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Retirement Planning: रिटायरमेंट की तैयारी जितनी जल्दी शुरू करेंगे, बाद में उतनी ही आसानी होगी. (AI Generated Image / ChatGPT)
Retirement Planning : Why Early Start is Crucial: रिटायरमेंट की प्लानिंग ऐसी दौड़ है जिसमें जीतना है तो शुरुआत समय रहते करनी होगी. अगर आप आखिरी वक्त में तैयारी शुरू करेंगे, तो न तो सही ढंग से पैसों का इंतजाम हो पाएगा और न ही रिटायरमेंट के बाद की जिंदगी सुकून भरी बन पाएगी. कामकाजी जिंदगी के शुरुआती दौर में रिटायरमेंट भले ही काफी दूर का लक्ष्य नजर आता हो, लेकिन उसके लिए जितनी जल्दी तैयारी शुरू की जाएगी, बाद में उतनी ही आसानी होगी.
जल्द शुरुआत का सबसे बड़ा फायदा
टाटा पेंशन फंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड के चीफ इन्वेस्टमेंट ऑफिसर (CIO) रविकांत राठौर का कहना है, "रिटायरमेंट प्लानिंग को आखिरी समय की तैयारी के तौर पर नहीं, बल्कि आदत के रूप में अपनाना चाहिए. जो लोग शुरुआत से ही छोटी-छोटी रकम निवेश करना शुरू कर देते हैं, उन्हें कंपाउंडिंग का सबसे बड़ा फायदा मिलता है."
उनका यह भी मानना है कि रिटायरमेंट की तैयारी एक लंबी प्रक्रिया है और यह एक बार का काम नहीं बल्कि लगातार चलने वाली आदत होनी चाहिए. अगर आप अपने करियर के शुरूआती सालों में ही निवेश की आदत डाल लेते हैं, तो समय के साथ आपका फंड अपने आप बढ़ता चला जाएगा.
रेगुलर इनवेस्टमेंट का नियम न तोड़ें
रिटायरमेंट फंड के लिए हर महीने एक तय रकम अलग रखना जरूरी है. यह रकम आपकी आमदनी के अनुसार कम ज्यादा हो सकती है, लेकिन इसे एक नियम की तरह अपनाना चाहिए. इससे यह प्लानिंग सिर्फ कागज़ पर नहीं, आपकी वित्तीय आदतों में शामिल हो जाएगी. रविकांत राठौर कहते हैं, "हर महीने रिटायरमेंट के लिए निवेश की गई छोटी-छोटी रकम भी लंबे समय में बड़ा फंड तैयार कर सकती है, बशर्ते आप रेगुलर इनवेस्टमेंट का सिलसिला बनाए रखें."
सही एसेट एलोकेशन है जरूरी
रिटायरमेंट के लिए निवेश करते वक्त सिर्फ सेविंग अकाउंट या फिक्स्ड डिपॉजिट पर भरोसा करना ठीक नहीं. आपको अपनी रिस्क लेने की क्षमता के हिसाब से इक्विटी और डेट जैसे विकल्पों के बीच संतुलन बना कर निवेश करना चाहिए. नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) इस मामले में एक बेहतर विकल्प है, क्योंकि इसमें आप अपनी रिस्क प्रोफाइल के मुताबिक इक्विटी, डेट और गवर्नमेंट बॉन्ड्स का चुनाव कर सकते हैं.
इंक्रिमेंट के साथ बढ़ाते चलें निवेश
जैसे-जैसे आपकी सैलरी बढ़ती है, वैसे ही रिटायरमेंट के लिए की जाने वाली निवेश की रकम भी बढ़ानी चाहिए. यह अपने फ्यूचर को और मजबूत बनाने का एक सबसे अच्छा तरीका है. हर साल अपने रिटायरमेंट पोर्टफोलियो का रिव्यू जरूर करें और जरूरत के हिसाब से उसमें बदलाव करें.
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पूरी तैयारी के साथ होना चाहिए रिटायरमेंट
रिटायरमेंट का मकसद सिर्फ नौकरी खत्म होना नहीं है, बल्कि एक ऐसी जिंदगी जीना है जिसमें आर्थिक चिंता न हो. रविकांत राठौर की सलाह है, "आप अपने करियर को बनाने में जितनी मेहनत करते हैं, उतनी ही एनर्जी अपने वित्तीय भविष्य को बनाने में भी लगाएं. रिटायरमेंट प्लानिंग को आज शुरू करना आपके कल को बेहतर बना सकता है."
इसलिए यह समझना जरूरी है कि रिटायरमेंट की रेस में जीतने के लिए शुरुआत अभी से करनी होगी. आखिरी वक्त में दौड़ने से मंज़िल नहीं मिलती, बल्कि वक्त पर उठाया गया एक-एक कदम आपके आने वाले कल को बेहतर बनाने में बड़ा योगदान कर सकता है.