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SBI Mutual Fund की 32 साल पुरानी स्कीम SBI LTEF का ट्रैक रिकॉर्ड शानदार रहा है. (Image : Freepik)
SBI Long Term Equity Fund (ELSS) : एसबीआई म्यूचुअल फंड (SBI Mutual Fund) की टैक्स सेविंग स्कीम, एसबीआई लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड (SBI LTEF) ने अपनी शुरुआत के 32 साल पूरे कर लिए हैं. यह भारत की सबसे पुरानी इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ELSS) में से एक है, जो 3 साल के लॉक-इन पीरियड और टैक्स बेनिफिट्स के साथ आती है. अगर किसी निवेशक ने इस स्कीम में शुरुआत से अब तक हर महीने 5,000 रुपये की SIP की होगी, तो उसके निवेश की मौजूदा फंड वैल्यू 7.22 करोड़ रुपये तक पहुंच गई होगी. क्या आपको इस स्कीम में निवेश करना चाहिए? इस बारे में कोई भी फैसला करने से पहले स्कीम से जुड़ी अहम बातों को समझना जरूरी है.
SBI की टैक्स सेविंग स्कीम का ट्रैक रिकॉर्ड
SBI LTEF की शुरुआत 31 मार्च 1993 को हुई थी. यह एक ओपन-एंडेड इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम है, जिसमें निवेश करने पर धारा 80C के तहत टैक्स छूट मिलती है. लॉन्च के समय इसमें IDCW (Dividend) ऑप्शन था, जबकि बाद में 7 मई 2007 को ग्रोथ ऑप्शन जोड़ा गया. पिछला प्रदर्शन बताता है कि इस स्कीम ने लॉन्ग टर्म वेल्थ क्रिएशन के उद्देश्य को बखूबी पूरा किया है और निवेशकों को बेहतर रिटर्न दिए हैं.
बेंचमार्क से लगातार बेहतर रहा रिटर्न
SBI म्यूचुअल फंड की तरफ से जारी आंकड़ों के मुताबिक अगर किसी निवेशक ने SBI LTEF में लॉन्च से अब तक हर महीने 10,000 रुपये की SIP की होगी, तो 28 मार्च 2025 तक उसकी फंड वैल्यू 14.44 करोड़ रुपये हो चुकी होगी. जबकि इस दौरान उसका निवेश सिर्फ 38.5 लाख रुपये का होगा, जिस पर उसे 17.94% की दर से औसत सालाना रिटर्न (CAGR) मिला. इसी कैलकुलेशन के आधार पर 5000 रुपये की SIP की फंड वैल्यू 28 मार्च 2025 तक 7.22 करोड़ रुपये मानी जा सकती है.
SBI लॉन्ग टर्म इक्विटी फंड ने अलग-अलग अवधि में अपने बेंचमार्क इंडेक्स (BSE 500 TRI) से बेहतर रिटर्न दिए हैं, जो नीचे दिए आंकड़ों से साफ है:
15 साल का औसत सालाना रिटर्न : 16.03% (बेंचमार्क 14.30%)
10 साल का औसत सालाना रिटर्न : 17.59% (बेंचमार्क 15.14%)
5 साल का औसत सालाना रिटर्न : 24.31% (बेंचमार्क 17.17%)
3 साल का औसत सालाना रिटर्न : 23.42% (बेंचमार्क 13.89%)
फंड मैनेजमेंट और AUM
SBI LTEF का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 31 मार्च 2025 को 27,730.33 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है. सितंबर 2016 से इस स्कीम के फंड मैनेजर दिनेश बालाचंद्रन हैं. मुख्य तौर पर इक्विटी में निवेश करने की वजह से इसे रिस्कोमीटर पर बहुत अधिक जोखिम (Very High Risk) की कैटेगरी में रखा गया है. लेकिन एसआईपी के जरिये लॉन्ग टर्म निवेश करने पर जोखिम को कम किया जा सकता है.
ओल्ड टैक्स रिजीम में टैक्स बचाने का अच्छा उपाय
SBI म्यूचुअल फंड की इस स्कीम ओल्ड टैक्स रिजीम अपनाने वाले निवेशकों के लिए टैक्स बचाने का अच्छा उपाय साबित हो सकती है. SBI म्यूचुअल फंड के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर और जॉइंट सीईओ डी पी सिंह का कहना है कि "ओल्ड टैक्स रिजीम के तहत निवेशकों को अपनी इनवेस्टमेंट स्ट्रैटजी को व्यापक नजरिये से देखना चाहिए. इसमें केवल टैक्स बचाने की बजाय, टैक्स और इंफ्लेशन एडजस्टेड रिटर्न्स के जरिये वेल्थ क्रिएशन की संभावना को भी ध्यान में रखना चाहिए. इस लिहाज से SBI Long Term Equity Fund अपने 32 साल के ट्रैक रिकॉर्ड के साथ लॉन्ग टर्म वेल्थ क्रिएशन के लिए एक अच्छा विकल्प बना हुआ है."
किन निवेशकों के लिए सही है यह स्कीम?
SBI Long Term Equity Fund उन निवेशकों के लिए एक बेहतरीन विकल्प है, जो लॉन्ग टर्म वेल्थ क्रिएशन के साथ-साथ टैक्स सेविंग के लिए ELSS में निवेश करना चाहते हैं. निवेशकों को इसमें लंबी अवधि के नजरिए से निवेश करना चाहिए और अपने फाइनेंशियल गोल्स को ध्यान में रखते हुए फैसला लेना चाहिए. हालांकि यह एक इक्विटी-आधारित स्कीम है, इसलिए इसमें उतार-चढ़ाव की संभावना बनी रहती है. लिहाजा निवेश का फैसला करने से पहले अपनी रिस्क लेने की क्षमता को ध्यान में रखना चाहिए. साथ ही इस बात का ख्याल भी रखना चाहिए कि इक्विटी फंड के पिछले रिटर्न के भविष्य में जारी रहने की कोई गारंटी नहीं होती.
(डिस्क्लेमर : इस आर्टिकल का उद्देश्य सिर्फ जानकारी देना है, किसी स्कीम में निवेश की सलाह देना नहीं. निवेश का कोई भी फैसला पूरी जानकारी हासिल करने के बाद और अपने इनवेस्टमेंट एडवाइजर की सलाह लेकर ही करें.)