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बैंकों की सेविंग्स अकाउंट पर मिलने वाली ब्याज दरें फिलहाल अपने हिस्टोरिक लो पर पहुंच गई हैं. ऐसे में इमरजेंसी फंड के लिए यहां बताए गए विकल्प कारगर साबित हो सकते हैं. (AI Image)
अगर आप अपना इमरजेंसी फंड सिर्फ सेविंग्स अकाउंट में रखकर सुरक्षित मान रहे हैं, तो अब दोबारा सोचने का समय आ गया है. भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के लेटेस्ट जुलाई बुलेटिन के मुताबिक, कुछ सरकारी बैंकों की सेविंग्स डिपॉजिट दरें (Savings Deposit Rates) अब हिस्टोरिक लो पर पहुंच चुकी हैं. ये गिरावट उस समय के बाद पहली बार हुई है, जब 2011 में RBI ने इन दरों को रेगुलेशन से मुक्त (Deregulated) किया था और बैंकों को ब्याज दरें खुद तय करने की आजादी दी थी.
आज कई बड़े सरकारी और निजी बैंक सेविंग्स अकाउंट पर सिर्फ 2.5% से 3% तक का ही ब्याज दे रहे हैं, जबकि महंगाई दर (Inflation Rate) करीब 4% के आसपास बनी हुई है. यानी, आपकी बचत का रिटर्न महंगाई के मुकाबले निगेटिव (Negative Real Return) हो रहा है. ऐसे में अगर आपका इमरजेंसी फंड सेविंग्स अकाउंट में ही पड़ा है, तो उसका मूल्य समय के साथ घटता चला जाएगा.
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ब्याज दरें क्यों गिरीं?
RBI की रिपोर्ट के मुताबिक, महंगाई को काबू में रखने और लोन ग्रोथ को संतुलित करने के लिए अपनाई गई मौद्रिक नीति इसका बड़ा कारण है. फरवरी 2025 से अब तक RBI ने रेपो रेट में 1% की कटौती की है, जिसके बाद बैंकों ने भी EBLR (External Benchmark Linked Lending Rate) में 1% और MCLR (Marginal Cost of Funds based Lending Rate) में 0.1% की कटौती की है. इसका असर ये हुआ कि फरवरी–मई 2025 के बीच नए और पुराने लोन की ब्याज दरें 0.26% और 0.18% तक कम हो गईं और FD की दरें 0.51% से लेकर 2% तक घट गईं.
ऐसे में सवाल उठता है कि इमरजेंसी फंड को कहां रखें, जहां पैसा सुरक्षित भी रहे, तुरंत इस्तेमाल भी हो सके और रिटर्न सेविंग्स अकाउंट से बेहतर मिले? यहां आपके लिए कुछ स्मार्ट विकल्पों के बारे में जानकारी दी गई है.
इमरजेंसी फंड के लिए ये हो सकते हैं बेहतर विकल्प
1. शॉर्ट टर्म एफडी (Short-Term Fixed Deposits)
6 महीने से 1 साल की एफडी पर कई बैंक 6% से 7.5% तक ब्याज दे रहे हैं. जरूरत पड़ने पर आप इसे समय से पहले तोड़ सकते हैं, हालांकि हल्की पेनल्टी लग सकती है.
2. ऑटो-स्वीप अकाउंट (Auto-Sweep Account)
कुछ बैंक सेविंग्स और एफडी को लिंक करने की सुविधा देते हैं. अगर सेविंग्स अकाउंट में बैलेंस तय सीमा से ज्यादा होता है, तो वह खुद-ब-खुद एफडी में बदल जाता है. जरूरत पर यह तुरंत वापिस ट्रांसफर हो जाता है - ब्याज भी अच्छा और लिक्विडिटी भी बनी रहती है.
3. लिक्विड म्यूचुअल फंड्स (Liquid Mutual Funds)
अगर आप सेविंग्स अकाउंट से बेहतर रिटर्न वाला विकल्प तलाश रहे हैं, तो लिक्विड म्यूचुअल फंड्स एक बेहतर विकल्प हो सकते हैं. AMFI के अनुसार, इन फंड्स पर फिलहाल 5% से अधिक का रिटर्न मिल रहा है और इनमें जोखिम कम होता है. ये फंड्स आमतौर पर 1–2 कार्यदिवस में रिडीम किए जा सकते हैं, यानी पैसों की तरलता बनी रहती है. रिटर्न सेविंग्स अकाउंट से बेहतर होता है, जिससे ये इमरजेंसी फंड के लिए उपयोगी विकल्प हैं.
4. अल्ट्रा शॉर्ट ड्यूरेशन फंड्स (Ultra Short Duration Funds)
थोड़े ज्यादा रिटर्न के लिए यह अच्छा विकल्प है. इनमें 6.5% से 6.8% तक का रिटर्न मिल सकता है, जबकि जोखिम लिक्विड फंड से थोड़ा ज़्यादा होता है.
5. ओवरनाइट फंड (Overnight Fund)
ये सबसे कम अवधि वाले फंड्स होते हैं - एक दिन में मैच्योर होते हैं. रिस्क बेहद कम होता है और रिटर्न 5% से ऊपर मिल रहा है.
इन विकल्पों को चुनते समय निवेशकों को अपनी जोखिम लेने की क्षमता (Risk Appetite), निवेश अवधि और तरलता (Liquidity) की ज़रूरत को ध्यान में रखना चाहिए.
इसके अलावा, RBI के जुलाई बुलेटिन के अनुसार सितंबर 2025 तिमाही के लिए सरकार ने स्मॉल सेविंग स्कीम्स (Small Saving Schemes) की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है. हालांकि, इन योजनाओं पर मिल रही दरें सरकार द्वारा तय फॉर्मूले से 0.33% से 1.18% अधिक हैं. ऐसे में PPF, SCSS और पोस्ट ऑफिस योजनाएं भी मध्यम अवधि और रिटायरमेंट के लिए बेहतर विकल्प साबित हो सकती हैं.