आप अपनी मेहनत की कमाई को सुरक्षित और बेहतर विकल्पों में निवेश कर रिटायरमेंट के बाद रेगुलर इनकम करना चाहते हैं, तो पोस्ट ऑफिस की तीन रिस्क फ्री और गारंटीड रिटर्न वाली स्कीमें आपके लिए बेहद फायदेमंद हो सकती हैं. ये स्कीमें हैं पब्लिक प्रोविडेंट फंड (PPF), सीनियर सिटीजंस सेविंग्स स्कीम (SCSS) और नेशनल सेविंग मंथली इनकम स्कीम (POMIS). इन स्कीमों में निवेश करने से न सिर्फ आपके पैसे पूरी तरह सुरक्षित रहेंगे, बल्कि आपको मंथली यानी तिमाही आधार पर इनकम भी मिलती होती रहेगी. अगर आप अपने वित्तीय भविष्य को सुरक्षित बनाना चाहते है तो यहां बताए रिस्क फ्री निवेश विकल्पों पर विचार कर सकते हैं.

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पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF)

पीपीएफ अकाउंट को भी रेगुलर इनकम के लिए इस्‍तेमाल कर सकते हैं. इसके लिए आपको रिटायरमेंट के बाद भी इस स्‍कीम को बिना कुछ निवेश किए या निवेश के साथ जारी रखना होगा. पीपीएफ स्‍कीम को 15 साल की मैच्‍योरिटी के बाद 5 साल-5 साल के लिए कितनी बार भी एक्‍सटेंड किया जा सकता है. अगर आप मैच्योरिटी के बाद बिना कुछ निवेश किए एक्सटेंड करते हैं तो एक्सटेंड किए गए 5 साल में हर साल में एक बार पूरा पैसा निकाल सकते हैं. वहीं आप एक्सटेंड पीरियड में भी पहले की तरह निवेश जारी रखते हैं तो आप हर साल 60 फीसदी तक पैसा निकाल सकते हैं. 

कैसे होगी रेगुलर इनकम

मान लिया कि आपने पीपीएफ अकाउंट में 35 साल की उम्र में निवेश शुरू किया. अगर रिटायरमेंट की उम्र 60 साल मान लें तो 15 साल की मैच्योरिटी के बाद भी 10 साल तक इस स्कीम को निवेश के साथ एक्सटेंड करने का विकल्प होगा. यानी आप इस स्कीम को 25 साल चला सकते हैं, जब आपकी उम्र 60 साल होगी.  

एक साल में अधिकतम जमा : 1.50 लाख रुपये

ब्‍याज दर : 7.1 फीसदी सालाना

अवधि : 25 साल

25 साल पर फंड : 1.03 करोड़

यहां 25 साल बाद आपके पीपीएफ अकाउंट में 1 करोड़ होगा, जब आप रिटायर होंगे. रिटायरमेंट के बाद अगर आपने 5 साल के लिए स्‍कीम को बिना किसी निवेश के लिए एक्‍सटेंड किया तो इस पर 7.1 फीसदी सालाना के हिसाब से ब्‍याज मिलेगा. इस लिहाज से एक साल में आपके खाते में 7,31,300 रुपये ब्याज जुड़ेगा. वहीं निकासी के नियम के अनुसार आप हर साल पूरा अमाउंट निकाल सकते हैं. अगर आपने एक साल पूरा होने पर सिर्फ ब्‍याज यानी 7.31 लाख रुपये निकाला तो यह 12 महीनों के हिसाब से करीब 60 हजार रुपये मंथली होगा. ऐसा आप हर साल कर सकते हैं. वहीं इस निकासी पर कोई टैक्स भी नहीं लगेगा. जबकि आपके 1 करोड् का फंड अकाउंट में हमेशा पड़ा रहेगा.

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सीनियर सिटीजंस सेविंग्‍स स्‍कीम (SCSS)

सीनियर सिटीजंस सेविंग्‍स स्‍कीम (SCSS) से भी मंथली इनकम हो सकती है. इस अकाउंट में जमा की अधिकतम लिमिट 30 लाख रुपये है. जबकि मौजूदा ब्याज दर 8.2 फीसदी सालाना है. SCSS में भी इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80C के तहत 1.50 लाख रुपये तक निवेश पर टैक्स छूट का लाभ ले सकते हैं. इस अकाउंट को आप 5 साल की मैच्योरिटी के बाद 3 साल के लिए और बढ़ा सकते हैं. अगर आपकी उम्र 60 साल से अधिक है या 55-60 साल के उम्र वर्ग के ऐसे रिटायर्ड कर्मचारी, जिन्होंने वॉलंटियरी रिटायरमेंट स्कीम (VRS) को चुना हो या रिटायर्ड डिफेंस कर्मचारी जिनकी उम्र न्यूनतम 60 साल हो यह अकाउंट खोल सकते हैं.

कैसे होगी रेगुलर इनकम

अकाउंट में अधिकतम जमा: 30 लाख रुपये

ब्याज दर: 8.2 फीसदी सालाना

मैच्योरिटी पीरियड: 5 साल

मैच्योरिटी पर अमाउंट: 42,03,000 रुपये

सालाना ब्याज: 2,40,600 रुपये

तिमाही ब्याज: 60,150 रुपये

ध्यान देने वाली है कि यहां आपको हर महीने के अंतराल में ब्याज के पैसे मिलते हैं. मंथली आधार पर देखें तो यहां हर महीने 20-20 हजार की इनकम हो सकती हैं. अगर स्पाउंज (पति या पत्नी) के साथ मिलकर 2 अलग-अलग अकाउंट में पैसे जमा करें तो हर महीने 40 हजार रुपये से ज्यादा ब्याज मिलेगा.

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पोस्ट ऑफिस की मंथली इनकम स्कीम (POMIS)

पोस्ट ऑफिस की स्माल सेविंग्स स्कीम मंथली इनकम स्कीम (Monthly Income Account) एक सुरक्षित निवेश का विकल्प है जो किसी के लिए रेगुलर इनकम का जरिया बन सकती है. यह योजना उन लोगों के लिए फाइनेंशियल स्टेबिलिटी के लिए मजबूत विकल्प हो सकती है, जो हर महीने स्थिर इनकम की तलाश में हैं. खासतौर से रिटायरमेंट के बाद इस योजना का लाभ उठाया जा सकता है. 

पोस्‍ट ऑफिस की मंथली इनकम स्‍कीम (POMIS) के लिए सिंगल अकाउंट के जरिए जमा की अधिकतम लिमिट 9 लाख रुपये है. वहीं अगर आप अपने स्पाउस के साथ ज्वॉइंट अकाउंट खोलते हैं तो यह लिमिट 15 लाख रुपये है. इस अकाउंट पर ब्‍याज दर 7.4 फीसदी सालाना है.

कैसे होगी रेगुलर इनकम

ब्याज दर: 7.4 फीसदी सालाना

ज्‍वॉइंट अकाउंट से अधिकतम निवेश: 15 लाख रुपये

सालाना ब्याज: 1,11,000 रुपये

मंथली ब्याज: 9250 रुपये

इसमें जमा पैसों पर जो भी सालाना ब्‍याज होता है, उसे 12 हिस्‍से में बांट दिया जाता है, और वह हर महीने आपके अकाउंट में आ जाता है. इस स्‍कीम की मैच्‍योरिटी 5 साल है, लेकिन 5 साल बाद नए ब्‍याज दर के हिसाब से इसे आगे बढ़ा सकते हैं.

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